जनवाणी संवाददाता |
शामली: भाकियू के एक मार्च 1987 को खेड़ीकरमू किसान आंदोलन में शहीद हुए जयपाल मलिक और अकबर अली सिंभलका को उनके शहादत दिवस पर श्रद्धासुमन अर्पित किए गए।
बिजली की बढ़ी हुई दरों को लेकर भारतीय किसान यूनियन के संस्थापक स्वर्गीय चौधरी महेंद्र सिंह टिकैत के आह्वान पर एक मार्च 1987 को शामली में खेड़ीकरमू बिजलीघर पर आंदोलन का आह्वान किया गया था।
किसानों का सैलाब रोकने के लिए सरकार ने भारी पुलिस बल की व्यवस्था कर रखी थी। गांव काबड़ौत व कुडाना नदी के पुल पर बैरियर लगाए गए थे। किसानों का सैलाब बैरियर तोड़ते हुए शामली पहुंच गए।
शामली में बुढ़ाना रोड फाटक के पास पुलिस ने किसानों को रोकने का प्रयास किया जिसमें लाठी चार्ज और गोली किसानो पर चलाई गई। इस गोलीबारी में किसान जयपाल मलिक व अकबर अली शहीद हो गए थे। उनकी याद में प्रतिवर्ष जयपाल मलिक की प्रतिमा पर हवन व अकबर अली की मजार पर पुष्प अर्पित किए जाते हैं।
शुक्रवार को लांक चौराहे के पास जयपाल मलिक की प्रतिमा स्थल पर हवन के बाद किसानों को संबोधित करते हुए पर बोलते हुए भाकियू के राष्ट्रीय अध्यक्ष चौधरी नरेश राकेश टिकैत ने कहा कि इन शहीदों का बलिदान इतिहास कभी नहीं बुला सकता। टिकैत परिवार हमेशा किसानों की आवाज को हर सरकार के सामने उठाता रहेगा। आप सभी को मिलकर किसान हितों के लिए एकजुट हमेशा रहना चाहिए।
इसके बाद गांव सिंभालका में अकबर अली की मजार पर पुष्प अर्पित किए। हवन के पुरोहित राजवीर सिंह आर्य एवं यजमान जयपाल मलिक के भाई ऋषिपाल मलिक रहे।
मुख्य रूप से मुख्य रूप से गठवाला खाप के बाबा चौधरी राजेंद्र सिंह, थंबेदार श्याम सिंह थांबेदार, संजीव, अनिल मलिक, ओमपाल मलिक, विदेश मलिक, महावीर, सिंह ठाकुर जगत सिंह गोटखा, राज बहादुर, संजीव प्रधान, सर्वेश कुमार, नीरज कुमार आदि मौजूद रहे।