- उनकी माली हालत ऐसी भी नहीं कि विधि विधान से अंतिम संस्कार करा सकें
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: लोहिया नगर धमाके में मृतकों के आश्रितों को मुआवजे की मांग को लेकर मरने वालों के रिश्तेदारों ने गुरुवार शाम जमकर हंगामा किया। उनका कहना था कि जो लोग मरें हैं उनकी माली हालत ऐसी भी नहीं कि विधि विधान से अंतिम संस्कार करा सकें। इनके मरने के साथ ही परिवार से कमाने वाले का साया भी उठ गया है। वहीं दूसरी ओर गुरुवार शाम को पांचों शवों का पोस्टमार्टम कर दिया गया। पोस्टमार्टम के बाद जब शवों को सौंपे जाने की बारी आयी तो जो मरने वालों के जो रिश्तेदार बिहार के आरा के गांव कोइल से आए थे, उन्होंने शव लेने से इंकार कर दिया।
उन्होंने मुआवजा दिलाए जाने की मांग की। इन रिश्तेदारों में शामिल महिलाओं का कहना था कि वो दो दिन यहां पडेÞ हैं। मेरठ प्रशासन का कोई अफसर उनकी सुध तक लेने नहीं आया। उन्होंने बताया कि यदि परिवार की माली हालत अच्छी होती तो बिहार के आरा जिला से इतनी दूर मजदूरी करने के नाम पर मरने क्यों आते। हंगामा करने वालों का कहना था कि प्रशासन इतना इंतजाम करा दे कि कुछ दिनों की गुजर बसर हो जाए। मरने वाले इन सभी लोगों के परिवार की हालात का अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि उनके पास रहने के लिए घर तक नहीं हैं।
गांव के किनारे पर कच्ची झोपड़ियों में रहते हैं। इनमें एक के तो डेढ़ साल का बच्चा है। ऐसे में यदि प्रशासन मदद नहीं करेगा तो फिर किस के आगे जाकर हाथ फैलाएंगे। शव लेने से इंकार और मुआवजे की मांग को लेकर हंगामा कर रहे इन लोगों को पुलिस वालों ने किसी प्रकार समझाया और फिर शवों को यहां से ले जाने के लिए अपनी ओर से ही परिवहन की व्यवस्था भी करा दी। इससे पहले लोहिया नगर थाना पुलिस ने जितने भी लोग बिहार से यहां पहुंचे थे उनके लिए रहने और खाने का भी इंतजाम कराया था। गुरुवार की दोपहर को कोइल से और ज्यादा लोग यहां मोर्चरी पर पहुंच गए थे। देर शाम जब पांचों शवों को लेकर ये लोग रवाना हो गए तो पुलिस वालों ने भी राहत की सांस ली।