जब आप अपने जीवन के सपने को साकार करने में नाकामयाब रह जाते हैं तो एक नए सिरे से खुद को परखें, खुद के अंदर झांकें और यह जानने की कोशिश करें कि आखिर चूक कहां रह गई। अपने आत्मविश्वास को डिगने नहीं दें, खुद को किसी से कमजोर नहीं मानें और फिर से सफल होने की कोशिश के लिए तैयार हो जाएं।सोच कर देखें यदि हम हार कर फिर से सफल होने के लिए प्रयास करना ही छोड़ दें तो फिर तो हम कभी भी कामयाब नहीं हो सकते हैं।
जीवन में कामयाबी पाने के बारे में प्रसिद्ध अमेरिकी बिजनेसमैन और आईबीएम के भूतपूर्व सीईओ थॉमस जे. वॉटसन ने एक बार कहा था, ‘क्या आप चाहते हैं कि मैं आप सभी को जीवन में सफल होने के लिए कोई एक फार्मूला दूं? वास्तव में यह अत्यंत ही आसान है: अपने असफलता की गति को दुगुनी कर दीजिए। सामान्य रूप से हम सभी अपने जीवन में असफलता को सफलता का शत्रु मान लेते हैं।
किन्तु सच पूछिए तो असफलता के बारे में गूढ सच्चाई बिल्कुल ऐसा नहीं है। आप असफलता से हतोत्साहित हो सकते हैं या फिर इससे सीख सकते हैं। इसीलिए आगे बढ़िए और गलतियां करते जाएं, उन से सीखते रहिए। आप जितनी गलतियां कर सकते हैं, करते रहिए…. क्योंकि उन्हीं गलतियों से आप सफल बन पाएंगे।’ आशय यही है कि असफलता कामयाबी की राह में एक अनिवार्य पड़ाव है, जिसे अनदेखा कर हम आगे की यात्रा नहीं कर सकते हैं। सच पूछिए तो जीवन में कामयाबी आसानी से हासिल नहीं होती है। कामयाब होने के लिए सामान्य रूप से निम्नांकित छह सूत्रों को समझने और उन्हें जीवन में उतारने की आवश्यकता है।
बहुत जरूरी है स्वाध्याय
सफलता की राह में स्वाध्याय के महत्व की बात आती है तो मस्तिष्क में महाभारत काल में अपने गुरु द्रोणाचार्य की अनुपस्थिति में भी एकलव्य के द्वारा धनुर्विद्या में महारथ हासिल करने की कथा जीवित हो उठती है। किसी भी क्षेत्र में सफलता के लिए सेल्फ स्टडी अनिवार्य शर्त के रूप में शुमार होता है। स्वाध्याय से तात्पर्य खुद अध्ययन करना होता है।
अपनी कमियों और गलतियों को पहचान करके जब उनको दूर करने की दिशा में कठिन मिहनत किया जाता है तो यह प्रैक्टिस भी सेल्फ स्टडी में काउन्ट किया जाता है। अर्थात जब गुरु या गाइड पास नहीं हों तब भी ध्यान और मनोयोगपूर्वक अपने विषयों का अध्ययन करते रहने से सफलता आसान होती जाती है। स्वाध्याय एक साधना है जिसके मदद से कामयाबी के शीर्ष पर पहुंचा जा सकता है।
संघर्ष और त्याग भी हैं अनिवार्य
परिस्थितियों के विपरीत रहने पर भी सफलता के लिए बिना हार मानते हुए कोशिश करते रहना ही संघर्ष कहलाता है। इस प्रकार से सफलता की राहों की कठिनाइयाँ भी आसान होती जाती हैं। संयुक्त राज्य अमेरिका के राष्ट्रपति अब्राहम लिंकन के जीवन से लेकर महान भौतिकवेत्ता और आविष्कारक थॉमस अल्वा एडीसन और आइजक न्यूटन के अतिरिक्त अन्य महापुरुषों के जीवन में सफलता की कहानियाँ पूरी तरह से संघर्ष की कहानियाँ हैं।
ये महापुरुष अपने जीवन की बेशुमार मुसीबतों और व्यक्तिगत अक्षमताओं के साथ धैर्यपूर्वक और साहस के साथ संघर्ष करते हुए जीवन में ऐतिहासिक उपलब्धियों को प्राप्त कर पाए। कठिन परिस्थितियों और मुसीबतों से घबरा कर उन्होंने कभी हार नहीं माना। सच पूछिए तो सफल होने की कोशिश में हर व्यक्ति को अपने जीवन में इस प्रकार की अनगिनत कठिन परिस्थितियों और चुनौतियों का सामना करना होता है जिसके बिना कामयाबी संभव नहीं है।
लक्ष्य की सिद्धि आसान होती है कठिन परिश्रम से
जीवन के किसी भी डोमेन में कामयाबी के लिए कठिन परिश्रम काफी महत्वपूर्ण भूमिका निभाता है। जब हम किसी लक्ष्य को साकार करना चाहते हैं तो उससे संबंधित ज्ञान और कौशल की प्राप्ति के लिए कठिन मिहनत आवश्यक होता है। कोई व्यक्ति अच्छा ऐथलीट बनना चाहता है और राष्ट्रीय-अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर सफल होना चाहता है तो उसे प्रत्येक दिन दौड़ने का अभ्यास करने की जरूरत है। कोई अपने जीवन में आईएएस बनना चाहता है, इंजीनियरिंग या मेडिकल की परीक्षाओं में सफल होना चाहता है तो उसे घंटों पढ़ने की जरूरत है। इस प्रकार के कठिन मिहनत से कामयाबी के लिए आवश्यक स्किल्स और टैलेंट पर मास्टरी प्राप्त होती है जो कामयाबी की राह को आसान बनाती है।
कामयाबी के लिए धैर्य भी है बहुत जरूरी
उन्नीसवीं सदी के सर्वाधिक प्रख्यात लेखकों में शुमार रूस के लियो टॉल्सटॉय ने धैर्य के बारे में कहा था ‘जीवन में दो सबसे महत्वपूर्ण यौद्धा धैर्य और समय है।’ धैर्य का अर्थ कामयाब होने के लिए वक्त का इंतजार करने से है। हम इसे ऐसे भी समझ सकते हैं। यदि हम किसी भी लक्ष्य को प्राप्त करने के लिए सपना देखते हैं तो यह सपना तुरंत साकार नहीं हो जाता है। इसके लिए हमें धैर्यपूर्वक खुद को तैयार करना पड़ता है, योजना बनानी होती है, निरंतर अभ्यास करना होता है। हमें समय की प्रतीक्षा करनी होगी जबकि हम अपने लक्ष्य को प्राप्त कर पाएंगे।
कल्पना कीजिए कि यदि हम धाराप्रवाह इंग्लिश बोलना चाहते हैं तो इस स्किल पर मास्टरी केवल एक दिन में हो जाएगी। इसके लिए अगाध धैर्य रखने की जरूरत है। शीघ्रता से लक्ष्य को प्राप्त करने की अधीरता और बेचैनी कामयाबी की राह में हमारे दो सबसे बड़े शत्रु के रूप में कार्य करते हैं। राष्ट्रपिता महात्मा गांधी ने भी जीवन में सफलता प्राप्त करने के लिए धैर्य की महत्ता के बारे में कहा था, ‘धैर्य खोने का अर्थ युद्ध हारने के समान ही होता है।’ लिहाजा सफल होने के लिए धैर्य धारण करना सीखें और समय की प्रतीक्षा करें।
डरें नहीं असफलताओं से
इस सत्य से इनकार करना आसान नहीं है कि सफलता के लिए कोशिश करने की राह में असफलता एक कुदरती प्रक्रिया है। किन्तु सफल होने की कोशिश में नाकामयाब होने के बाद सफल होने के लिए फिर से कोशिश करने से डरने की मानवीय प्रवृत्ति चिंता उत्पन्न करती है। क्योंकि ऐसी स्थिति में सफल होने का मार्ग पूरी तरह से अवरुद्ध हो जाता है। एक प्रसिद्ध चीनी कहावत है, ‘असफलता का अर्थ गिरना नहीं है बल्कि फिर से उठ खड़ा होने के लिए मना कर देना है।‘ सच पूछें तो हमारे जीवन में असफलता का मुख्य कारण असफलता का भय ही होता है।
सफल व्यक्ति अपने जीवन के फैल्यर को सफल होने के लिए एक अपरिहार्य प्रक्रिया मानते हैं और उससे सीख कर आगे बढ़ते हैं, फिर से कोशिश करते हैं और सफल हो जाते हैं। दक्षिण अफ्रीका के भूतपूर्व राष्ट्रपति नेल्सन मंडेला ने भी जीवन में असफलता के बारे में बड़ी ही सटीक शब्दों में कहा था, ‘मुझे मेरे सफलताओं से मत आंकिए। मुझे इस बात से आंकिए कि मैं अपने जीवन में कितनी बार गिरा हूं और कितनी बार सफल होने के लिए फिर से उठ खड़ा हो गया।’
आप जो पाना चाहते हैं उसके प्रति जुनूनी बनें
अपने समय के महानतम भौतिकवेत्ताओं में शुमार किए जानेवाले अल्बर्ट आइन्सटीन ने एक बार कहा था, ‘मुझमें कुछ असाधारण योग्यता नहीं है, मैं केवल जुनूनी रूप से जिज्ञासु रहता हूं।’ जब हम किसी कार्य को जुनून के साथ करते हैं तो उस कार्य के पूर्ण होने में कोई संदेह बचा नहीं रह जाता है। जुनून कामयाब होने के लिए निरंतर कोशिश करते रहने की शक्ति प्रदान करता है, प्रेरित करते रहता है और हम अपने लक्ष्य के करीब होते जाते हैं। सच्ची लगन के अभाव में हम अपने लक्ष्य से भटक जाते हैं और फिर खुद को फोकस करके रख पाना संभव नहीं हो पाता है। कहा जाता है कि यदि आपको अपने जीवन का उद्देश्य नहीं पता है तो अपने जुनून की खोज करिए और जब आप अपने जीवन के जुनून को खोज लेंगे तो आप खुद अपने जीवन के लक्ष्य की दिशा में बढ़ते चले जाएंगे।
आशय यह है कि जीवन में सफल होने के लिए पहले यह पता करना अनिवार्य है कि आपकी खुद की कुदरती प्रतिभा क्या है और आपको क्या करना अच्छा लगता है। यदि आप खुद की प्रतिभा के बारे में नहीं जानते हैं तो फिर आप किसी अन्य कार्य के प्रति जुनूनी नहीं हो सकते हैं। महान चीनी दार्शनिक कन्फ़्यूशियस का भी यही मानना था। वे कहा करते थे कि यदि आप अपने जीवन में वो कार्य करते हैं जिसे आप प्यार करते हैं तो आपको अपने जीवन में एक दिन भी काम नहीं करना पड़ेगा। किसी कार्य के प्रति पैशन के अभाव में उसकी पूर्णता और सिद्धि के बारे में हमेशा ही संदेह बना रहता है।
सच पूछिए तो सफलता की राहें अत्यंत ही कठिन होती हैं। कामयाबी प्राप्त करने के लिए लक्ष्य निर्धारण के साथ कठिन मिहनत और धैर्यपूर्वक निरंतर प्रयास आवश्यक होता है। ब्राजील के विख्यात पूर्व प्रोफेशनल फुटबॉल प्लेयर पेले के इस विचार में सफलता के लिए सभी अनिवार्य शर्त निहित हैं, ‘सफलता एक संयोग मात्र नहीं है। यह कठिन मेहनत, निरंतर अभ्यास, सतत अध्ययन, त्याग और सबसे अधिक आप जो कर रहे हैं या सीख रहे हैं उससे प्यार करने की कला पर निर्भर करता है।’