जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: मोरबी में झूला पुल टूटने से सवा सौ से ज्यादा लोगों की मौत से गुजरात समेत देशभर में दुख व्याप्त है। पीएम नरेंद्र मोदी स्वयं बेहद दुखी हैं और वे आज जायजा लेने के लिए मोरबी पहुंच रहे हैं, लेकिन मातम के बीच मोरबी के सरकारी अस्पताल के रंग रोगन की मीडिया रिपोर्ट से बवाल मच गया है। विपक्ष ने इस पर आपत्ति जताई है।
एक मीडिया रिपोर्ट में दावा किया गया है कि सोमवार आधी रात के बाद मोरबी अस्पताल में रंग रोगन किया गया, ताकि पीएम मोदी जब जायजा लेने आएं तो वह साफ सुथरा नजर आए। एक टीवी चैनल की रिपोर्ट में कहा गया है कि पीएम के दौरे के चंद घंटे पहले अस्पताल का कायापलट किया जा रहा था। खबर है कि अस्पताल की दीवारों व छतों पर करल किया गया है। नए कूलर लगाए गए है।
बता दें, रविवार को कैबल या झूला पुल ढहने से 134 लोगों की मौत हो गई और 100 से ज्यादा लोग घायल होने से अलग-अलग अस्पतालों में भर्ती हैं। पीएम मोदी मंगलवार को सिविल इन घायलों से मुलाकात करने वाले हैं।
कांग्रेस-आप का आरोप, भाजपा कर रही पीएम के फोटोशूट का इवेंट मैनेजमेंट
गुजरात के प्रमुख विपक्षी दल कांग्रेस तथा आगामी चुनाव में जोर आजमाने जा रही आम आदमी पार्टी ने इस रंग रोगन को लेकर भाजपा को आड़े हाथों लिया है। विपक्षी दलों ने आरोप लगाया कि भाजपा प्रधानमंत्री के ‘फोटोशूट’ के लिए इवेंट मैनेजमेंट में लगी हुई है।
एफआईआर में कंपनी का नाम नहीं
इस बीच, एक अन्य मीडिया रिपोर्ट में कहा गया है कि मोरबी हादसे के बाद दर्ज की गई एफआईआर में पुल की मरम्मत करने वाली कंपनी का नाम नहीं है। घटनास्थल का आज भी एक वीडियो सामने आया है। हादसे के बाद तीसरे दिन भी नदी में बचाव अभियान जारी है। पुलिस ने अब तक नौ लोगों को गिरफ्तार किया है।
#WATCH | Gujarat: Visuals from the site of the incident where a bridge collapsed in Morbi leaving 134 dead, as per the last updated death toll.
The search and rescue operations resumed at the spot this morning. #MorbiBridgeTragedy pic.twitter.com/cfNgsPM2hc
— ANI (@ANI) November 1, 2022
गुजरात में कल राजकीय शोक
गुजरात में एक दिन के राजकीय शोक का एलान किया गया है। मुख्यमंत्री कार्यालय के मुताबिक, मोरबी पुल हादसे के चलते राज्य में बुधवार को राजकीय शोक की घोषणा की गई है।
हादसे को लेकर सुप्रीम कोर्ट में याचिका दायर
मोरबी पुल हादसे का मामला सुप्रीम कोर्ट पहुंच गया है। कोर्ट में याचिका दायर कर सेवानिवृत्त न्यायाधीश की देखरेख में न्यायिक आयोग नियुक्त कर उससे जांच कराने की मांग की गई है। इसके अलाला याचिका में राज्य सरकारों को पुराने और जोखिम भरे स्मारकों, पुलों के सर्वेक्षण के लिए समिति बनाने के निर्देश देने की मांग की गई है।