Sunday, May 18, 2025
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गंगा कॉलोनी में मेडा से इधर सेटिंग, उधर अवैध निर्माण

  • मेडा से नहीं कराया गया अभी तक नक्शा भी पास

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: बागपत रोड बाइपास स्थित सीमेंट गोदाम एवं गंगा कॉलोनी में मेडा की टीम ने एक माह पूर्व दो जगहों पर चल रहे निर्माण को अवैध निर्माण होना बताते हुए तत्काल रोक लगा दी थी। जिसमें टीम ने दोनों ही निर्माणों को लेकर चेतावनी दी थी कि जब तक मेडा से नक्शा पास नहीं कराया जाता, तब तक निर्माण नहीं किया जा सकता। इसी बीच निर्माण करने वालों ने दो बार निर्माण का प्रयास किया तो टीम मौके पर पहुंची

और वहां पर निर्माण करने वालों को दौड़ा दिया और निर्माण को बंद कराकर वापस लौट गई। इस दौरान मेडा के कर्मचारी निर्माण स्थल पर आए दिन निगरानी करते रहे ताकि अवैध निर्माण शुरू न हो सके, लेकिन दो दिन पूर्व मेडा से सेटिंग होते ही दोनों जगहों पर फिर से अवैध निर्माण जारी हो गए। फिलहाल मेडा की सेटिंग के बाद जो यह निर्माण कार्य फिर से शुरू हुए वह लगातार चर्चा का विषय बने हुए हैं।

प्रशांत के बाद जिलाध्यक्ष पद से मोहित की भी छुट्टी

मेरठ: बहुजन समाज पार्टी ने मेरठ जिले में एक दिन पहले एक मंडल स्तरीय पदाधिकारी प्रशांत गौतम समेत तीन को पार्टी से बाहर का रास्ता दिखाया था। अभी 24 घंटे भी नहीं बीते थे कि जिलाध्यक्ष मोहित आनंद को जिलाध्यक्ष पद से छुट्टी कर दी। जिलाध्यक्ष पद पर अबकी बार गैर दलित को बैठाया है। बसपा हाईकमान ने हैरतअंगेज तरीके से फैसला लेते हुए जहां मोहित आनंद को बागपत जिले में भेजा। जिले की कमान गैर दलित जयपाल सिंह पाल को सौंप दी।

मोहित आनंद और अन्य कार्यकर्ताओं के बीच चल रहे विवाद को शांत करने के लिए प्रवेश जाटव और राकेश फलावदा तथा इन्हें आश्रय देने वाले मंडल कोआॅर्डिनेटर प्रशांत गौतम को सोमवार को ही पार्टी से निष्कासित कर दिया गया तो वहीं मंगलवार को जिलाध्यक्ष मोहित आनंद को भी पद से हटाते हुए बागपत का जिला प्रभारी बनाया है। इसके अलावा मेरठ जिलाध्यक्ष पद जिम्मेदारी गैर दलित जयपाल सिंह पाल को सौंप दी।

बसपा में ऐसा पहली बार हुआ है कि जब किसी गैर दलित को जिलाध्यक्ष बनाया है। वैसे अगर थोड़ा पीछे जाकर देखे तो बसपा में पार्टी से निष्कासित करना और फिर वापस बुलाना आम बात है। प्रशांत गौतम को साल 2012 में पार्टी ने बसपा सिंबल पर हस्तिनापुर से चुनाव लड़ाया और वह तीसरे नंबर पर रहे। साल 2014 में बसपा ने उन्हें निष्कासित कर दिया। साल 2022 में प्रशांत गौतम फिर से वापस पार्टी में आ गए और एक बार फिर उन्हें निकाय चुनाव के दौरान पार्टी से निष्कासित कर दिया गया।

अब वह फिर से पार्टी में लौट आए थे, लेकिन तीसरी बार फिर से बीते सोमवार को पार्टी ने बाहर का रास्ता दिखा दिया। अब देखना है कि वेस्ट यूपी को लेकर पार्टी हाईकमान क्या फैसला लेती है। वैसे इस फैसले से पार्टी ने जहां राहत की सांस ली है तो वहीं कार्यकर्ता भी अब थोड़ा वेट एंड वॉच की मुद्रा में हैं। फिलहाल बसपा के कैडर वोटर में यह चर्चा जरूर सुनी जा रही है कि हमारा सिंबल तो हाथी ही है बहन जी का जैसा भी कैडर वोटर्स को निर्देश मिलेगा हम जान लड़ा देंगे।

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