- साथ ही विभागीय जांच के भी आदेश दिए गए
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: अफसरों के आदेश के अनुपालन में लापरवाही का बरता जाना एसपी देहात के पेशकार किरतपाल सिंह को महंगा पड़ गया। एसएसपी ने उन्हें सस्पेंड कर दिया। साथ ही विभागीय जांच के भी आदेश दिए गए हैं। एसपी देहात डा. राकेश कुमार मिश्रा के पेशकार किरत पाल सिंह के खिलाफ कार्रवाई से हड़कंप मचा हुआ है। एसएसपी डा. विपिन ताडा ने मंगलवार देर शाम वर्चुअल बैठक बुला ली। बैठक में सभी थानेदारों के अलावा सीओ और कार्यालय के पेशकार भी जोड़े गए थे। उन्होंने सभी थानेदारों से बारी बारी बात की। विवेचनाओं से लेकर कार्यालय में लंबित महत्वपूर्ण कार्यों का भी अपडेट लिया।
अपराध से जुड़े आंकड़े अधूरे देख एसएसपी नाराज हो गए। पता चला कि एसपी देहात के पेशकार किरत पाल सिंह को काम सौंपा गया था। नक्शे तक अपडेट नहीं पाए गए। इसके बाद एसएसपी ने फटकार लगानी शुरू कर दी। एक के बाद एक कई लापरवाही सामने आने के बाद एसएसपी ने किरत पाल सिंह के निलंबन का फरमान सुना दिया। इसके अलावा उन्होंने विभागीय जांच के आदेश भी कर दिए। ए कुछ देर बाद ही पेशकार के निलंबन का आदेश भी जारी कर दिया।
बैठक के दौरान एसएसपी कई थानेदारों और सर्किल अफसर के कार्यों से नाखुश दिखे। उन्होंने सभी को कार्यप्रणाली में सुधार लाने की सलाह तक दे डाली। उन्होंने साफ कहा कि वह अब किसी भी स्तर पर लापरवाही बर्दाश्त नहीं करेंगे। एसएसपी डा. विपिन ताडा ने बताया कि पेशकार के कार्य में काफी लापरवाही व अनियमितता देखने को मिल रही थी। उन्हें पहले भी आगाह किया गया था।
मंत्री के करीबी का कनेक्शन पीडी करने में सुविधा शुल्क मांगा तीन हजार
फलावदा: कस्बे के मोहल्ला आंबेडकर निवासी एक युवक ने चक्की के लिए स्वीकृत अपने 11 केवी भार के बिजली कनेक्शन को पीडी करवाने के लिए आवेदन किया था। विभाग द्वारा उसका मीटर तो उतार दिया गया, लेकिन कनेक्शन पीडी नहीं किया गया। इसके चलते उपभोक्ता मंगलवार को स्थानीय बिजली घर पहुंच गया। उसने बताया कि जेई मौजूद न होने पर मौजूद कर्मचारी से उससे काम पूछ लिया। उपभोक्ता ने कनेक्शन पीडी करने की बात रखी। आरोप है कि कर्मचारी ने पीडी कराने के एवज तीन हजार रुपये का सुविधा शुल्क मांग लिया।
उपभोक्ता ने रसीद का सवाल रखते हुए सुविधा शुल्क देने से इंकार कर दिया। साथ ही रिश्वत मांगने की शिकायत राज्य मंत्री दिनेश खटीक से करने की चेतावनी दी। यह सुनते ही आरोपी कर्मचारी के होश उड़ गए। उसने चंद घंटे बाद ही जुगाड़ निकाल कर उपभोक्ता से संपर्क साध लिया। बताया गया है कि आरोपी ने क्षमा याचना करके भविष्य में ऐसी गलती नहीं करने का भरोसा दिया तथा शिकायत मंत्री से नहीं करने का दबाव उपभोक्ता पर डलवाया। उपभोक्ता ने बताया कि वह सामाजिक दबाव के चलते उसने आरोपी को माफ कर दिया।यह मामला चर्चा का विषय बना हुआ है।