जनवाणी संवाददाता |
बलरामपुर: जिले में शिक्षा की गुणवत्ता, निपुण भारत के लक्ष्यों की प्राप्ति, और अभिभावक व समुदाय की भागीदारी सुनिश्चित करने के लिए बलरामपुर जनपद में शिक्षा के क्षेत्र में एक महत्वपूर्ण कदम उठाया गया है, जहां जिला प्रशासन, शिक्षा विभाग और पीरामल फाउंडेशन के संयुक्त तत्वाधान में शिक्षा क्षेत्र को अत्याधिक बेहतर बनाने के लिए और समुदाय से जन सहभागिता सुनिश्चित करने के लिए अभियान के रूप में ‘स्कूल ट्रांसफॉर्मेशन रोडमैप’ की महत्वपूर्ण पहल की गई।
इस पहल के तहत, 1814 परिषदीय विद्यालयों ने विद्यालय प्रबंधन समितियों के साथ मिलकर एक वर्ष की कार्ययोजना “स्कूल ट्रांसफॉर्मेशन रोडमैप तैयार किया, जिसका उद्देश्य शिक्षा के इस नए 2023-24 सत्र में अपने एक वर्ष के लक्ष्य निर्धारित करना, शिक्षा के क्षेत्र में सुधार को प्रोत्साहित करना और विद्यार्थियों के लिए गुणवत्तापूर्ण शिक्षा सुनिश्चित करना है।
स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर ग्राम प्रधान द्वारा ध्वजारोहण किया गया और विद्यालय में छात्र -छात्राओं द्वारा स्वागत गीत और प्रस्तुतिकरण किया गया तत्पश्चात विद्यालय के शिक्षकों ने तैयार की गई एक वर्ष की विस्तृत कार्ययोजना को ग्राम प्रधान की मौजूदगी में अभिभावक और समुदाय के समक्ष 15 अगस्त स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर विद्यालय के प्रांगण में प्रस्तुत किया।
इसी के साथ- साथ समुदाय के समक्ष अध्यापकों द्वारा बनाए गए टीएलएम की प्रदर्शनी लगाई गई और अपने विद्यालय के निपुण लक्ष्य को प्राप्त करने वाले विद्यार्थीयो को प्रोत्साहित किया गया। विद्यालयों में छात्रों के समग्र विकास के लिए की जाने वाली बेहतरीन प्रकियाओं को समुदाय के समक्ष प्रस्तुत किया गया जिनमें बाल-संसद के अंतर्गत छात्रों के मंत्रिमंडल का प्रस्तुतिकरण, पुस्तकालय, रीड अलोंग एप्लीकेशन के बारे में व खेल कूद की सामग्री की प्रदर्शनी तथा स्मार्ट क्लास, टैबलैब का भ्रमण इत्यादि शामिल है।
स्कूल ट्रांसफॉर्मेशन रोडमैप कार्यक्रम के अंतर्गत ग्राम प्रधान की सहभागिता से समुदाय के साथ मिलकर शिक्षा के मामलों को समझने और समाधान निकालने की भी कोशिश की गई। इस पहल के माध्यम से समुदाय के सदस्यों को भी शिक्षा के महत्व की दिशा में जागरूक किया गया, जिससे कि उन्हें शिक्षा के प्रति नए सोच की प्रेरणा मिल सके और स्थानीय स्तर पर शिक्षा की गुणवत्ता में सुधार हो सके और बच्चों को उनके शिक्षा के अधिकार की प्राप्ति हो सकती है।
इस पहल से समुदाय के सदस्यों में शिक्षा के प्रति जागरूकता और समर्पण में वृद्धि हो सकती है, और विद्यार्थियों को जिससे शिक्षा के क्षेत्र में नए उत्साह के साथ सुधार की दिशा में कदम बढ़ सकता है। गाँव के प्रधान और बाकी समुदाय वालों की भी शिक्षा में भागीदारी सुनिश्चित करने का प्रयास किया गया ताकि जनपद में सभी निपुण भारत मिशन में अपनी भागीदारी का निर्वाहन करते हुए बच्चों को निपुण बना सके तथा सभी को शिक्षा के प्रति जागरूक किया जा सके।
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