मुंबई, भाषा: शेयर बाजारों में पिछले दो दिनों से जारी तेजी पर गुरुवार को विराम लग गया और वैश्विक बाजारों में गिरावट से बीएसई सेंसेक्स भी 323 अंक लुढ़क गया। अमेरिकी फेडरल रिजर्व के आर्थिक गतिविधियों में सुधार को लेकर अनिश्चितता जताए जाने के बाद वैश्विक बाजारों पर असर पड़ा।
डॉलर के मुकाबले रुपये में गिरावट और ताजा लिवाली के लिए किसी अहम संकेत के अभाव से बाजार धारणा प्रभावित हुई। तीस शेयरों वाला बीएसई सेंसेक्स गिरावट के साथ खुला और पूरे कारोबार के दौरान नकारात्मक दायरे में रहा। अंत में यह 323 अंक यानी 0.82 प्रतिशत की गिरावट के साथ 38,979.85 अंक पर बंद हुआ। इसी प्रकार, नेशनल स्टॉक एक्सचेंज का निफ्टी भी 88.45 अंक यानी 0.76 प्रतिशत गिरकर 11,516.10 अंक पर बंद हुआ। सेंसेक्स के शेयरों में सर्वाधिक नुकसान में बजाज फिनसर्व रही। इसमें 2.23 प्रतिशत की गिरावट आई। इसके अलवा पावर ग्रिड, आईसीअईसीआई बैंक, बजाज फाइनेंस, टीसीएस और सन फार्मा में भी गिरावट रही। दूसरी तरफ एचसीएल टेक, इन्फोसिस और मारुति के शेयर लाभ में रहे। इनमें 2.36 प्रतिशत तक की तेजी आई। अेमेरिकी फेडरल रिजर्व के मौद्रिक नीति समीक्षा बैठक में किसी तरह के अतिरिक्त प्रोत्साहन उपायों की घोषणा नहीं की गई। इसका वैश्विक शेयर बाजारों पर असर पड़ा। हालांकि, अमेरिकी केंद्रीय बैंक ने मुख्य नीतिगत दर कम-से-कम 2023 तक शून्य के करीब रहने का संकेत दिया। फेडरल रिजर्व के चेयरमैन जेरोम पॉवेल ने भी कहा कि आर्थिक परिदृश्य काफी अनिश्चित जान पड़ता है। शोध प्रमुख विनोद नायर ने कहा कि अमेरिकी फेडरल रिजर्व के निवेशकों की उम्मीदों को पूरा करने में विफल रहने के बाद घरेलू बाजार में प्रतिक्रिया हुई।