Monday, July 1, 2024
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बवाल, कर्फ्यू और इंटरनेट ठप, अराजकर तत्वों ने दिया घटना को अंजाम, भड़की हिंसा के बाद अब डीएम ने की प्रेस कांफ्रेस

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जनवाणी ब्यूरो |

हल्द्वानी: बनभूलपुरा में गुरुवार शाम को अतिक्रमण हटाने को लेकर बवाल हो गया। जिसके बाद प्रशासन ने देर शाम उपद्रवियों के पैर में गोली मारने के आदेश जारी किए। इस दौरान छह लोगों की मौत हो गई। प्रशासन ने शहर में कर्फ्यू लगा दिया है।

डीएम ने कहा कि पंद्रह-बीस दिन से हल्द्वानी में अलग-अलग जगहों पर और उससे पहले भी उच्च न्यायालय के आदेश पर भी अतिक्रमण पर कार्रवाई हुई हैं। सरकार द्वारा भी अवैध अतिक्रमण हटाए जाने के लिए जिला स्तर पर टास्क फोर्स गठित की गई। सरकारी संपत्तियों की सुरक्षा के निर्देश दिए गए।

सभी जगह विधिक रूप से कार्रवाई की गई है। सबकी बात सुनने के बाद हम आगे बढ़े। किसी विशेष संपत्ति को टारगेट करके नहीं किया गया। किसी को उकसाने की कोशिश नहीं की गई, लेकिन कुछ अराजकर तत्वों द्वारा इस घटना को अंजाम दिया गया।

हल्द्वानी में हुई हिंसा को लेकर जिलाधिकारी वंदना ने पत्रकारावार्ता में कहा कि कल तीन तरीके से हमला हुआ था। पहले पत्थरबाजी की गई। फिर पेट्रोल पंप जलाया और फिर थाना फूंका गया। हमारी कल भी सुरक्षा व्यवस्था पूरी थी। जिलाधिकारी ने कहा कि नगर निगम की टीम जहां थाना फूंका गया वहां सफाई करने गई है। सुरक्षा व्यवस्था पूरी की गई है।

उठ रहा सवाल… कार्रवाई से पहले सर्वे क्यों नहीं
मलिक का बगीचा में बने अवैध मदरसे और धर्म स्थल को तोड़ने के लिए नगर निगम, प्रशासन और पुलिस की टीम क्षेत्र में बिना हवाई सर्वे के ही घुस गई। बीते चार फरवरी के विरोध के बावजूद पुलिस, प्रशासन और नगर निगम की टीम ने मामले को हल्के में ले लिया। कई मौकों पर ड्रोन से निगरानी करने वाले पुलिस प्रशासन कार्रवाई से पहले हवाई सर्वे तक नहीं करा पाया।

संवेदनशील जगहों पर बढ़ाई गश्त
बवाल के बाद पुलिस को अलर्ट पर रखा गया है। जिले में मिश्रित आबादी वाले थाना क्षेत्रों में संवेदनशील जगहों पर गश्त बढ़ा दी गई है। साथ ही दो कंपनी, दो प्लाटून पीएसी को हल्द्वानी भेजा गया है।ध्वस्तीकरण वाले नोटिस पर रोक पर सुनवाई 14 को मलिक का बगीचा और अच्छन का बगीचा क्षेत्र में अतिक्रमण के ध्वस्तीकरण वाले नोटिस पर रोक लगाने संबंधी याचिका पर हाईकोर्ट में सुनवाई 14 फरवरी को होगी। न्यायमूर्ति पंकज पुरोहित ने मामले की सुनवाई की।

दूसरे जिलों से आई पुलिस को नहीं था हालात का अंदाजा
बनभूलपुरा की तंग गलियों में उपद्रवियों को खदेड़ने के लिए अंदर घुस रही पुलिस फोर्स उनके ही जाल में फंसती नजर आई। घरों की छतों से पुलिसकर्मियों पर लगातार पथराव होता रहा। बमुश्किल गलियों से बचते-बचाते पुलिसकर्मी किसी तरह मुख्य सड़क पर आ सके। जानकारों की मानें तो बनभूलपुरा में भेजी गई पुलिस फोर्स दूसरे जिलों या अन्य थानों से आई थी जिन्हें इस इलाके का अंदाजा तक नहीं था। अधिकारियों के आदेश का पालन पूरा करने के लिए फोर्स अंदर तो घुस गई, लेकिन वह चक्रव्यूह में फंस गई, जिस कारण जान भी सांसत में आ गई।

वाटर कैनन और हवाई फायरिंग से भी नहीं रुके
बलभूलपुरा क्षेत्र में आग बुझाने पहुंची दमकल विभाग के वाहन को देखते ही उपद्रवियों ने पथराव शुरू कर दिया। इस पर पुलिस ने वाटर कैनन गन से उपद्रवियों पर पानी की बौछार कर उन्हें रोकने की कोशिश की। मगर, पथराव कम होने की बजाय बढ़ गया।

350 से अधिक बार हुई हवाई फायरिंग
मलिक के बगीचे के चारों ओर से पथराव में फंसने के बाद किसी तरह पुलिस फोर्स यहां से निकलकर मुख्य सड़क पर पहुंच सकी। मगर यहां भी बनभूलपुरा थाने को आग के हवाले कर दिया गया था। आग बुझाने पहुंचे दमकल वाहन को भी उपद्रवियों ने आग लगा दी। जिसके बाद पुलिस ने उपद्रवियों को तितर बितर करने के लिए हवाई फायरिंग की। इस दौरान एके 47, एसएलआर और पिस्टल से पुलिस ने करीब सैकड़ों राउंड हवाई फायरिंग की। इसके बाद भी पथराव होने पर पैरों में गोली मारी जाने लगी। जानकारी के अनुसार उपद्रवियों को खदेड़ने के लिए पुलिस टीम ने 350 राउंड से अधिक बार फायरिंग की। जिसके बाद लोग मौके से इधर उधर होने लगे।

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