जनवाणी संवाददाता |
मुजफ्फरनगर : मुजफ्फरनगर जानसठ रोड स्थित एसडी र्स्पाेटस एकेडमी स्थित एसडी कालेज ऑफ इंजीनियरिंग एण्ड टैक्नोलोजी में प्रशिक्षण कैम्प का शुभारंभ किया गया। प्रशिक्षण कैम्प में 10.9 शूटिंग का आयोजन किया गया, जिसमें पुलिस मॉडर्न स्कूल के बच्चों व उनके अभिभावकों को प्रशिक्षण दिया गया।
अध्यक्ष श्री अनुभव कुमार ने कहा कि शूटिंग एक ऐसा खेल है जो किसी भी आयु में खेला जा सकता है इस खेल में सटीकता और एकाग्रता बहुत जरूरी है। इसमें बहुत शारीरिक गतिविधियों की जरूरत होती है जो बाहर से दिखाई नही देती। मानव शरीर का सबसे स्वाभाविक पहलू गति है।
निदेशक डा. सिद्वार्थ शर्मा ने कहा कि निशानेबाजी को राजा महाराजाओं का शौक माना जाता है, लेकिन ये ऐसा खेल है जिसमें कई दशकों से भारत का दबदबा कायम है। देश को सबसे ज्यादा अंतर्राष्ट्रीय मेडल निशानेबाजी में ही मिलते हैं। सिद्वार्थ शर्मा ने बताया कि निशानेबाजी में इस्तेमाल की जाने वाली बंदूकों के हिसाब से शूटिंग में खास तौर से तीन तरह की इवेंट होती हैंः पिस्टल, राइफल और शॉटगन. पिस्टल में 6, राइफल में 3 और शॉटगन में भी 3 अलग अलग इवेंट होती है। शूटिंग में भारी गन को उठाकर अपने लक्ष्य पर केन्द्रित करना होता है। इसलिए हड्डियों का मजबूत होना और एकाग्रता होना बहुत जरूरी है। एक शूटर का शारीरिक रूप से मजबूत होना बहुत महत्वपूर्ण होता है।
उप निरीक्षक मनोज कुमार ने प्रशिक्षण में विशेष सहयोग किया और बच्चों को अनुशासन और सुरक्षा से संबंधित महत्वपूर्ण जानकारी दी।
खेल एकेडेमी की सहयोगी संचालक नसरा ने कहा कि आज से शुरू हुए खेल प्रशिक्षण में 14 बच्चों ने भाग लिया। भाग लेने वाले शूटरों में लगभग 60 वर्षीय सत्यवती आकर्षण का केंद्र रहीं। सभी ने उनके हौसले को सराहा और उनके जज्बे को सलाम किया। इस मौके पर प्रशिक्षक प्रमोद कुमार, प्रांशुल शर्मा, दीपक ओबराय, खुशी मित्तल, अर्जुन लाटियान, लव देशवाल व देवव्रत लोहन आदि ने प्रशिक्षुओं को सहयोग किया।