नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। सनातन धर्म में अश्विन महीने की शुक्ल पक्ष में पूर्णिमा का बेहद खास महत्व होता है। इस महीने में शरद पूर्णिमा मनाई जाती है। वहीं, इस वर्ष यह तिथि 28 अक्टूबर को पड़ रही है। साथ ही इस दिन साल का अखिरी चंद्रग्रहण भी लग रहा है। जिससे यह पूर्णिमा और भी खास हो गई है। चलिए जानते इसकी पूरी जानकारी..
तिथि-मुहूर्त
हिंदू कैलेंडर के मुताबिक शरद पूर्णिमा तिथि 28 अक्टूबर, शनिवार को सुबह 04 बजकर 17 मिनट पर शुरू हो रही है और इसका समापन अगले दिन 29 अक्टूबर को रात में 01 बजकर 53 मिनट पर होगा। उदया तिथि और पूर्णिमा के चंद्रोदय का समय दोनों ही 28 अक्टूबर को हो रहा है, इसलिए 28 अक्टूबर को ही शरद पूर्णिमा मनाई जाएगी।
शरद पूर्णिमा के दिन मां लक्ष्मी का जन्म हुआ
पौराणिक मन्यताओं के अनुसार, शरद पूर्णिमा के दिन देवी लक्ष्मी की पूजा का विधान है। इसी दिन मां लक्ष्मी का जन्म हुआ था। इसके अलावा, शरद पूर्णिमा पर रातभर खुले आसमान के नीचे रखी खीर खाने का महत्व है। इसका महत्व खासकर चांदी के बर्तन में होता है।
क्यों रखते हैं चांद की रोशनी में खीर
मान्यता है कि रात भर चांद की रोशनी में शरद पूर्णिमा पर खीर रखने से उसमें औषधीय गुण आ जाते हैं। फिर अगले दिन सुबह-सुबह इस खीर का सेवन करने पर सेहत अच्छी रहती है।