फिल्म और छोटे पर्दे की एक्ट्रेस श्वेता बासु प्रसाद का जन्म ‘झारखंड के जमशेदपुर में हुआ था, लेकिन बाद में वह अपने परिवार के साथ मुंबई आ गईं। श्वेता ने सांताक्रुज के आर एन पोद्दार हाई स्कूल से शुरुआती पढ़ाई की। श्वेता ने बहुत कम उम्र में टेलीविजन पर एक्टिंग करते हुए अपने कैरियर की शुरुआत की। 2002 में आई ‘मकड़ी’ में श्वेता ने दोहरी भूमिका निभाई। जिसके लिए उन्हें सर्वश्रेष्ठ बाल कलाकार का राष्ट्रीय पुरस्कार मिला था।
नागेश कुकुनूर की ‘इकबाल’ (2005) श्वेता बासु प्रसाद की पहली लीड रोल वाली फिल्म थी जिसमें उन्होंने खदीजा का शानदार किरदार निभाया था। उसके बाद श्वेता, ‘वाह लाइफ हो तो ऐसी’ (2005) और डरना जरूरी है (2006) जैसी फिल्मों में नजर आर्इं लेकिन उसके बाद श्वेता बासु प्रसाद ने एक्टिंग से ब्रेक ले लिया और अपनी आगे की पढ़ाई जारी रखते हुए मास मीडिया और पत्रकारितका में बैचलर डिग्री हासिल की। कुछ समय के लिए वह इंडियन एक्सप्रेस के लिए रेग्युलर कॉलम लिखती रहीं। 2008 में श्वेता ने ‘कोथा बंगारू लोकम’ से तेलुगु सिनेमा में डेब्यू किया।
फिल्मों और टेलीविजन के अलावा श्वेता ने कैमरे के पीछे काम करते हुए फेंटम फिल्मस के लिए स्क्रिप्ट एडवाइजर के रूप में भी अपनी सेवाएं दीं। उसी दरमियान उन्होंने अप्लॉज प्रोडक्शन की एक शॉर्ट फिल्म भी डायरेक्ट की। इसमें अनुपम खेर, जरीना वहाब, दानिश हुसैन थे। इस फिल्म की कहानी खुद श्वेता ने ही लिखी थी। श्वेता यकीनन मल्टी टैलेंटेड एक्ट्रेस हैं। श्वेता बासु प्रसाद शॉर्ट फिल्म ‘इंट कैफे नाइट’ (2014) ‘चुभन‘ (2019) ‘द लवस’ (2020) के अलावा ‘बद्रीनाथ की दुल्हनिया’ (2017) जैसी फिल्म कर चुकी हैं।
वह ‘जी 5’ के लिए ‘शुक्राणु‘ (2019) ‘कॉमेडी कपल’ (2020) नेटफ्लिक्स के लिए ‘सीरियस मैन’ (2020) और इरोस नाव के लिए ‘जामुन’ (2021) जैसे शानदार प्रोजेक्ट्स में नजर आ चुकी हैं। सस्पेंस ड्रामा थ्रिलर ‘द ताशकंद फाइल्स’ (2019) में एक नौसिखिया पत्रकार रागिनी फुले की केन्द्रीय भूमिका में श्वेता को लोगों की खूब प्रशंसा मिली। श्वेता अब तक एक दर्जन से अधिक हिंदी फिल्मों के अलावा एक बंगाली, चार तमिल और लगभग नौ तेलुगु फिल्में और छोटे पर्दे के लिए लगभग डेढ़ दर्जन से अधिक टेलीविजन शो और वेब सीरीज कर चुकी हैं। इस वक्त श्वेता फिल्म ‘इंडिया लॉक डाउन’ और वेब सीरीज ‘कोस्टेजेस’ कर चुकी हैं।