- खेल मंत्री ने गॉडविन पब्लिक स्कूल के निदेशक से की लंबी वार्ता
- निजी स्कूल में खेलो को बढ़ावा सुन चकित हुए, प्रधानाचार्य से ली बच्चों के पढ़ाई की जानकारी
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: उज़्बेकिस्तान के खेल एवं युवा मंत्री अदहन इकरामोव ने गॉडविन पब्लिक स्कूल के निदेशक भूपेंद्र सिंह बाजवा से काफी देर तक बातचीत की और कहा की स्कूलों की समाज के प्रति काफी अहम जिम्मेदारी होती है और जिस तरह से निजी स्कूल खेलो को बढ़ावा दे रहे है वो प्रेरणादाई है और इससे अन्य।लोगो को सीखना चाहिए।
उज़्बेकिस्तान के खेल मंत्री गुरुकुल प्रभात आश्रम में दौरा करने के बाद सीधे गॉडविन पब्लिक स्कूल आए और स्कूल की भव्यता और साई सेंटर को देख कर निदेशक से कहा कि निजी स्कूल साई सेंटर चला रहे है और बच्चों को खेलो के प्रति ना केवल जागरूक कर रहे है बल्कि हाई लेवल की ट्रेनिंग भी दी रहे है।
खेल मंत्री ने कहा कि उनका देश हिंदुस्तान के मुकाबले काफी छोटा और आबादी के हिसाब से भी काफी कम है इसके बावजूद हिंदुस्तान में खेलों के प्रति बहुत जागरूकता है। खेल मंत्री ने भूपेंद्र सिंह बाजवा से पूछा कि स्कूलों में गरीब और अमीर बच्चों के भेद तो नही किया जाता है। इस पर निदेशक ने कहा कि गरीब बच्चों को मदद की जाती है ताकि शिक्षा के क्षेत्र में कोई वंचित न रह जाए।
खेल मंत्री वूशु के खिलाड़ियों के प्रदर्शन देख कर काफी खुश हुए और बोले कि सेल्फ डिफेंस के लिए ये खेल जरूरी है। उज़्बेकिस्तान में बॉक्सिंग के अलावा जूडो जैसे खेल काफी लोकप्रिय है। खेल मंत्री ने शूटिंग रेंज में वक्त गुजारा और कोच और निदेशक जितेंद्र सिंह बाजवा से शूटिंग रेंज और ट्रेनिंग को लेकर जानकारी ली। उन्होंने कहा भी कि शूटिंग महंगा खेल है और इसकी ट्रेनिंग भी बहुत महंगी है। खेल मंत्री इस बात से बहुत चकित हुए जब उनको बताया गया कि कुछ किलोमीटर की दूरी पर तीन चार शूटिंग रेंज है।
ऐसा लगा नही कि खेल मंत्री खेल रहे
गॉडविन पब्लिक स्कूल में दौरे के दौरान उज़्बेकिस्तान के खेल मंत्री अदहन इकरामोव अचानक बॉलीबॉल कोर्ट पहुंच गए जहां छात्र प्रैक्टिस कर रहे थे। खेल मंत्री ने सेंटर फॉरवर्ड की भूमिका निभाई और कई अच्छे रिटर्न और स्मैश लगाए। छात्रों को इस बात का अहसास तक नही हुआ कि एक खेल मंत्री कैसे अपने को एक खिलाड़ी के रूप में ढाल लेता है।
खेल मंत्री ने करीब पांच से दस मिनट कोर्ट में बिताए और दो पोजीशन पर अपने खेल से दिखा दिया कि खेल उम्र और व्यस्तता का मोहताज नहीं होता। इससे पहले खेल मंत्री ने शूटिंग रेंज में थोड़ा झिझकने के बाद टारगेट पर दो निशाने सटीक लगाए। इसके बाद राजदूत दिलशोद अहमोव ने भी हाथ आजमाया। खेल मंत्री बास्केटबॉल कोर्ट भी गए और गोलपोस्ट पर एक बाल भी फेंकी।