- किनौनी और मोहिउद्दीनपुर मिलों पर बकाया का मुद्दा उठा रहे किसान प्रतिनिधियों से सीडीओ हुए नाराज तो भाकियू नेताओं ने जताया एतराज
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: साहब! किसान तो दिन रात खेत में काम करके गन्ना पैदा करता है। फिर उसे मिलों को देकर भुगतान के लिए इधर से उधर भटकने को मजबूर हो जाता है। आप भी इन किसानों पर गुस्सा करके उनको ही डांटेंगे, तो कैसे चलेगा। अगर आप गुस्सा करके किसी को डांटना ही चाहते हैं, तो उन अधिकारियों को डांट लगाएं, जो बेबस किसानों को गन्ना भुगतान कराने में लापरवाही बरत रहे हैं।
यह मंजर जिला पंचायत भवन में बुधवार दोपहर आयोजित किसान दिवस की बैठक के दौरान उस समय देखने को मिला, जब कुछ किसान प्रतिनिधियों ने गन्ना विभाग की ओर से प्रतिनिधि बनाकर भेजे गए दौराला मिल के ज्येष्ठ गन्ना निरीक्षक बकाया भुगतान को लेकर गन्ना विभाग का पक्ष रख रहे थे। उनका कहना था कि किनौनी मिल ने अगस्त माह में 50 करोड़ रुपये के बकाया भुगतान का वादा किया था। जिसमें से 35 करोड़ रुपये समितियों को भेज दिए गए हैं।
इस पर भाकियू जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी ने पूछा कि मिल से आया 35 करोड़ रुपया किसानों तक क्यों नहीं पहुंच सका है। वहीं क्षेत्र के किसान प्रतिनिधियों ने कहा कि मिल साल भर तक किसानों के गन्ना मूल्य भुगतान को रोके रखते हैं। जबकि इस दौरान किसान पाई-पाई को मोहताज होकर रह जाता है। इस पर बैठक की अध्यक्षता कर रहे सीडीओ शशांक चौधरी ने किसानों को यह कहकर चुप कराने का प्रयास किया, कि यह किसान प्रतिनिधियों की अधिकारियों के साथ बैठक हो रही है, कोई किसान पंचायत नहीं है।
उनके इस जवाब से किसान प्रतिनिधियों में एक बारगी मायूसी छा गई और वे एक दूसरे का मुंह देखने लगे। ऐसे माहौल के बीच भाकियू जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी खड़े हुए और बोलना शुरू किया कि किसान तो पहले से ही विभिन्न समस्याओं से ग्रस्त हैं। उन्हें अपने गन्ने का भुगतान न मिलने के कारण आर्थिक संकट से जूझना पड़ रहा है। ऐसे में अगर आप (सीडीओ) गुस्सा करना और किसी को डांटना ही चाहते हैं, तो किसानों के बजाय गन्ना विभाग के अधिकारियों को डांट लगाएं। जो गन्ना किसानों को समय रहते बकाया भुगतान की व्यवस्था कराने में लगातार नाकाम रहते हैं।
उनको बैठक में मौजूद किसानों का पूर्ण समर्थन मिला। जिसके बाद सीडीओ ने स्थिति को सामान्य करने का प्रयास किया। इस अवसर पर भाकियू जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी एवं कार्यकर्ता ने जिले में खाद की किल्लत का मुद्दा उठाया। उनका कहना था कि समितियों पर खाद की कालाबाजारी की जा रही है।
जबकि खुले बाजार में किसानों को खाद के साथ कीटनाशक खरीदने के लिए मजबूर किया जा रहा है। सीडीओ शशांक चौधरी ने अपने स्तर से कराई गई जांच के आधार पर इस शिकायत को सही करार देते हुए सहकारी समिति के सहायक निदेशक दीपक कुमार से टीम भेजकर कार्रवाई कराने, खाद की उपलब्धता समितियों पर कराने के निर्देश दिए।
इसके अलावा विद्युत विभाग के साथ आ रही समस्याओ में ट्रांसफॉर्मर बदला जाना, विद्युत पोल लगाए जाने, विद्युत कनेक्शन से संबंधित समस्या जैसे मुद्दों को उठाया गया। जिसके विषय में अधिशासी अभियंता एके वर्मा ने सिलसिलेवार समाधान कराने का आश्वासन दिया। बैठक में आवारा पशु, खासपुर-कैली सड़क निर्माण व गगोल-अछरौंड़ा मार्ग निर्माण में विलंब आदि समस्याएं उठी। जिस पर सीडीओ ने संबंधित अधिकारी को समस्याओं के शीघ्र समाधान करने के निर्देश दिए।
इस अवसर पर परियोजना निदेशक सुनील सिंह, जिला कृषि अधिकारी राजीव सिंह, मुख्य पशु चिकित्सा अधिकारी डा. अखिलेश गर्ग सहित अन्य संबंधित अधिकारी व किसान उपस्थित रहे। किसान प्रतिनिधियों के रूप में भाकियू जिलाध्यक्ष अनुराग चौधरी, नरेश मवाना, हर्ष चहल, गजेंद्र, अनूप, बिट्टू, देशपाल, मोनू, सत्येंद्र, ब्रजवीर, सुनील, सुरेंद्र, मुन्नू, धीर सिंह, जॉनी आदि मौजूद रहे।