खाना खाने के बाद तुरंत सोना अहितकर होता है, इसलिए सोने से कम से कम दो घंटे पहले खाना अवश्य खा लेना चाहिए। भोजन के बाद कुछ देर टहलना हितकारी होता है। सोने से पूर्व हाथ-पैर, मुंह को अच्छी तरह से पानी से साफ कर लेना चाहिए। इससे आप तरोताजा महसूस करेंगे तथा नींद भी अच्छी आएगी। कम से कम छ: घंटे की नींद बहुत ही आवश्यक होती है। पेट में गैस, श्वास संबंधी कठिनाइयों एवं मूत्रशय संबंधी रोग भी अनिद्रा नामक बीमारी को पैदा करते हैं। इसी लिए इन शारीरिक बीमारियों को जड़ से समाप्त करने की आवश्यकता होती है।
अनिद्रा एक ऐसी व्याधि है, जिससे ग्रसित व्यक्ति को लाख कोशिश के बाद भी नींद नहीं आती। अगर नींद आ भी जाती है तो अच्छी नहीं आती। जबरदस्ती बिछावन पर लेटकर नींद लाने का प्रयास किया जाता है तो शायद कुछ देर के लिए नींद आ जाती है और थोड़ी सी आहट होते ही नींद टूट जाती है। जिस व्यक्ति को ऐसी नींद आती है, वह नींद में भी बेचैन रहने लगता है।
नींद न आना, नींद कम आना या फिर बीच-बीच में नींद का टूटना, हमारी दिनचर्या, जीवन की गतिविधियों तथा स्वास्थ्य पर बहुत ही गहरा व बुरा असर डालता है। अनिद्रा मानव के मन मस्तिष्क पर असर डालकर शारीरिक, मानसिक व मनोवैज्ञानिक विकृतियां पैदा करने में माहिर होती है।
असल में नींद न आने की एक प्रमुख वजह मानव का तनावग्रस्त रहना है। वर्तमान समय में मानव हर वक्त चिंता, ईर्ष्या, द्वेष व विवादों में उलझा रहता है। इसका अंजाम यह होता है कि शरीर की कोशिकाएं हर वक्त तनी हुई रहती हैं और शिथिल नहीं हो पाती जिससे मानव शरीर को आराम नहीं मिल पाता। इसी वजह से मानसिक उत्तेजना के रहते नींद नहीं आती। अगर नींद आती भी है तो जल्दी टूट जाती है।
अनिद्रा का शिकार व्यक्ति चिड़चिड़ा हो जाता है। उसका दिल किसी भी कार्य में नहीं लगता। वह हर वक्त तनावग्रस्त रहता है। इस परिस्थिति से निजात पाने के लिए रोगी नशे का भी सहारा ले लेता है। विदित हो कि अनिद्रा की बीमारी मनुष्य की सहन शक्ति को समाप्त कर देती है तथा मनुष्य को क्र ोधित करने में भी सहायक होती है।
ऐसा पाया गया है कि अनिद्रा की स्थिति महिलाओं में व्यापक होती जा रही है। महिलाएं घर-गृहस्थी के कार्यो में विशेष तौर पर उलझी रहती हैं। पारिवारिक समस्याओं का सामना सीधे तौर पर उन्हें ही करना पड़ता है इसलिए वे घर गृहस्थी के कार्यों से बेहद चिंतित रहती हैं। साथ ही बच्चों की स्थिति एवं भविष्य निर्माण को लेकर भी महिलाएं विशेष चिंतित पायी जाती हैं जिसका अंजाम होता है कि महिलाओं में अनिद्रा की बीमारी विशेष तौर पर फैलती है।
ऐसी बात नहीं है कि अनिद्रा नामक बीमारी लाइलाज है। बस यदि हम अपने दिनचर्या, खानपान, रहन-सहन इत्यादि में मात्र कुछ सावधानी बरतें तो अनिद्रा जैसी बीमारी से निजात मिल सकती है और वह कभी भी हमारे पास नहीं आ सकती। बेकार की चिंता न करना, मन में सकारात्मक विचारों को ही स्थान देना तथा सोते वक्त दुनियादारी को सर्वथा भुलाने का प्रयास करना हितकर होता है।
दिनभर बेकार न बैठें क्योंकि निरर्थक बैठने वाले भी अनिद्रा के शिकार होते हैं इसलिए शारीरिक श्रम करना चाहिए। इससे नींद आने की प्रबल संभावनाएं होती हैं। उसी कमरे में सोयें, जिसमें बाहरी हवा का आदान-प्रदान होता हो। तेज रोशनी में सोने का प्रयास कदापि न करें क्योंकि तेज रोशनी सर्वथा भारीपन का अहसास कराती है इसलिए सोते वक्त कमरे में हमेशा हल्की रोशनी ही रखनी चाहिए।
बिस्तर कदापि कष्टदायक न हो। अच्छी नींद के लिए आरामदेह व मुलायम बिस्तर का ही चयन करना चाहिए। शादीशुदा व्यक्तियों के लिए कामक्रीड़ा नींद की परमौषधि होती है। सार्थक कामक्रीड़ा से शरीर का तनाव दूर होता है तथा सुखद व अच्छी नींद आती है। सप्ताह में एक-दो बार की जाने वाली रतिक्रिया आपसी स्नेह को बढ़ाने के साथ ही सुखद नींद भी प्रदान करती है। रात्रि में अधिक देर तक जागना सेहत के लिए नुक्सानदेह हो सकता है।
खाना खाने के बाद तुरंत सोना अहितकर होता है, इसलिए सोने से कम से कम दो घंटे पहले खाना अवश्य खा लेना चाहिए। भोजन के बाद कुछ देर टहलना हितकारी होता है। सोने से पूर्व हाथ-पैर, मुंह को अच्छी तरह से पानी से साफ कर लेना चाहिए। इससे आप तरोताजा महसूस करेंगे तथा नींद भी अच्छी आएगी। कम से कम छ: घंटे की नींद बहुत ही आवश्यक होती है। पेट में गैस, श्वास संबंधी कठिनाइयों एवं मूत्रशय संबंधी रोग भी अनिद्रा नामक बीमारी को पैदा करते हैं। इसी लिए इन शारीरिक बीमारियों को जड़ से समाप्त करने की आवश्यकता होती है।
पेट मानव शरीर का प्रमुख अंग है। इसलिए यह आवश्यक है कि इसके लिए विशेष तौर पर ध्यान दिया जाये क्योंकि हम जो भी खाते हैं, उसका पाचन-स्थल पेट ही है। प्राय: लोगों को कब्ज की बीमारी सताती रहती है। कब्ज की परिस्थिति से निजात पाने के लिए सर्वथा प्रयास करना चाहिए ताकि पाचन क्रि या बेहतरीन ढंग से हो सके। विदित हो कि असंतुलित पाचन क्रि या नींद में खलल डालती है।
इस प्रकार नियमित दिनचर्या करके नींद को पाया जा सकता है और सेहत को बनाये रखकर जीवन का आनन्द उठाया जा सकता है।
आनंद कुमार अनंत