जनवाणी ब्यूरो |
लखनऊ: सपा सदस्य नरेश उत्तम पटेल, बलराम यादव, लाल बिहारी यादव, रणविजय सिंह, आशुतोष सिन्हा और डा. मानसिंह यादव ने किसानों की आत्महत्या किये जाने का मामला कार्य स्थगन के रूप में उठाया। सदस्यों ने कहा भारतीय जनता पार्टी की सरकार ने चुनाव के समय किसानों के आय दोगुनी करने एवं किसानों के जीवन में खुशहाली लाने का वादा किया था लेकिन किसानों के बुनियादी मुद्दों से ध्यान भटकाने और उन्हें गुमराह करने में भाजपा को महारत हासिल है। कई वर्ष बीत जाने के बाद भी कृषि का दशा में कोई सुधार नहीं होता दिख रहा है।
राष्ट्रीय अपराध रिकार्ड ब्यूरो के मुताबिक प्रतिवर्ष हजारों की संख्या में किसान आत्महत्या कर रहे हैं। डीजल, बिजली, खाद बीच दिन-प्रतिदिन महंगा हो रहा है। किसान अपना अनाज का सही मूल्य नहीं मिल रहा है। किसानों की छुट्टा पशु प्रति वर्ष लाखों हेक्टेयर फसलों को बर्बाद कर रहे है। किसान रात-रात जागकर अपनी फसलों को भी नहीं बचा पा रहा है।
किसानों को मुफ्त बिजली दिये जाने का वादा किया था लेकिन सरकार बनने के बाद भाजपा अपना वादा भूल गयी है। अन्नदाता किसान आज लांछित एवं अपमानित किया जा रहा है। किसान ही है जो खेत में अन्न उगाता है और उसका बेटा देश की रक्षा के लिए बलिदान देता है। आज किसान अपने को ठगा महसूस कर रहा है।
कृषि मंत्री सूर्य प्रताप शाही ने सरकार की ओर से जवाब देते हुए कहा कि हमारी सरकार ने सबसे ज्यादा बकाया गन्ना मूल्य का भुगतान किया है। जो बकाया आप छोड़ गये थे उसका भी हमने भुगतान किया। हमारी सरकार किसी भी किसान को कठिनाई में नहीं डालेगी। सबकी समस्या का समाधान किया जायेगा। किसानों का हित सर्वोपरि है उसके लिए कुछ भी करेंगे। उन्होंने कहा हमने किसान को आप्शन दिया है कि जहां भी उसे उसकी उपज का अधिक मूल्य मिले वह अपनी फसल को वहां बेंच सकता है। निराश्रित पशुओं के लिए सरकार ने पूरी व्यवस्था की है। सिंचाई संसाधनों को बढ़ाये जाने का काम किया है। कृषि मंत्री के जवाब से असंतुष्ट सपा सदस्य किसान विरोधी सरकार नहीं चलेगी के नारे लगाते हुए सदन से वाकआउट कर गये।