- दिखेंगे कई परिवर्तन, 28 साल बाद हो रहा है शनि का मकर राशि में यह गोचर
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: 23 मई को 28 साल बाद शनि मकर राशि में वक्री होने जा रहे हैं। जिसका सभी राशियों पर काफी बड़ा परिवर्तन देखने को मिलेगा और इस परिवर्तन से कोरोना संक्रमण की रफ्तार में भी कुछ कमी आएगी।
बता दें कि 23 मई दोपहर 2 बजकर 53 मिनट पर शनि वक्री होंगे और 11 अक्टूबर को सुबह 7 बजकर 44 मिनट वह फिर से मार्गी होंगे। 28 साल बाद शनि अपनी मकर राशि में वक्री होने जा रहे हैं। शनि के मकर में गोचर से बहुत विचित्र परिवर्तन होंगे।
इस प्रकार शनि 141 दिन वक्री अवस्था में रहेंगे। शनि की साढ़े साती धनु मकर व कुंभ राशि पर चल रही है। मिथुन और तुला पर शनि की ढैया का प्रभाव है। शनि को मध्यम वर्ग, मजदूर वर्ग जनता का भी कारक माना जाता है। 28 साल बाद शनि अपनी मकर राशि में वक्री होने जा रहे हैं। शनि के मकर में गोचर से बहुत विचित्र परिवर्तन होंगे।
ज्योतिषाचार्य राहुल अग्रवाल ने बताया कि शनि अभी 19 डिग्री पर चंद्रमा के श्रावण नक्षत्र में है और मंगल की आठ दृष्टि शनि पर है। राहु भी चंद्रमा के रोहिणी नक्षत्र में है। चंद्रमा हमारे मन और भावनाओ का कारक है। शनि 11 अक्टूबर को श्रावण नक्षत्र में 12 डिग्री पर होंगे और पुन: मार्गी होंगे।
शनि के वक्री होने से कोरोना संक्रमण तेजी से कम होगा। जून तक कोरोना काफी कंट्रोल हो जाएगा। शनि के वक्री होने से भूकंप, आंदोलन, प्रजा में जन आक्रोश, असंतोष बढ़ेगा तो पड़ोसी देशों से तनाव हो सकता है। राज नेताओं अफसरों के पुराने केस खुलेंगे।
14 सितंबर के बाद तीसरी लहर के रूप में नई बीमारी का सामना करना पड़ सकता है जिसका प्रभाव तीन माह तक होगा। शनि के प्रकोप से बचने के लिए हर दिन हनुमान चालीसा का पाठ करना चाहिए।
इसके साथ ही शनि देव भगवान शिव, भगवान कालभैरव और हनुमान जी की पूजा से प्रसन्न होते हैं। शनि के अशुभ प्रभाव को कम करने के लिए शनि मंत्रों का जाप व व्रत के अलावा काले उड़द काले तिल, सरसों का तेल, काला वस्त्र, काले चने, कोयला व लोहे का दान करना चाहिए।
राशियों पर इस प्रकार पड़ेगा शनि का प्रभाव
मेष: कर्म भाव में शनि वक्री होने से आजीविका के लिए भागदौड़ करनी होगी और कर्म का फल मिलेगा।
वृष: पैसों के लिए थोड़ा परेशानी हो सकती है, धैर्य रखें, संयमित रहे व भाग्य का साथ देर से मिलेगा।
मिथुन: अष्टम भाव में शनि वक्री होंगे, स्वास्थ्य का ध्यान रखें और वाहन संभाल कर चलाएं।
कर्क: सप्तम भाव में शनि वक्री होंगे, दांपत्य जीवन में अनबन हो सकती है, विवाह साझेदारी कामों में रुकावट हो सकती है, लेकिन आर्थिक पक्ष ठीक रहेगा।
सिंह: राशि छह भाव में शनि वक्री होंगे, स्वास्थ्य का ध्यान रखें और शत्रु से सतर्क रहें, भागदौड़ बनी रहेगी।
कन्या: पंचम स्थान में शनि वक्री होंगे, संतान और शिक्षा की चिंता हो सकती है और आर्थिक पक्ष ठीक है।
तुला: मेहनत करें, अवसर मिलेंगे माता का स्वास्थ्य भी प्रभावित होगा, मानसिक तनाव भी हो सकता है। यात्रा व निवेश से बचें।
वृश्चिक: तीसरे स्थान पर शनि वक्री होंगे, सेहत और आर्थिक पक्ष ठीक रहेगा, पराक्रम में कमी आएगी और क्रोध पर नियंत्रण रखें।
धनु: दूसरे घर में शनि वक्री होंगे, वाणी संभल कर बोले, स्वास्थ्य का ध्यान रखें व खर्चों में वृद्धि हो सकती है और कोई झूठा आरोप लग सकता है।
मकर: मानसिक तनाव स्वास्थ्य का ध्यान रखें वाद-विवाद से बचें।
कुंभ: खर्चों में अधिकता होगी और व्यर्थ की भागदौड़ होगी, कर्ज लेने से बचें।
मीन: एकादश भाव में शनि वक्री हो रहे हैं, आय के नए स्रोत मिलेंगे, नए अवसर पर आपको प्राप्त होंगे।