- करोड़ों की लागत से बना मार्ग एक साल भी नहीं चला
- खिर्वा रोड पर हुए दर्जनों बड़े और गहरे गड्ढे
- आबादी में बनी सीमेंट की सड़क उससे भी बदतर
जनवाणी संवाददाता |
सरधना: दशकों आवाज उठाने के बाद बना कंकरखेड़ा वाया खिर्वा बपारसी मार्ग भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया। करोड़ों रुपये की लागत से बनाया गया यह मार्ग एक साल भी नहीं चल सका है। मार्ग पर दर्जनों बड़े और गहरे गड्ढे हो गए हैं। छोटे गड्ढों की कोई गिनती ही नहीं है। इससे भी आगे आबादी के बीच बनी सीमेंट की सड़क की हालत और भी बदतर है। सड़क निर्माण होते ही यह मार्ग टूटना शुरू हो गया था।
मगर लोग निर्माण विभाग के अधिकारी कमिशनखोरी के चक्कर में आंखे बंद करके बैठ गए। वर्तमान की मार्ग की हालत देखकर साफ नजर आ रहा है कि इसके निर्माण में कितना भ्रष्टाचार किया गया है। मार्ग पर एक गड्ढा ढकने की कोशिश की जाती और दूसरा गड्ढा हो जाता है।
कंकरखेड़ा वाया खिर्वा बपारसी मार्ग के चौड़ीकरण की मांग दशकों से उठ रही थी। दर्जनों गांव के लोगों ने लंबे समय तक संघर्ष किया। धरना प्रदर्शन किए ताकि उनकी आवाज सुनी जा सकी। करीब एक साल पहले विधानसभा चुनाव से पूर्व शासन से इस मार्ग के निर्माण के हरी झंडी मिली तो ग्रामीणों को उम्मीद जगी। चुनाव के मद्देनजर मार्ग का निर्माण तेजी से किया गया। मगर यह मार्ग भ्रष्टाचार की भेंट चढ़ गया।
करीब 13 करोड़ रुपये की लागत से बनी यह सड़क निर्माण होते ही टूटनी शुरू हो गई थी। भ्रष्टाचार की सबसे पहली पोल कालंद गांव में आबादी के बीच बनी समेंट सड़क ने खोली थी। इतनी घटिया सड़क बनाई थी कि पूरी रोड़ी में तब्दील हो गई थी। तब यह मामला अखबारों की सुर्खी बना तो ठेकेदार ने ऊपर से सीमेंट डलवाकर लीपा पोती कर दी थी। तभी से ग्रामीण निर्माण में घटिया सामग्री का आरोप लगा रहे थे।
मगर लोक निर्माण विभाग के अधिकारी कमिशनखोरी के चक्कर में आंखे बंद करके बैठे रहे। इसके कुछ दिन बाद ही खिर्वा नौआबाद गांव में सड़क का बड़ा हिस्सा धंस गया था। उसमें भी विभाग की खूब फजीयत हुई थी। मतलब निर्माण होने के बाद से ही सड़क टूटने पर है। वर्तमान में खिर्वा रोड पर दर्जनों बड़े और गहरे गड्ढे हो गए हैं।
सड़क की हालत यह है कि एक गड्ढा ढकने की कोशिश की जाती है और दूसरा गड्ढा हो जाता है। गांवों में आबादी के बीच बनी सीमेंट की सड़क की हालत इससे भी बदतर है। कुल मिलाकर मार्ग की हालत देखकर साफ नजर आ रहा है कि यह कितने दिन चलने वाला है।
सीमेंट की सड़क की हालत अधिक खराब
इस मार्ग पर गांवों में आबादी के बीच सीमेंट की सड़क बनाई गई है। जिसकी हालत तारकोल वाली से भी अधिक खराब है। सीमेंट की सड़क रोड़ी में तब्दील हो चुकी है।
बनते ही टूटने लगी थी सड़क
यह मार्ग बनते ही टूटना शुरू हो गया था। सबसे पहले कालंद गांव में सीमेंट की सड़क ने भ्रष्टाचार की पोल खोली। इसके बाद खिर्वा नौआबाद गांव में सड़क का बड़ा हिस्सा धंस गया था। कुछ दिन बाद ही खिर्वा जलालपुर गांव में गड्ढे हो गए थे। उद्घाटन से पहले ही सड़क में गड्ढे होने का सिलसिला जारी है।
मिट्टी डालकर ढक रहे गड्ढे
खिर्वा मार्ग पर करीब आधा दर्जन गड्ढे इतने बड़े और गहरे हो गए हैं कि उनकी चपेट में आकर हादसे हो रहे हैं। इनको ढकने के लिए मिट्टी डालने का काम किया जा रहा है। मगर एक जगह मिट्टी भरी जा रही और दूसरी जगह गड्ढे हो रहे हैं।