नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक अभिनंदन और स्वागत है। देश में जल्द ही समान नागरिक संहिता यानि सेकुलर सिविल कोड लागू किया जाएगा।
समान नागरिक संहिता के लिए पांच राज्यों ने समितियां बनाईं हैं। इन सभी पांच राज्यों की समितियों की रिपोर्ट शीघ्र आने वाली है। एक-एक कर इन सभी पांच राज्यों में समान नागरिक संहिता का कानून बनाया जायेगा।
सूत्रों का कहना है कि पांच राज्यों में समान नागरिक संहिता लागू होने के बाद आखिर में केंद्र सरकार अपनी ओर से पूरे देश में समान नागरिक संहिता लागू करने के लिए कदम उठाएगी।
इस क्रम में उत्तराखंड ने समान नागरिक संहिता का कानून बनाया जा चुका है। उत्तराखंड के समान नागरिक संहिता को अभी तक किसी ने कानूनी चुनौती किसी अदालत में नहीं दी है।
बता दें कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 15 अगस्त को स्वतंत्रता दिवस के भाषण के दौरान समान नागरिक संहिता का जिक्र किया था। उन्होंने कहा था कि सुप्रीम कोर्ट ने समान नागरिक संहिता पर बार-बार चर्चा की है और कई बार इसे लेकर निर्देश जारी किए हैं और अब केंद्र सरकार जल्द ही समान नागरिक संहिता लागू करने को लेकर कदम उठा सकती है। पीएम मोदी ने कहा था कि यह जरूरी है कि देश में एक धर्मनिरपेक्ष नागरिक संहिता स्थापित की जाए, तभी यह धर्म के आधार पर भेदभाव को खत्म कर सकता है।
क्या है समान नागरिक संहिता?
समान नागरिक संहिता यानि यूसीसी सभी नागरिकों के लिए समान कानून प्रस्तावित करती है, चाहे उनका धर्म कुछ भी हो, जिसमें विवाह, तलाक, विरासत, उत्तराधिकार और गोद लेने जैसे मामले शामिल हैं। इसका लक्ष्य इन क्षेत्रों में धार्मिक कानूनों को दरकिनार करते हुए धर्मनिरपेक्ष कानून बनाना है।
उत्तराखंड में भी विधानसभा में समान नागरिक संहिता को लेकर विधानसभा में कानून पारित हो चुका है। इसके साथ ही असम के सीएम हिमंत बिस्वा सरमा ने भी ऐलान किया है कि असम में जल्द समान नागिरक संहिता लागू किया जाएगा।
बता दें कि समान नागरिक संहिता को लेकर पूरे देश में बहस चल रही है और इस बहस के बीच समान नागिरक संहिता लागू करने की केंद्र सरकार योजना बना रही है।