जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: यूपी के उन्नाव जिले में बुआ-भतीजी के शव व चचेरी बहन के गंभीर हालत में मिलने से हर कोई हतप्रभ है। तीनों के गले कसे होने, हाथ बंधे मिलने की परिजनों की बात पुलिस नकार रही है। पुलिस की जांच किशोरियों के जहर खाने या खिलाए जाने तक ही सीमित है। पुलिस ऑनर किलिंग की आशंका जता रही है।
As per investigation so far, statements of eye witnesses & opinion of doctor, a lot of froth was found at the spot. So, prima facie there are symptoms of poisoning. We're investigating the matter. Prima facie no injury marks found on bodies. 6 teams formed for probe: SP Unnao pic.twitter.com/glVwBBsIsF
— ANI UP (@ANINewsUP) February 18, 2021
उन्नाव एसपी आनंद कुलकर्णी ने बताया कि घटना के खुलासे के लिए पुलिस की 6 टीमें गठित की गई हैं। इसके अलावा स्वाट व सर्विलांस टीमें भी काम कर रही हैं। गंभीर किशोरी के बयान व पोस्टमार्टम रिपोर्ट खुलासे के लिए अहम हैं। दोनों का इंतजार किया जा रहा है। जल्द ही घटना से पर्दा उठाया जाएगा हालांकि प्रथम दृष्टया मामला जहर से मौत का प्रतीत हो रहा है।
बबुरहा गांव में हुई घटना के बाद देर रात पहुंची आईजी लक्ष्मी सिंह ने घटनास्थल का मुआयना करने के बाद मृतक काजल व उसकी भतीजी कोमल के परिजनों से वार्ता की। काजल के पिता सूरजपाल ने एक युवक का नाम लेकर कह दिया कि ‘तुम्हें यह नहीं करना चाहिए था’ यह शब्द सुनते ही आईजी उन्हें किनारे ले गईं और उससे बिंदुवार घटना की जानकारी ली।
चर्चा है कि पिता का इशारा घर के ही किसी अपने की ओर था। इसके बारे में जानकारी लेने के लिए आईजी ने उससे काफी देर तक बात की। तीनों किशोरियों में एक के भाई से भी आईजी ने एक घंटे वार्ता की। इस दौरान कुछ अहम क्लू हाथ लगे हैं।
मृतका कोमल दो बहनों में बड़ी है। छोटी बहन मोनिका, मां गोमती, पिता व भाई विशाल का रोकर बुरा हाल रहा। काजल दो बहनों में बड़ी है। छोटी बहन नैंसी और मां बिटोला के अलावा चार भाइयों में सूरज, मनीष, सुमित सपाटू घटना के बाद से बदहवास हैं। किसी को समझ नहीं आ रहा कि किशोरियों के साथ ऐसा किसने किया।
सीओ से जताई नाराजगी
आईजी लक्ष्मी सिंह ने सीओ रमेश चंद्र प्रलयंकर से घटनाक्रम की जानकारी ली तो वह सटीक जानकारी नहीं दे सके। इस पर आईजी ने नाराजगी जताई। कहा कि जो काम आपको करना चाहिए वह मुझे करना पड़ रहा है। अब कोई जानकारी नहीं चाहिए। आई और एसपी के कड़े रुख के बाद सीओ परिवार व गांव के अलग-अलग लोगों से पूछताछ करने लगे।