Thursday, January 2, 2025
- Advertisement -

पढ़िए, फिल्म ‘मिली’ का दिलचस्प रिव्यू

जनवाणी ब्यूरो |

नई दिल्ली: जाह्नवी कपूर और सनी कौशल की फिल्म ‘मिली’ रिलीज हो चुकी है। फिल्म की कहानी काफी दिलचस्प बताई जा रही है। एक मिडिल क्लास फैमिली से ताल्लुक रखने वाली मिली के सपने बड़े हैं। मिली कनाडा जाकर अपनी नर्सिंग की पढ़ाई पूरी कर जॉब करना चाहती है। ताकि वो फाइनैंशियली अपने पापा की हेल्प कर सके, लेकिन शायद जिंदगी को कुछ और ही मंजूर होता है।

08 1

भले ही सोशल मीडिया पर साउथ वर्सेज बॉलीवुड को लेकर कितना भी बवाल कटे, लेकिन दोनों ही एंटरटेनमेंट इंडस्ट्री एक दूसरे से प्रेरित रहे हैं। खासकर पिछले कुछ समय से बॉलीवुड पर यह आरोप लगता रहा है कि कहानी और कॉन्सेप्ट के मामले में यह इंडस्ट्री साउथ की हिट फिल्मों पर कई बार निर्भर रही है। वॉन्टेड, कबीर सिंह, जर्सी जैसी तमाम फिल्में रही हैं अब इस क्रम में जाह्नवी कपूर की फिल्म मिली भी जुड़ने जा रही है। मिली मलयालम फिल्म हेलेन की ऑफिशियल रीमेक है। ‘मिली’ का निर्देशन भी हेलेन के डायरेक्टर मथुकुट्टी जेवियर ने ही किया है। मथुकुट्टी को ‘हेलेन’ के लिए ही 67वां नेशनल अवॉर्ड मिला था।

फिल्म

देहरादून की रहने वाली मिली नौडियाल अपने पापा (मनोज पाहवा) की एक आदर्श बेटी है। एक मिडिल क्लास फैमिली से ताल्लुक रखने वाली मिली के सपने बड़े हैं। मिली कनाडा जाकर अपनी नर्सिंग की पढ़ाई पूरी कर जॉब करना चाहती है ताकि वो फाइनैंशियली अपने पापा की हेल्प कर सके। फिलहाल एक इंश्योरेंस एजेंट के रूप में काम कर रहे पापा की मदद के मिली शहर के एक मॉल स्थित फूड जॉइंट में पार्ट टाइम जॉब करती है।

इस बीच मिली अपनी इंग्लिश की क्लास ले रही है ताकि विदेश में उसके कॉन्फिडेंस में कोई कमी नहीं आए। मिली चाहती है कि उसका बॉयफ्रेंड समीर (सनी कौशल) भी किसी जॉब में सेटल हो जाए जिससे आगे चलकर शादी में कोई दिक्कत नहीं हो। अपनी इन्हीं प्लानिंग के बीच लाइफ को बैलेंस कर रही मिली की जिंदगी एक नया मोड़ लेती है, जब वो बॉयफ्रेंड समीर संग ड्रिंक एंड ड्राइव केस में फंस जाती है। इस घटना के बाद मिली और उसके पापा के बीच दूरी बढ़ जाती है।

mili

कहानी उस वक्त शुरू होती है, जब अगले दिन वो अपनी जॉब के लिए निकलती है। काम के दौरान लेट नाइट अपने रेस्त्रां के कोल्ड फ्रीजर रूम में रात को फंस जाती है। फ्रीजर का टेंप्रेचर लगभग माइनस 17 डिग्री तक जा पहुंचता है। अब क्या मिली इस जगह सरवाइव कर पाती है? मिली की खोज में निकले उसके पापा और बॉयफ्रेंड उस तक पहुंच पाते है या नहीं? कहानी इसी के ईर्द-गिर्द घूमती है।

डायरेक्शन

डायरेक्टर मथुकुट्टी जेवियर ने हेलेन में अपने निर्देशन के लिए नेशनल अवॉर्ड जीता था। हिंदी रीमेक के दौरान भी उन्होंने फ्रेम दर फ्रेम फिल्म को पर्दे पर उतारा है। हेलेन से तुलना करने के बजाए, केवल इस फिल्म की बात करते हैं, सरवाइवल थ्रिलर जॉनर में बनी यह फिल्म आपको हर मोड़ पर एक्साइट करती है। एक इंसान के सामने अगर इस तरह की चुनौतीपूर्ण परिस्थिती आ जाए और उस स्थिति में किस तरह सरवाइव किया जाए, दर्शकों के लिए यह हमेशा दिलचस्प टॉपिक रहा है।

फर्स्ट हाफ का आधा से ज्यादा हिस्सा, मिली और उसकी दुनिया को दिखाने में स्टैबलिश किया गया है। जो थोड़ा सा ड्रैग लगता है हालांकि फिल्म में बाप बेटी की बॉन्डिंग बहुत ही नैचुरल के साथ-साथ इमोशनल दिखाई पड़ती है। पापा-बेटी के सिगरेट पीने की नोंक-झोंक, बेटी की गुमशुदा होने के बाद पिता की बेबसी फिल्म में कैप्चर कर इमोशन को बैलेंस करने का काम बखूबी किया है। फर्स्ट हाफ से ज्यादा दिलचस्प इंटरवल के बाद होता है। कहानी तेज रफ्तार से आगे बढ़ती है और आपके जेहन में आगे क्या होगा की उत्सुकता क्लाइमैक्स के आखिर तक बनी रहती है।

टेक्निकल

फिल्म अपनी शुरुआत से ही परदे पर खूबसूरत दिखती है। इंट्रोडक्शन सीन के दौरान चींटी की वॉक को कैप्चर करना हो या उत्तराखंड के देहरादून को दिखाना हो, सिनेमैटोग्राफर सुनिल कार्तिकेयन की ईमानदारी पूरी नजर आती है। खासकर कोल्ड फ्रीज रूम में लिया गया हर एक फ्रेम आपको वहां होने का अहसास दिलाता है। एडिटर मोनिसा बलदावा का काम भी डिसेंट रहा है। निमिश शाह का बैकग्राउंड स्कोर थ्रिल के एंगल को और स्टैबलिश करने में मदद करता है। ए आर रहमान की म्यूजिक ने फिल्म में दो गाने दिए हैं, ‘सुन ए मिली’ और ‘तुम भी राही’, दोनों ही गाने फिल्म की मिजाज पर सटीक बैठते हैं।

एक्टिंग

फिल्म का मजबूत पक्ष इसकी कास्टिंग है। एक-एक किरदार मानों उन्हीं के लिए गढ़े गए हों। फिल्म ‘गुड लक जेरी’ में जाह्नवी अपनी एक्टिंग से लोगों का दिल जीत चुकी हैं लेकिन मिली के किरदार में फिल्म का भार अपने कंधे पर लिए जाह्नवी का इसे अब तक का बेस्ट परफॉर्मेंस कहा जा सकता है। साथ ही उन्हें अपने कंटेंपररी एक्ट्रेसेज से कहीं आगे ला खड़ा करता है।

mili2

उत्तराखंड की मासूम मिली से कोल्ड रूम में माइनस 17(-17) डिग्री का टॉर्चर झेलती मिली हर सीन में सहज लगी हैं। कहीं जगहों पर उसकी मासूमियत आपका दिल जीत लेती है। वहीं मनोज पाहवा की एक्टिंग फिल्म में सोने पर सुहागा का काम करती है। ये मनोज पाहवा की एक्टिंग की सहजता है कि वो मीडिल क्लास के पिता को बखूबी रीप्रेजेंट करते हैं। बायफ्रेंड बने सनी कौशल बॉय नेक्स्ट डोर के रूप में जचते हैं। संजय सूरी की एंट्री कहानी में रोमांच पैदा करती है। हां, यहां एक किरदार को भुलाया नहीं जा सकता है, वो सीनियर कॉन्स्टेबल सतीश रावत (अनुराग अरोड़ा) , उनकी परफॉर्मेंस देखकर आप उनसे नफरत करते हैं और यहीं बतौर एक्टर वो अपना काम ईमानदारी से निभा जाते हैं।

What’s your Reaction?
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
+1
0
spot_imgspot_img

Subscribe

Related articles

Rule Changed: नए साल पर होंगे ये बदलाव,यहां जानें किन चीजों पर पड़ेगा असर और कहां मिलेगी राहत?

नमस्कार,दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और...

प्रेमचंद की गाय

उन दिनों प्रसिद्ध उपन्यास-लेखक मुंशी प्रेमचंद गोरखपुर में अध्यापक...

नए साल में और बढ़ेगा तकनीक का दायरा

वर्ष 2025 के बारे में चाहे किसी ने आशावादी...

केन बेतवा नदी जोड़ का गणित

लगभग 44 साल लगे नदियों को जोड़ने की संकल्पना...

हिंडन का जल स्तर बढ़ने से हजार बीघा फसल जल मग्न

जनवाणी संवाददाता | जानी खुर्द: हिंडन नदी का अचानक जल...
spot_imgspot_img