Monday, July 8, 2024
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सीएचसी में युवक की पिटाई पर बखेड़ा

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  • गर्भवती पत्नी को जांच के लेकर आए युवक पर वीडियो बनाने का आरोप, स्टाफ ने की पिटाई
  • गुस्साए ग्रामीणों ने सीएचसी प्रभारी और बीसीपीएम से की हाथापाई

जनवाणी संवाददाता |

सरधना: गुरुवार को सरधना सीएचसी में गर्भवती पत्नी की जांच के लिए आए एक युवक की स्टाफ ने पिटाई कर दी। आरोप था कि उसने डिलीवरी रूम में महिला की वीडियो बनाई। पिटाई के विरोध में गुस्साए ग्रामीणों ने सीएचसी प्रभारी का घेराव कर दिया।

बात इतनी बढ़ी कि ग्रामीणों ने प्रभारी व बीसीपीएम के साथ हाथापाई करते हुए लेपटॉप तोड़ दिया। ग्रामीणों ने सीएचसी अधीक्षक के आॅफिस में जमकर बखेड़ा किया। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ कोतवाली में तहरीर दी है। फिलहाल पुलिस मामले की जांच में लगी है।

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सरधना के भामौरी गांव निवासी बिट्टू पुत्र श्रीपाल गुरुवार को अपनी गर्भवती पत्नी की जांच कराने के लिए सीएचसी में आया था। काफी देर बीतने पर वह अंदर पत्नी को तलाश करने चला गया। तलाश करते हुए युवक डिलीवरी रूम तक पहुंच गया। स्टाफ का आरोप है कि युवक ने वहां वीडियो बनाई। जिसको लेकर उनकी कहासुनी हो गई। मामला इतना बढ़ा कि स्टाफ ने युवक की पिटाई कर दी।

इसके बाद युवक को चलता कर दिया। वहीं युवक का आरोप है कि स्टाफ उसकी पत्नी के साथ अभद्रता कर रहा था। विरोध करने पर उसकी पिटाई की गई। कार्रवाई से बचने के लिए वीडियो बनाने का आरोप लगा दिया। जबकि ऐसा कुछ नहीं हुआ। सीसीटीवी फुटेज में सच रिकॉर्ड है। ग्रामीणों को घटना का पता चला तो उनमें आक्रोश फैल गया। ग्राम प्रधान दिनेश सोम समेत काफी संख्या में ग्रामीणों ने सीएचसी प्रभारी का घेराव कर दिया।

जहां उनमें जमकर नोंकझोक हुई। मामला इतना बढ़ गया कि कुछ युवकों ने सीएचसी प्रभारी सचिन कुमार व बीसीपीएम इसरार के साथ हाथापाई करते हुए लेपटॉप उठाकर फेंक दिया। काफी देर तक जमकर बखेड़ा हुआ। सूचना मिलते ही पुलिस मौके पर पहुंच गई और स्थिति को काबू में किया।

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अधीक्षक ने कार्रवाई होने तक सीएचसी में ताला लगाने की चेतावनी दे डाली। दोनों पक्षों ने एक-दूसरे के खिलाफ कोतवाली में तहरीर दी है। फिलहाल पुलिस गहनता से जांच कर रही है। इस संबंध में सीएचसी प्रभारी डा. सचिन कुमार का कहना है कि आॅफिस में आकर मारपीट व तोड़फोड़ की गई है। मामले में आरोपियों के खिलाफ तहरीर दी गई है।

मारपीट करने का अधिकार किसने दिया?

दरअसल ग्रामीणों में गुस्सा इस बात का था कि युवक के साथ मारपीट की गई। ग्रामीणों का सीएचसी प्रभारी से कहना था कि जो भी आरोप युवक पर लगाए जा रहे हैं, उनकी जांच होकर कार्रवाई होनी थी। पुलिस बुलाकर युवक उनके हवाले कर देना था। मगर युवक के साथ मारपीट करने का अधिकार किसने दिया। इस सवाल का जवाब किसी के पास नहीं था।

बीसीपीएम के बोलने से बिगड़ी बात

ग्रामीणों और सीएचसी प्रभारी के बीच नोंकझोक हो रही थी। तभी बीसीपीएम इसरार ने बीच में स्टाफ क पक्ष रखने की कोशिश की। इस पर ग्रामीण भड़क गए। कुछ युवकों ने बीसीपीएम के साथ हाथापाई शुरू कर दी।

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