- गेहंू खरीद का लक्ष्य केंद्रों के लिए बना मील का पत्थर
- एमएसपी 2275 तो बाहरी बाजार में 2350 मूल्य
जनवाणी संवाददाता |
मवाना: गेहंू कटाई का सीजन समाप्त की और बढता जा रहा है, लेकिन सरकारी केंद्रों गेहंू खरीद से काफी दूर है। तहसील क्षेत्र के अधिकांश केंद्र तो पूरी तरह खाली पड़े रहते हैं। प्रशासन और खाद्य विपणन विभाग के प्रयासों का असर अभी तक नहीं दिख रहा। किसान दो टूक कह रहे हैं कि घाटे में फसल को क्यों बेचेंगे। क्योंकि व्यापारी घर से गेहूं खरीद रहा है और हाथों का हाथ दाम मिल रहा है। वह भी एमएसपी से अधिक। सरकारी केंद्रों पर होने वाली उतराई, छनाई और सफाई आदि के खर्च से किसान को मुक्ति मिल रही है।
मवाना तहसील क्षेत्र में भारतीय खाद्य निगम, पीसीएफ, खाद्य विभाग और यूपीएसएस के 29 गेहूं खरीद केंद्र है बहारी एजेंसियो के द्वारा किसानों को एमएसपी से अधिक रेट का भुगतान दिये जाने के चलते अधिकाशं केंद्र अपने लक्षय से काफी दूर है। दरअसल, गेहूं का बाजार भाव इस बार न्यूनतम समर्थन मूल्य (एमएसपी) से काफी अधिक है। एमएसपी 2275 रुपये प्रति कुंतल है और बाजार भाव 2350 रुपये तक किसान को मिल जा रहा है। सरकारी केंद्र पर अगर कोई किसान गेहूं बेचता है तो किसान को उतराई, छनाई और सफाई खर्च वहन करना पड़ता है।
साथ ही भुगतान होने में भी एक से दो सप्ताह का समय लगता है। शासन-प्रशासन के निर्देश पर क्रय केंद्र प्रभारी पिछले साल गेहूं बेचने वाले किसानों से बात कर रहे हैं, लेकिन अधिकांश किसान साफ कह रहे हैं कि एक कुंतल गेहूं पर 200 रुपये तक का अंतर है। इसलिए सरकारी केंद्र पर बिक्री का क्या फायदा। ऐसे में लक्ष्य पूरा होना बेहद मुश्किल है।
कहीं 139 कुंतल खरीद, कहीं 190 कुंतल
तहसील क्षेत्र में गेहंू खरीद केंद्र तमाम आदेश और किसानों से संपर्क करने के बाद भी लक्ष्य पुरा करते नजर नही आ रहे। हजारों कुंतल गेहंू खरीद का लक्ष्य होने के बाद भी अधिकांश केंद्र 2 या 3 फीसदी ही गेहूं की खरीद करने में सफल हो सकें। किसान सरकारी की एमएसपी को लेकर भी नाराज नजर आ रहे हैं।
किसानों के घर तक जा रही टीम
विभाग ने मोबाइल टीम बनाकर किसानों के घरों, खलिहानों तक जाकर गेहूं खरीदने की योजना मे लगी है, लेकिन योजना कामयाब होती नजर नहीं आ रही। मोबाइल टीम के मार्फत गेहूं बेचने में बेहद कम किसानों ने रुचि दिखाई है। क्रय केंद्रों पर गेहूं बेचने को लेकर आॅनलाइन पंजीकरण कराने के बाद भी किसान अपने गेहूं को क्रय केंद्रों पर ले जाने में कोताही कर रहे हैं।
क्रय केंद्र का नहीं नामो निशान गेहूं बेचने को किसान परेशान
सरधना: अधिकांश गेहूं की कटाई पूरी होने के बाद भी सरधना में अभी तक कोई सरकारी क्रय केंद्र नहीं खुल सका है। जिसके चलते किसानों को गेहूं बेचने में परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। ऐसे में किसान व्यापारियों को औने-पौने दाम में गेहूं बेचने को मजबूर है। हालांकि इस बार प्रशासन दावा कर रहा है कि गेहूं की खरीद किसान के खेत और घर से भी की जाएगी। मगर यह दावा अभी धरातल पर नहीं उतर सका है। सोमवार को सरधना में गेहूं क्रय केंद्र खोलने की तैयारी की जा रही है।
अपै्रल में गेहूं की कटाई का काम शुरू हो जाता है। मई तक अधिकांश खेत गेहूं की फसल से खाली हो जाते हैं। इसी को ध्यान में रखते हुए शासनादेश के अनुसार वैसे तो एक अपै्रल से सरकारी गेहूं क्रय केंद्र खुल जाते हैं। मगर इस बार सरधना में अभी तक कोई क्रय केंद्र नहीं खुला है। जिसके चलते किसानों को काफी परेशानी का सामना करना पड़ रहा है। परेशान किसान व्यापारियों को औने-पौने दाम में गेहूं बेचने को मजबूर है।
हालांकि इस बार प्रशासन का दावा है कि खरीद को बढ़ाने के लिए गेहूं किसानों के खेत और घर से भी खरीदने का काम किया जाएगा। मगर यह दावा अभी तक धरातल पर नहीं उतर सका है। फिलहाल सोमवार से सरधना मंडी समिति में गेहूं क्रय केंद्र खोलने की तैयारी है।
सलावा क्रय केंद्र पर खरीद जारी
सलावा गांव में गेहूं केंद्र केंद्र करीब एक माह पूर्व खुल गया था। केंद्र इंचार्ज परमेंद्र सिंह ने बताया कि इस बार शासन से सेंटर पर 11 सौ कुंतल गेहूं खरीद का लक्ष्य रखा गया है। जिसके सापेक्ष अभी तक 581 कुंतल गेहूं की खरीद हो चुकी है। सरकारी रेट 2275 रुपये के आधार पर गेहूं की खरीद की जा रही है।
क्रय केंद्र पर गेहूं खरीद जारी
- सलावा गांव में क्रय केंद्र पर गेहूं की खरीद जारी है। क्रय केंद्र का लगातार निरीक्षण भी किया जा रहा है। सरधना में सोमवार से गेहूं क्रय केंद्र शुरू कर दिया जाएगा। इस बार व्यवस्था की गई कि किसान चाहे तो उसके खेत या घर से भी गेहूं की खरीद की जा सकेगी। -पंकज प्रकाश राठौर, एसडीएम सरधना