- फलावदा में हुई वारदात से सनसनी, आरोपी फरार
- शोहदा बंदूक लेकर पीछे भागा और मार दी गोली
- एसपी देहात और सीओ समेत कई थानों की पुलिस फोर्स भी मौके पर
जनवाणी संवाददाता |
फलावदा: कस्बे के मोहल्ला शहीद भगत सिंह में एक दबंग शोहदे ने सरेआम किशोरी की गोली मारकर हत्या कर दी। किशोरी दवा लेकर घर लौट रही थी, तभी पड़ोस में रहने वाला फरहान पुत्र यूसुफ उसके पीछे रोकने के लिए दौड़ा, उससे जान बचाकर किशोरी तेजी से एक मकान में जाकर घुस गयी। फरहान के सिर पर मानो खून सवार था और उसने जान बचाकर छिपी किशोरी को वहीं घुसकर गोली मार दी। इस घटना से कस्बे में जबरदस्त आक्रोश है। लोग हत्यारे के खिलाफ बुलडोजर की कार्रवाई की मांग कर रहे हैं। हत्या से गुस्साएं लोगों ने सड़क पर जाम लगा दिया।
शहीद भगत सिंह निवासी शहजाद पुत्र यूसुफ राजमिस्त्री का काम करता है। रविवार को उसकी 16 वर्षीय बेटी सोफिया दवाई लेकर घर लौट रही थी। पड़ोस में रहने वाले फरहान पुत्र उस्मान ने सरेआम उसको रोकने का प्रयास किया, लेकिन वह तेजी से वहां से निकल गयी, आरोपी उसके पीछे बंदूक लेकर दौड़ा। सोफिया जान बचाने के लिए मूसा पुत्र वहीद के घर में घुस गई।
वह भी उसके पीछे घर में जा घुसा और गोली मार दी। किशोरी की मौके पर ही मौत हो गई। इस बीच आरोपी मौके से फरार हो गया। हत्या की इस वारदात से किशोरी के परिवार में कोहराम मच गया। उसके पिता काम पर गए हुए थे, वह भी रोते बिलखते हुए घर लौट आए। उधर, गुस्साएं लोगों ने जाम लगा दिया। किशोरी की हत्या व बवाल की खबर मिलते ही एसपी देहात कमलेश बहादुर व सीओ मवाना सौरभ सिंह मयफोर्स मौके पर पहुंच गए।
परिजनों ने गिरफ्तारी होने तक पुलिस को शव देने से इंकार कर दिया। करीब चार घंटे की मशक्कत के बाद पुलिस ने शव को कब्जे में लेकर पोस्टमार्टम के लिए भिजवाया। थाना प्रभारी राजेश कांबोज ने बताया कि मृतका के पिता शहजाद ने नामजद रिपोर्ट दर्ज कराई है।
खून का बदला खून
पोस्टमार्टम के बाद किशोरी का शव कस्बे में पहुंचा तो गुस्साएं लोगों ने शव को बीच सड़क पर रखकर जाम लगा दिया। आरोपी के घर पर बुलडोजर चलाए जाने व एनकाउंटर की मांग कर रहे थे। वहां माहौल फिर से गरमा गया। लोगों की नाराजगी पुलिस को लेकर भी कम नहीं थी।
आरोप लगाया कि आरोपी के खिलाफ आधा दर्जन मुकदमे है, जिनमें तीन मुकदमे जानलेवा हमले के हैं, जबकि अन्य मामले बलवे के दर्ज है। लोगों ने पुलिस के सामने आरोपियों की दबंगई के कई मामले रखे। पुलिस ने कड़ी कार्रवाई का आश्वासन दिया है।
अत्याचारों के खिलाफ फूट पड़ा आक्रोश
सोफिया मर्डर केस के बाद आरोपियों के खिलाफ जनाक्रोश फूट पड़ा। एसपी देहात कमलेश बहादुर के सामने स्थानीय लोगों ने आरोपी की दबंगई के कई मामले बयां किए। उन्हें बताया कि आरोपी पर ने कई बार घटनाएं की है। जिनमें मुकदमे लिखे गए हैं जबकि कई लोग थाने तक पहुंचने का साहस नहीं जुटा सके।
कुछ दिनों पहले इसके खौफ से पलायन के पोस्टर भी चस्पा किए थे। वर्ष 2020 में मोहल्ला बंजारान में गोली बारी की घटना में कई लोग घायल हुए थे। मौके पर पहुंचे पूर्व विधायक संगीत सोम ने तत्कालीन थाना प्रभारी को कड़ी कार्यवाही के निर्देश दिए थे। फिर भी कोई असर दिखाई नही दिया।
पुलिस को 24 घंटे का अल्टीमेटम देकर उठाया शव
पोस्टमार्टम के बाद सड़क पर रखे गए शव को उठवाने के लिए पुलिस व नेताओं को बड़ी मशक्कत करनी पड़ी। दो घंटे शव सड़क पर रखकर कार्रवाई में एनकाउंटर और मकान पर बुलडोजर चलवाने की मांग होती रही। नेतागण भीड़ को समझाने का प्रयास करते रहे, लेकिन भीड़ जिद पर अड़ी रही। आखिरकार पुलिस को लिखित रूप में 24 घंटे का अल्टीमेटम देकर शव उठाया गया। इस दौरान मौके पर सीओ मवाना सौरभ सिंह के अलावा सर्किल के सभी थाना प्रभारी मौजूद रहे।
अवैध बंदूक सूचना फिर भी कार्रवाई नहीं
लोगों ने बताया कि हत्यारोपी पर अवैध बंदूक की सूचना पुलिस को पहले भी दी जा चुकी थी, लेकिन पुलिस ने कोई कार्रवाई नहीं की। यदि पुलिस गंभीर होती तो हत्याकांड टल सकता था। बताया गया है कि पूर्व थाना प्रभारी धीरेंद्र उपाध्याय के कार्यकाल में हुए एक झगड़े के दौरान पुलिस को आरोपी
द्वारा अवैध बंदूक रखने की शिकायत पुलिस से की गई थी, लेकिन पुलिस कर्मियों ने आरोपी से सांठगांठ करके मामले पर लीपा पोती कर दी थी। इतना ही नहीं पुलिस ने आरोपी को मुखबिर का नाम ही बता दिया था। सोफिया की निर्मम हत्या पुलिस की लापरवाही का नतीजा माना जा रहा है।