दुर्गा प्रसाद शुक्ल
मुंहासों का आगमन किशोरावस्था के साथ ही होता है और ये चेहरे को ही अपना निशाना बनाते हैं। ये 12 से 24 साल तक की उम्र वाले लोगों को ही प्रभावित करते हैं लेकिन यह जरूरी नहीं है कि सभी लोगों को मुंहासे निकलें। दस लोगों में से आठ लोगों को कम या ज्यादा मुंहासे निकलते हैं। कभी-कभी ये मुंहासे पक भी जाते हैं और इनमें मवाद भर जाता है। तब इन्हें छूने मात्र से भी दर्द होने लगता है। प्राय: युवक या युवतियां इन्हें अपने नाखूनों से फोड़ते रहते हैं किंतु उन्हें ऐसा नहीं करना चाहिए। इससे त्वचा में संक्रमण होने का खतरा रहता है। मुंहासे चेहरे को बदसूरत तो बनाते ही हैं पर जब किशोर-किशोरियां हर किसी की बताई दवाएं या लेप अपनाने लगते हैं या फिर नीम-हकीमों के चक्कर में पड़ जाते हैं और उनकी बताई विधियां गलत असर कर जाती हैं तो चेहरे पर इनके दाग-धब्बे भी पड़ जाते हैं। इसलिए जब भी मुंहासे निकलने शुरू हों तो किसी कुशल सौन्दर्य विशेषज्ञ या स्किन स्पेशलिस्ट से परामर्श अवश्य लेना चाहिए।
क्यों आते हैं कील-मुंहासे: यौवन की दहलीज पर कदम रखते ही किशोर-किशोरियों में होने वाले हार्मोनल परिवर्तनों से चेहरे पर मुंहासे निकलने शुरू हो जाते हैं। इसके अलावा खाने पीने की गलत आदतें भी इसकी जिम्मेदार होती हैं। समय पर भोजन न करना, खूब तली-भुनी चीजें खाना, खानें में स्टार्च, चीनी और वसा का अधिक प्रयोग इनका कारण होता है। कब्ज बने रहने से भी मुंहासे हो जाते हैं। अस्वस्थ वातावरण में रहने से भी मुंहासे हो जाते हैं। अधिक मात्र में चाय, काफी, तम्बाकू सेवन से भी मुंहासे हो जाते हैं। चेहरे पर अधिक मेकअप करने से चेहरे की त्वचा के रोमछिद्र बंद हो जाते हैं। इसके कारण भी मुंहासे निकल आते हैं। तैलीय त्वचा के कारण भी गंदगी और धूल जम कर रोमछिद्रों को बंद करती है और इससे मुंहासे निकल आते हैं। अधिक शराब का सेवन करने से मुंहासे निकलते हैं।
कृत्रिम उपचार: मुंहासों के उपचार के किसी लेप अथवा मलहम के इस्तेमाल से स्थाई लाभ नहीं होता। इससे वसा ग्रन्थियां अस्थाई रूप से दब जाती हैं। यदि चेहरे पर मुंहासे हों तो चेहरे की अच्छी तरह से सफाई करनी चाहिए। दिन में दो या तीन बार क्लींंिजंग मिल्क या जॉनसन बेबी लोशन कॉटन पर लगाकर चेहरा साफ करना चाहिए। फिर स्वच्छ जल से चेहरा अच्छी तरह से धोना चाहिए।
चेहरे की सफाई के लिए साधारण साबुन का उपयोग कतई नहीं करना चाहिए। हमेशा मेडीकेटिड या एंटीसेप्टिक साबुन या फेस वाश ही इस्तेमाल करना चाहिए। चेहरे की त्वचा की बाहरी सफाई करने से ज्यादा जरूरी है त्वचा की अंदर से सफाई करना। इसके लिए कम से कम एक बार पांच से आठ मिनट तक भाप लेना जरूरी है। भाप लेने के लिए एक भगौने में पानी खौलाएं। उसमें एक बड़ा चम्मच सोड़ा बाईकाबोर्नेट डालें और तौलिये से ढककर चेहरे पर भाप दें। इसके बाद बर्फ से मालिश करें और एस्ट्रिंजेंट लगाएं। कब्ज से बचें, पेट हमेशा साफ रखें।