- पूरे कैंट में अवैध निर्माण की बाढ़ जिम्मेदार सीईओ या ब्रिगेडियर
- हरियाली खत्म कर छावनी को बना दिया कंक्रीट का जंगल
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: इन दिनों पूरे कैंट क्षेत्र में अवैध निर्माण की बाढ़ आयी हुई है। लोग पूछ रहे हैं कि अवैध निर्माण के लिए कैंट बोर्ड के सदस्य या फिर सीईओ या ब्रिगेडियर जैसे अधिकारी जिम्मेदार हैं। अवैध निर्माणों कैंट बोर्ड ने पर जिस प्रकार से चुप्पी साध ली गयी है उसके चलते इस प्रकार के सवाल पूछे जा रहे हैं।
कैंट क्षेत्र में अवैध निर्माणों की बाढ़ से तो रही लग रहा है कि हुक्मरान सोए हुए हैं और कोई रोक सको तो रोक लो। कैंट बोर्ड इंजीनियरिंग सेक्शन हमेशा ही अवैध निर्माण को लेकर आस्तीनें चढ़ाए रहता है, लेकिन पिछले कुछ समय से जिस प्रकार से बोर्ड के सदस्यों के दखल के चलते अवैध निर्माणों को लेकर दबाव बनाया जा रहा है उसके चलते इंजीनियरिंग सेक्शन के हाथ बंधे नजर आते हैं।
हालांकि ऐसा नहीं कि बडेÞ निर्माण ध्वस्त नहीं किए गए हैं। पूर्व में कई बडे अवैध निर्माणों पर चाबुक चला है। वेस्ट एंड रोड और इंडाना के समीप चलाए गए ध्वस्तीकरण अभियान इसके सबूत हैं। जितने भी अवैध निर्माण चल रहे हैं उनमें बोर्ड के सदस्यों भूमिका की यदि जांच कराई जाए तो एक ही दिन में करीब दर्जन भर अवैध निर्माणों का ध्वस्तीकरण संभव है।
कुछ तो ऐसे हैं जिनमें जितने की अनुमति दी गयी है उससे ज्यादा अवैध निर्माण कर लिया गया है। इन दिनों जो अवैध निर्माण चर्चा में हैं उनमें सोतीगंज में एक फ्लोर की अनुमति थी, लेकिन सेटिंग के चलते दो मंजिल बना दी गयीं। रजबन करई गंज में एक महिला ने सरकारी जमीन पर कब्जा वहां पक्का फर्श डाल दिया है।
इसकी शिकायत के बाद भी सदस्य के प्रेशर में कार्रवाई नहीं की गयी। इसी प्रकार लालकुर्ती जामुन मोहल्ला में भी अवैध निर्माण जारी है। संदर कबाड़ी बाजार में शिव मंदिर के सामने अवैध निर्माण जारी है। यहां आरसीसी का लिंटर डाला गया है। साउथ एंड रोड भूसा मंडी बंगला 240 में इन दिनों अवैध निर्माण जारी है।
कैंट चाट बाजार हिल स्ट्रीट बंगला 83 के बाहर भी अवैध निर्माण किया जा रहा है। यहां हाथों हाथ पुताई भी करा दी गयी है ताकि अवैध निर्माण को पुराना निर्माण बताया कर आंखों में धूल झोंकी जा सके। लालकुर्ती बकरी मोहल्ला में भी अवैध निर्माण किया जा रहा है।