- रुकने का नाम नहीं ले रही हैं कारीगरों को सोना लेकर भागने की घटनाएं, व्यापारियों में आक्रोश
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: सदर बाजार थाना के सराफा बाजार के दो ज्वैलर्स का लाखों रुपये कीमत का बताया जा रहा सोना लेकर एक बंगाली कारीगर शहर छोड़कर फरार हो गया है। सूत्रों ने जानकारी दी है कि सदर के कलाल निवासी पश्चिम बंगाल का रहने वाला हशमत मजदूरी पर सोने के जेबर बनाने का काम करता था। वह काफी समय से सदर सराफा बाजार के दुकानदारों के लिए मजदूरी पर आभषूण बना रहा था। फिलहाल सदर के दो दुकानदारों ने उसको करीब 15 लाख रुपये कीमत का सोना आभूषण बनाने के लिए दिया था।
आभूषण बनाकर देने की जो मियाद तय की गयी थी, जब उस मियाद पर वहां आभूषण लेकर नहीं पहुंचा तो उन्होंने कलाल खाना में जहां उसका घर था, वहां दुकान से नौकर को भेजा। घर पर ताला लटका हुआ था। संपर्क करने पर उसका मोबाइल भी स्वीच आॅफ आ रहा था। जिन दुकानदारों ने उसको आभूषण बनाने के लिए सोना दिया था, उन्होंने आपस में संपर्क किया। जहां भी वह मिल सकता था, उन सभी ठिकानों पर दुकानदार पहुंचे, लेकिन कहीं भी कोई सुराग नहीं लग सका।
पुलिस को सूचना से परहेज
यह भी पता चला है कि लाखों रुपये का सोना कारीगर के लेकर गायब होने की सूचना दुकानदारों ने पुलिस को दिए जाने में परहेज बरता है। आमतौर पर ऐसे मामलों में शहर व सदर सराफा बाजार के कारीगर कम ही मामलों में पुलिस को खबर करते हैं। कोशिश की जाती है कि आपस में ही मामले को निपटा दिया जाए। इस मामले में भी अभी ऐसा ही किया जा रहा है। सदर पुलिस ने किसी प्रकार की सूचना ने साफ इंकार किया है। पुलिस का कहना है कि यदि तहरीर आएगी तो जांच के बाद मामला दर्ज कर कार्रवाई की जाएगी।
बैंक का था भारी कर्जा
जिस कारीगर के सोना लेकर भागने की बात सामने आ रही है, उसके संबंध में यह भी पता चला है कि उसने मकान के लिए बैंक से काफी मोटा कर्जा लिया था। बैंक के कर्जे की तीन किश्त तो उसने खुद ही जमा कर दीं थी, करीब छह किश्तें ऐसी बतायी जा रही हैं जिसकी रकम उसने किसी अन्य को बैंक में जमा कराने के लिए दे दी थीं। बताया गया है कि जिस शख्स को उसने बैंक में जमा कराने के लिए ईएमआई की किश्त के पैसे दिए थे, उसने बजाए बैंक में जमा करने के पैसे खर्च कर दिए। करीब तीन किश्तों के पैसे जो हशमत द्वारा दिए गए बताए जा रहे हैं, वह उस शख्स ने अपने ही पास रख लिए या खर्च कर दिए।
बैंक वाले पहुंचे थे
बताया गया है कि सोना कारीगर को इसकी जानकारी तब मिली जब जिस बैंक से उसने मकान के लिए लोन लिया था वो वहां से अधिकारी पहुंचे। उन्होंने सख्ती से तकादा किया। इसके बाद ही कारीगर यहां से अपना मकान आदि बेचकर रातों रात गायब हो गया। दुकानदारों को जब तक इसकी भनक लगी तब तक काफी देर हो चुकी थी।
किसी ने नहीं किया संपर्क
मेरठ बुलियन टेÑडर्स एसोसिएशन के महामंत्री विजय आनंद अग्रवाल से जब इस संबंध में जानकारी की गयी तो उन्होंने अनभिज्ञता जाहिर करते हुए बताया कि अभी तक इस संबंध में सदर के किसी दुकानदार ने उनसे संपर्क नहीं किया है। यदि कोई संपर्क करेगा तो जरूर मदद की जाएगी।
खुलासों में खाकी की लेटलतीफी से कम हुआ भरोसा
कारीगरों के सोना लेकर भागने की घटनाओं के खुलासे में खाकी की लेटलतीफी के चलते अब ज्वैलर्स ऐसी घटनाओं की सूचना थाने तक पहुंचाने में कन्नी काटने लगे हैं। ऐसे मामलों में अब खाकी के प्रति ज्वैलर्स का विश्वास कम हुआ है। उसकी बड़ी वजह बीते तीन माह के भीतर शहर सराफा बाजार के थाना देहलीगेट व कोतवाली में दर्ज करायी गयी सात में से किसी भी एक घटना का खुलासा पुलिस ने नहीं किया है।
जानकारों का कहना है कि सदर सराफा मार्केट के दो दुकानदारों द्वारा सदर कलाल खाने में रहने वाले पश्चिम बंगाल के एक कारीगर के द्वारा लाखों रुपये कीमत का सोना लेकर भागने की सूचना पुलिस को ना दिए जाने के पीछे भी कुछ इसी प्रकार की वजह बतायी जा रही है। ऐसा नहीं है कि कारीगरों के सोना लेकर भागने की घटनाएं शहर व सदर सराफा बाजार में पहली बार हो रही हैं।
पूर्व में भी इस प्रकार की घटनाएं सामने आती रही हैं, लेकिन उनमें से ज्यादातर घटनाओं का खुलासा पुलिस के स्तर से कर दिया गया है। यह पहली बार हुआ है कि बीते तीन माह के भीतर कारीगरों के सोना लेकर भागने की सात घटनाएं हुई हैं और थाना कोतवाली व देहलीगेट पुलिस इनमें से किसी भी एक घटना का खुलासा नहीं कर सकी है।
गंभीरता से लें घटनाओं को
मेरठ बुलियन ट्रेडर्स एसोसिएशन के महामंत्री विजय आनंद अग्रवाल का कहना है कि ज्वैलर्स का सोना लेकर भागने की घटनाओं को पुलिस को गंभीरता से लेकर उनका खुलासा करने में तत्परता दिखानी चाहिए। समाज के किसी भी वर्ग का पुलिस के प्रति विश्वास कम होना कोई अच्छी बात नहीं है। इसलिए जितना भी शीघ्र हो सके पुलिस को सोना लेकर भागने के मामलों का खुलासा करना चाहिए।