Friday, July 5, 2024
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गंभीर आर्थिक संकट से गुजर रहे हैं निजी स्कूल

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  • एजुकेशन सिस्टम में बदलाव बड़ी चुनौती, ना अभिभावकों का सहयोग ना सरकार का

जनवाणी संवाददाता |

हस्तिनापुर: वैश्चिक महामारी कोरोना ने देश दुनिया के हर तरीकों को बदल कर रख दिया। लोगों के खान पान की बात करे या व्यापार की सभी में कुछ ना कुछ बदलाव देखने को मिला बदलाव के कारण दिक्कतों का भी बहुत है, लेकिन इन सब में जो दिक्कत निजी स्कूल संचालकों को हो रही है उस और किसी का ध्यान नही है कोरोना काल में एजुकेशन में बदलाव के साथ स्टाफ को बनाये रखना चुनौती बनता जा रहा है।

मंगलवार को दैनिक जनवाणी की टीम निजी स्कूल संचालकों से रूबरू होकर उनका दर्द जाना। लेकिन इन तमाम दिक्कतों के बीच निजि स्कूल संचालक आज भी व्यवस्था के पटरी पर लौटने का इंतजार कर रहे है।
कोरोना में एजुकेशन सिस्टम में फिजिकल क्लासेस की जगह वर्चुअल क्लासेज बोर्ड की जगह जूम और गूगल मीट बच्चों को पढ़ाने का साधन बन रहे।

मंगलवार को दैनिक जनवाणी की टीम से रूबरू हुए स्कूल संचालकों का कहना है कि कोरोना काल मे बदली शिक्षा व्यवस्थाओं पर व्यापक स्तर पर चर्चा की। इस दौरान सभी ने एक मत होकर कहा कि एजुकेशन सिस्टम को नई दिशा मिली है। हालांकि इसमें कई बड़ी चुनौतियां है, जिन पर काम करना बाकी है।

विद्यालय बंद चलते आ रहे है जिससे सभी छात्रों की पढाई प्रभावित हुई है और स्कूल संचालकों के साथ- साथ स्कूल से सम्बंधित अध्यापकों, स्कूल वाहन चालको और अन्य संबंधित कर्मचारियों सभी पर वित्तीय मार पड़ी है। ग्रामीण क्षेत्र में संसाधनों की कमी के कारण सभी बच्चे ऑनलाइन शिक्षा नहीं ले पा रहे है स्कूल फीस देने में उदासीनता दिखा रहे है। सरकार को निजि स्कूल संचालकों को आर्थिक सहायता के बारे में सोचना चाहिए।

जेपी बंसला एमडीएस जूनियर हाईस्कूल हस्तिनापुर सरकारी स्कूलों पर इसका कोई फर्क नही पड़ा मगर प्राइवेट स्कूलों पर आर्थिक संकट मडरा रहा है। स्कूल की फीस अभिभावको के हालात को देख कर माफ कर दी फिर जुलाई माह से सरकारी आदेशानुसार बच्चो का ऑनलाइन कार्य आज 2021 तक निरन्तर चल रहा है सरकार ने प्राइवेट स्कूल वालो की किसी प्रकार की कोई मदद नही की फीस के नाम पर अभिभावक चुप्पी साधे बैठे हैं अब हम क्या करे सरकार हमे बताये।

स्कूल संचालक ललित कुमार कोरोना महामारी का सबसे अधिक प्रभाव एजुकेशन सिस्टम पर हुआ सिस्टम में बदलाव तो हुआ लेकिन अधिकांश अभिभावकों ने इसे स्वीकार नही किया। अभिभावकों की उदसीनता के कारण अधिकांश स्कूलों के समाने आर्थिक संकट पैदा हो रहे है सरकार को निजी स्कूलो के बाद में सोचना चाहिए और उनकी आर्थिक मदद करनी चाहिए प्रगति शर्मा प्रंबधक न्यू ब्लूमस पब्लिक स्कूल कोरोना वायरस के कारण शिक्षा क्षेत्र में भी बहुत क्षति पहुंची है।

इसके कारण सभी छात्रों की पढ़ाई प्रभावित हो रही है। छात्र घर पर रहकर ही शिक्षा प्राप्त करने के लिए विवश हैं। ऐसे में स्कूल प्रशासन के साथ-साथ अभिभावकों को भी बच्चों के भविष्य को लेकर काफी चिंता है।

रीतूू राजवंशी प्रधानाचार्य जैन इंटरनेशनल पब्लिक स्कूल हस्तिनापुर एजुकेशन सिस्टम में बदलाव करना चुनौती भरा था अभिभावकों और अध्यापकों के सहयोग से सब समय पर पुरा होता रहा लेकिन फीस ना आने के कारण स्टाफ को सैलरी के लिए काफी दिक्कते हुई सरकार को निजी स्कूलों के बारे में सोचना चाहिए जिससे वे आर्थिक संकट से निकल सके और आने वाले समय में शिक्षा पर इसका कोई प्रभाव ना पडे।

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