अशोक गुप्त
विशेषज्ञों के अनुसार डाक्टरों के पास जाने वाले 90 प्रतिशत मरीज तनाव से संबंधित रोगों के कारण आते हैं। तनाव किसी को नहीं छोड़ता, यहां तक कि इलाज करने वाले डाक्टर भी इस से नहीं बच पाते।
जब हमारे शरीर या मन को किसी चुनौती का सामना करना पड़ता है तो हमारी चयापचय प्रक्रिया तेज हो जाती है, रक्तचाप, हृदय गति, और नाड़ी की गति बढ़ जाती है और शरीर में खून का दौरा तेज होता है। शरीर में अडे्रनलीन की मात्रा बढ़ जाती है। यह स्थिति अधिक देर बनी रहे तो कई शारीरिक व मानसिक समस्याएं पैदा हो जाती हैं।
तनावरोधी भोजन: ऐसी कोई गोली नहीं बनी जिसे खाने से तनाव का दुष्प्रभाव समाप्त हो जाए किंतु कुछ भोजन ऐसे हैं जो हमारे शरीर को तनाव से लड़ने की शक्ति देते हैं।
गेहूं की रोटी हमारे दिमाग को एक ऐसा अमीनो एसिड देती है जो शामक का कार्य करता है। संतरे, दूध, सूखे मेवे, अंडे व चिकन में पोटेशियम की मात्रा अधिक होती है जो हमारे दिमाग को शक्तिशाली बनाए रखने में सहायक है।
मछली में विटामिन बी समूह के विटामिन काफी मात्रा में होते हैं जो हमें चिंता और खराब मूड का मुकाबला करने में सहायता देते हैं।
आलू में भी विटामिन बी समूह के विटामिन होते हैं। चावल, मछली, फलियां और अनाज में विटामिन बी होता है जो दिमागी बीमारियों और अवसाद को दूर रखने में सहायक है। हरी पत्ते वाली सब्जियों, गेहूं, सोयाबीन, मूंगफली, आम और केले में मैगनीशियम की मात्रा अधिक होती है जो हमारे शरीर को तनाव से लड़ने में सहायता देती है।
विशेषज्ञों के अनुसार तनाव की स्थिति में थोड़ा-थोड़ा करके कई बार खाना तनाव को दूर भगाने में सहायक हो सकता है। इससे उन लोगों को भी सहायता मिल सकती है जो तनाव की स्थिति में अतिरिक्त खाने के आदी हैं। थोड़ा-थोड़ा खाने से शरीर को शक्ति मिलती रहती है।
मन में मत रखिए : आप किसी भी कारण से तनावग्रस्त हों, अपने पति, पत्नी या किसी निकट मित्र से खुलकर चर्चा करें। इस चर्चा से ही आपका आधा तनाव दूर हो जाता है। शेष समस्या खाने, हल्के व्यायाम और खुलकर सोने से दूर की जा सकती है।
कुछ समय अकेले बिताएं: जिनके जीवन में तनाव अधिक रहता हो, उन्हें दिन में कुछ समय अकेले बिताने का प्रयास करना चाहिए। कुछ लोग अकेले सैर करना पसंद करते हैं। कुछ लोगों को अकेले पुस्तक पढ़ने में शांति मिलती है। कई बार अंधेरे कमरे में लेटना ही मन को शांत रखने के लिए काफी होता है किंतु बहुत ज्यादा अकेले रहना भी ठीक नहीं,
विशेषत: उन लोगों के लिए जो जल्दी हताश हो जाते हैं।
एक और तरीका: कुर्सी पर आरामदेह मुद्रा में बैठ जाइए। आंखें बंद कीजिए और अपनी मांसपेशियों को ढीला छोड़ दीजिए। धीमी गति से सांस लेते रहें। मन ही मन कोई भी एक शब्द या मंत्र बार-बार दोहराते रहें। यदि आपका मन भटक जाए तो वापिस उसी शब्द या मंत्र पर आ जाएं। इसे दस से बीस मिनट तक करें। आप पाएंगे कि आपके शरीर का तनाव जाने कहां गायब हो गया है।