Wednesday, July 3, 2024
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…तो एक्सपायर्ड यंत्रों से होगी मेडिकल में आग लगने पर सुरक्षा

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  • प्रमुख वार्डों में बड़ी संख्या में मरीज करा रहे इलाज, लेकिन आग से बचाव के उपाय नदारद

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: लापरवाही की भी हद होती हैं। मेडिकल कॉलेज में लगे अग्निशमन यंत्र एक्सपायर्ड हो चुके हैं। इनकी कोई जांच पड़ताल नहीं तो दमकल कर्मियों द्वारा की जाती हैं और नहीं मेडिकल कॉलेज प्रशासन द्वारा। आग लगने की घटना हो गई तो आग से कैसे बचाव किया जाएगा? यह बड़ा सवाल है। दिल्ली में अग्निकांड से 27 लोगों की जान चली गई। इसके बाद भी मेडिकल प्रशासन सुधरने की दिशा में काम नहीं कर रहा हैं। आखिर इसके लिए जिम्मेदारों पर क्या कार्रवाई की जा सकेगी या फिर इसी तरह से लापरवाही चलती रहेगी। आला अफसरों की नींद तभी टूटेगी, जब कोई बड़ा हादसा हो गया होगा।

लगातार बढ़ रही गर्मी आग लगने की बड़ी वजह है, जिससे बचाव के लिए अग्निशमन यंत्रों का बड़ा योगदान रहता है, लेकिन मेडिकल कॉलेज के कई प्रमुख वार्डों में यह अग्निशमन यंत्र एक्सपायर्ड हो चुके हैं। विभाग के स्टाफ का कहना है कि उन्होंने मेडिकल प्रशासन से इसकी शिकायत की है, लेकिन अभी तक समाधान नहीं हुआ है। मेडिकल की इमरजेंसी में बड़ी संख्या में मरीज इलाज के लिए भर्ती है लेकिन यहां पर एक भी अग्निशमन यंत्र नहीं है।

इमरजेंसी का दौरा करने पर कहीं भी आग से बचने के उपाय नजर नहीं आए। जबकि यहां बड़ी संख्या में मरीज इलाज करा रहे है। साथ ही एंट्री व एग्जिट का भी एक ही दरवाजा है। ऐसे में यदि कोई हादसा हो जाए तो किस तरह से आग पर काबू पाया जाएगा यह बड़ा सवाल है। ट्रामा सेंटर में भी लगे अग्निशमन यंत्र एक्सपायर्ड हो चुके हैं, यहां के स्टाफ ने बताया कि उनके द्वारा मेडिकल के प्रमुख अधिक्षक स्वास्थ्य को लिखित में दिया है, लेकिन अभी तक भी कोई समाधान नहीं हुआ है।

दिल्ली में शुक्रवार को हुए अग्निकांड में 27 लोगों की मौत हो चुकी है। जबकि इस समय भी बड़ी संख्या में लोग लापता है। इस अग्निकांड में बिल्डिंग में आग से लड़ने की सुविधाओं का आभाव सामने आ रहा है। ऐसे में यदि ऐसी कोई घटना मेरठ मेडिकल कॉलेज में हो जाती है तो यहां पर भी बड़ी त्रासदी हो सकती है। मेडिकल के प्रमुख अधीक्षक स्वास्थ्य केएन तिवारी का कहना है कि उनके यहां आग से लड़ने के उपाय है। वार्डों के लिए नए अग्निशमन यंत्र आ चुके हैं, जिन्हें लगाया जा चुका है। हादसे से निपटने के लिए सभी अग्निशमन यंत्र काम कर रहे हैं।

जनरल सर्जरी वार्ड

वार्ड में इस समय कुल 70 मरीज भर्ती है लेकिन अग्निशमन यंत्र नहीं लगे हैं। स्टाफ का कहना है कि दो अग्निशमन यंत्र नए मिले हैं, लेकिन अभी उनको लगाया नहीं गया है। ऐसे में हादसा होने पर किस तरह से मरीजों की सुरक्षा होगी कहा नहीं जा सकता।

आयुष सर्जरी वार्ड

इस वार्ड में कुल 58 बेड है। जिन पर 55 से 60 मरीज है। यहां पर लगे अग्निशमन यंत्र एक्सपायर्ड हो चुके हैं। जिनको रीफिल करने की बात स्टाफ द्वारा लिखकर मेडिकल प्रशासन को दी गई है, लेकिन अभी तक भी अग्निशमन यंत्रों को रीफिल होने के बाद लगाया नहीं गया हैै।

आईसीसीयू मेडिसिन वार्ड

इस वार्ड में ऐसे मरीजों को भर्ती कराया जाता है। जिनको सर्जरी की जरूरत नहीं होती, केवल मेडिसन से इलाज चलता है। यहां पर अलग-अलग संख्या में मरीज है। जिनकी कुल संख्या 164 है। यहां केवल एक अग्निशमन यंत्र ठीक है। जबकि बाकी के यंत्र एक्सपायर्ड है।

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