Saturday, January 11, 2025
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मौसमी बीमारियों का धावा, फैल रही गंभीर बीमारियां

  • डेंगू के मरीजों के लिए मेडिकल में अलग से तैयार किया गया वार्ड

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: त्योहारों के मौसम में लगातार बढ़ रही बीमारियों से अस्पतालों में बेड फुल हो गए है। मेडिकल के संचारी रोग विभाग में एक भी बेड खाली नहीं है। वहीं रोजाना डेंगू के मरीजों के सामने आने के बाद मेडिकल प्रशासन ने भी तैयारी कर ली है। यहां अलग से डेंगू मरीजों के लिए वार्ड तैयार किया गया है जिसमें मच्छरदानी से लेकर सभी तरह की स्वास्थ्य सेवाओं का इंतजाम किया गया है। देहात में भी लगातार बुखार व संचारी रोगों के मरीजों की संख्या लगातार बढ़ रही है।

एडीज मच्छर से होने वाले संचारी रोग डेंगू के मरीजों की संख्या में रोज इजाफा हो रहा है। जिसको लेकर स्वास्थ्य विभाग में हड़कंप मचा है। पूरे जिले में अभीतक अक्टूबर माह में कुल डेंगू के 51 मरीज सामने आ चुके है। यह वो आंकड़ा है जिसे स्वास्थ्य विभाग ने जारी किया है लेकिन डेंगू के मरीजों की संख्या इससे कहीं ज्यादा होने की संभावना है।

निजी अस्पतालों में डेंगू के मरीजों का इलाज किया जा रहा है बस इनकी जांच नहीं हो रही। देहात क्षेत्र में तो यह संख्या कहीं ज्यादा है, निजी अस्पतालों में रोज बुखार व अन्य संचारी रोगों के मरीज रोज बढ़ रहें है। मच्छरों की बढ़ती संख्या और इनसे फैलने वाले मलेरिया के मरीजों की भी संख्या काफी है, लेकिन मरीजों को केवल बुखार बताकर ही उनका इलाज किया जा रहा है।

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जबकि मलेरिया की जांच न होने से इसकी पहचान करना मुश्किल साबित हो रहा है। ऐसे में मच्छर जनित रोग मलेरिया के मरीजो का इलाज बुखार के रूप में करना सही नहीं है। त्योहारों के मौसम में लगातार बढ़ रहे बुखार के मरीजों से जनता में दहशत है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग मलेरिया से निपटने के दावे का रहा है और जिले में एक भी मलेरिया का मरीज नहीं होने की बात की जा रही है। मगर हालात इसके बिल्कुल उलट हैं, जो मरीज अस्पतालों में बुखार का इलाज करा रहें है

यदि उनकी जांच की जाए तो काफी हद तक मुमकिन है इनमें मलेरिया की भी पुष्टि हो जाए। यह बीमारी भी मच्छरों के काटने से ही होती है, लेकिन इसकी भी जांच नहीं हो रही है। चिकनगुनिया की बीमारी भी काफी गंभीर है। ऐसे में जिले में लगातार बढ़ रहे बुखार के मरीजों में चिकनगुनिया के मरीजों के होने की भी पूरी संभावना है।

मरीजों को इस बात का पता नहीं है कि वह किस बीमारी से ग्रस्त है। जबकि इनकी जांच में बरती जा रही लापरवाही जानलेवा साबित हो सकती है। जिले में बढ़ रहे ज्यादातर मरीजों का इलाज निजी अस्पतालों में चल रहा है, जबकि सरकारी अस्पतालों में भी रोज बड़ी संख्या में संचारी रोगो के मरीजों का आना जारी है। क्यूलिक्स मच्छरों के काटने से होने वाली फाइलेरिया बीमारी के मरीज पश्चिम उप्र में कम ही मिल रहे है।

लेकिन इसको लेकर सावधानी बरतना जरूरी है। हालांकि स्वास्थ्य विभाग इस रोग का कोई मरीज अभीतक सामने नहीं आने का दावा कर रहा है लेकिन यह बीमारी भी काफी खतरनाक है। इससे निपटने के लिए जगह-जगह दवाओं का छिड़काव कराने की जरूरत है, लेकिन यह नहीं हो रहा है। इस तरह की बीमारियों से बचाव के लिए विभाग को उचित कदम उठाने की जरूरत है। यदि यह रोग किसी को होता है तो इसके फैलने की संभावना से इंकार नहीं किया जा सकता।

मच्छरों के काटने से होने वाले रोगो की रोकथाम के लिए जरूरी है सावधानी बतरी जाए। ऐसी बीमारियों से सबसे ज्यादा खतरा बच्चों, बुजुर्गों व गर्भवती महिलाओं को होता है। मेडिकल में डेंगू मरीजों के लिए अलग से वार्ड तैयार किया गया है जहां सभी सुविधाएं है।
-डा. आभा गुप्ता, एचओडी मेडिसन विभाग, मेडिकल।

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