- …तो पटाखों के लिए की जा रही थी मानव तस्करी, लोहिया नगर की पटाखा फैक्ट्री में झांसा देकर लाए गए थे श्रमिक
- गौरव का रिश्तेदार बिहार से झांसा देकर लाया था अपने गांव से गरीब श्रमिक
- मेरठ में हजार रुपये की दिहाडी पर भी जिस काम को तैयार नहीं बिहार से 300 की दिहाडी पर थे बुलाए
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: लोहिया नगर की पटाखा फैक्ट्री में काम कराने के लिए गरीब श्रमिकों की मानव तस्करी की गयी थी। दरअसल, गरीबी और गुरबत के चलते बिहार के आरा जिले के गांव के कुछ श्रमिक जो एक-दूसरे से अच्छी तरह से वाकिफ थे, को यूपी के मेरठ में अच्छा काम व अच्छी पगार का पहले झांसा दिया गया था। गरीबी और गुरबत में गुजर बसर करने वाले ये श्रमिक झांसे में आ गए और काम और अच्छी पगार गुजर बसर का लालच उन्हें मौत के मुंह में ले गया।
जो लाया था वो भी मर गया
बिहार के आरा जिले से रूपशाह नाम का जो शख्स इन गरीब श्रमिकों को अच्छी पगार का झांसा देकर लाया था लोहिया नगर में हुए धमाके में उसकी भी जान चली गयी, उसके साथ जो बाकी लोग उसके गांव के मरे हैं उसका गुनाहगार रूपशाह को ही माना जा रहा है।
आरा जिले के थाना चरपोखरी के गांव कोइल से बुधवार सुबह मेरठ पहुंचे लोगों में से गुरुवार को मेडिकल की मोर्चरी पर जनवाणी संवाददाता को कुछ लोग मिले और उन्होंने बताया कि किस प्रकार से वहां से गरीब श्रमिकों को नौकरी व अच्छी जिंदगी का झांसा देकर मेरठ की इस पटाखा फैक्ट्री में काम करने के लिए जाया जाता था।
फैक्ट्री मालिक का रिश्तेदार था रूपशाह
मेडिकल के मोर्चरी पर पहुंचे मृतकों के करीबियों ने बताया कि गांव से दूसरे गरीब मजूदरों को इस पटाखा फैक्ट्री में लाने वाला रूपशाह फैक्ट्री मालिक गौरव का रिश्तेदार है। दरअसल, रूप शाह की बेटी गुड़िया मेरठ के मेडिकल क्षेत्र के सराय में रहने वाले दीपक नाम के युवक से शादी हुई है।
बताया जाता है कि गुड़िया के पिता रूपशाह और फैक्ट्री मालिक गौरव का आपस में रिश्तेदारी है। मेरठ में जिस काम के लिए हजार रुपये दिहाडी पर भी श्रमिक नहीं मिलते हैं उस काम के लिए महज 300 रुपये की दिहाडी में रूपशाह की मार्फत गौरव ने श्रमिक मंगवा लिए जो तीन दिन पहले हुए धमाके में मारे गए।
मृतकों के परिजनों को क्यों रोकना चाहती थी गुड़िया?
मोर्चरी पहुंचे मृतकों के परिजनों ने बताया कि धमाके में मारे गए रूपशाह की बेटी गुड़िया बुधवार की सुबह उन्हें मोर्चरी पर मिली थी। मौत की खबर मिलने पर जितने भी लोग बिहार से आए थे, उन सभी को गुड़िया ने वापस लौट जाने को कहा। उन्हें डराया गया कि यदि वो यहां रुकेंगे तो पुलिस गिरफ्तार कर जेल भेज देगी,
लेकिन गुड़िया के झांसे में ये लोग नहीं आए और पुलिस वालों तक पहुंचने के लिए इधर-उधर भटकते रहे। बिहार से आए लोगों ने यहां तक आरोप लगाया कि गुड़िया व उसके पति दीपक से रूपशाह पर दबाव बनाकर ही फैक्ट्री मालिक गौरव ने सस्ते श्रमिकों को बिहार से मेरठ बुलाया था।
पिता की मौत पर भी क्यों छिप रही बेटी?
सबसे बड़ा सवाल यही है कि गुड़िया का पिता रूपशाह इस भी धमाके में मार गया। पिता की मौत के बाद भी गुड़िया क्यों उसके गांव से आए लोगों से बजाय मिल ने के छिपती फिर रही है। उसका पति दीपक भी सामने आने से कन्नी काट रहा है। ये तमाम सवाल बिहार से आए लोगों को परेशान कर रहे हैं। गुड़िया व उसके पति दीपक की इस हरकत से उनका दुख और भी ज्यादा बढ़ गया है।
लाशें देखकर फूट-फूट कर रोए परिजन
लोहियानगर की पटाखा फैक्ट्री में हुए विस्फोट में मारे गए पांचों श्रमिकों के परिजन गुरुवार को मेरठ पहुंच गए। मोर्चरी पर अपनों की लाशें देखकर परिजन फफक-फफक कर रो पड़े। वहीं मौके से बारुद मिलने की भी एटीएस ने पुष्टि कर दी है, लेकिन पुलिस और प्रशासनिक अफसर इसे अभी भी साबुन की फैक्ट्री बता रहे हैं। हादसे के बाद अधिकारी पटाखे मिलने पर भी यहां पटाखे बनाने के कार्य से इनकार करते रहे।
हादसे में मारे गए प्रयाग शाह के साढू सीताराम साह ने बताया कि ठेकेदार रूपम ने चारों श्रमिकों को बिहार के भोजपुर से दिवाली पर रंग के काम के लिए कहकर बुलाया था। इसके लिए 400 प्रचारों श्रमिकों को जब फैक्टरी में आकर पता चला कि उन्हें दिवाली पर रंग के लिए नहीं बल्कि पटाखों के काम के लिए बुलाया गया है तो प्रयाग ने मना कर दिया। उसने वापस लौटने की बात कही तो ठेकेदार रूपम ने कहा कि अब उन्होंने पैसे ले लिए हैं,
अब यह काम करने के बाद ही दिवाली के बाद जाना। प्रयाग ने अपने पिता को फोन करके भी बताया था कि पिताजी ये लोग पटाखों का काम करा रहे हैं। यह बड़ा खतरनाक है। तिदिन की दिहाड़ी यानी 12000 महीने के तय किए गए थे। उन्हें अंदाजा भी नहीं था कि परिवार का पालने की मजबूरी उन्हें मौत के मुहाने तक ले जाएगी।
ये कहना है गुड़िया का
धमाके में मारे गए रूपशाह की बेटी गुड़िया से जब मोबाइल पर बात की गयी तो उसका कहना था कि वह नहीं जानती कि उसके गांव से कैसे ये लोग पटाखा फैक्ट्री में मेरठ काम करने आए गए। उसने यह भी बताया कि हो सकता है कि उसके रिश्तेदार व फैक्ट्री मालिक गौरव की उसके पिता रूपशाह से कोई बात हुई हो।
घटना की बरीकी से की जारी रही जांच
एडीएम सिटी ब्रिजेश सिंह ने बताया कि लोहियानगर विस्फोट कांड की जांच के लिए आठ विभागों की जो कमेटी बनायी गयी है। उसकी जांच रिपोर्ट आज शाम तक मिलने की उम्मीद है। तमाम विभागों के स्तर से पूरे मामले की बारीकी से जांच की जा रही है।