- बोर्ड बैठक में टोल प्वाइंटों के विरोध की चुकानी पड़ सकती है सदस्यों को कीमत
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: बैठक से पहले टोल प्वाइंटों पर उपाध्यक्ष का वक्तव्य कैंट बोर्ड के स्टाफ से पंगा लेना माना जा रहा है। यहां तक कहा जा रहा है कि टोल के तीन प्वाइंटों के विरोध की वजह से बोर्ड के सदस्य कैंट अफसरों के निशाने पर आ सकते हैं। स्टाफ का प्रयास है कि सभी 11 प्वाइंटों पर जहां पूर्व में वसूली करायी जा रही है।
सभी ठेके की शर्तों में शामिल होने चाहिए। दरअसल, भाजपा के कैंट विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल ने दिल्ली रोड, मवाना रोड व रुड़की रोड के प्वाइंटों पर टोल वसूली किए जाने के खिलाफ मोर्चा खोला हुआ है। विधायक के लिए ये तीनों वसूली प्वाइंट प्रतिष्ठा का प्रश्न बने हुए हैं।
टोल स्टाफ के वेतन का सहारा
5.10 लाख प्रतिदिन की दर के प्रस्तावित रेट पर सुनने में आ रहे टोल ठेके को कैंट बोर्ड के स्टाफ के वेतन से जोड़कर देखा जा रहा है। दरअसल कैंट बोर्ड की आमदनी के साधन बेहद सीमित होने की वजह से टोल ठेके को आमदनी का बड़ा जरिया माना जाता है। पिछला ठेका 4.26 लाख प्रतिदिन की दर से दिया गया था। स्टाफ के वेतन में उससे बड़ी मदद मिली थी।
विरोध की चुकानी पड़ सकती है कीमत
बोर्ड बैठक में टोल प्वाइंटों के विरोध की कीमत चुकानी पड़ सकती है। जानकारों का कहना है कि बोर्ड के तमाम सदस्यों की कुंडली जमा कर ली गयी है। ये तय है कि बगैर सदस्यों की मदद के टोल का ठेका दिया जाना संभव नहीं। यदि बोर्ड के हितों के इतर जाकर सदस्य कोई निर्णय करते हैं तो ऐसे सदस्यों का रडार पर आना तय है और रडार पर आने का मतलब उनके खिलाफ फिर कार्रवाई होनी पक्की है। टोल का मुद्दा एक तरफ कुआं दूसरी तरफ खाई साबित होता नजर आ रहा है।
ठेके पर यूटर्न पर हैरानी
कैंट बोर्ड उपाध्यक्ष समेत कई बोर्ड के कई सदस्यों की गिनती टोल ठेकेदार से हमदर्दी रखने वालों व कैंट बोर्ड के खजाने को चूना लगाने वालों के तौर अब तक की जाती रही है, लेकिन सीईओ प्रसाद चव्हाण के तबादले के बाद एकाएक हमदर्दों ने इस मुद्दे पर यूटर्न ले लिया। इस संबंध में जनवाणी संवाददाता ने उपाध्यक्ष व कुछ बोर्ड सदस्यों से इसकी वजह पता करने का प्रयास किया, लेकिन कई बार कॉल किए जाने के बाद भी बात नहीं हो सकी। उपाध्यक्ष का मोबाइल आउट आॅफ रेंज बताता रहा।
…तो फाइनल हो गया ठेका
बोर्ड के कुछ सदस्यों ने नाम न छापने की शर्त पर बताया कि उपाध्यक्ष के बयान से तो लगता है कि कैंट बोर्ड प्रशासन ने ठेका आठ प्वाइंटों पर छोड़ने का निर्णय ले लिया है। जबकि ये निर्णय बोर्ड बैठक में लिया जाना चाहिए था, लेकिन ये सदस्य यह स्पष्ट नहीं कर रहे हैं कि क्या इस संबंध में उपाध्यक्ष से कोई चर्चा हुई है या नहीं।
तीन प्वाइंट विधायक के रडार पर
कैंट विधायक के रडार पर तीन प्वाइंट हैं, जिनका वह विरोध कर रहे हैं। इनमें दिल्ली रोड फैज-ए-आम कालेज, मवाना रोड डेयरी फार्म प्वाइंट तथा रुड़की रोड लेखा नगर स्थित प्वाइंट शामिल हैं। पूर्व में भी कैंट विधायक ने इन प्वाइंटों पर टोल वसूली का विरोध किया था। विधायक का कहना है कि ये तीनों सड़क कैंट बोर्ड की नहीं बल्कि पीडब्ल्यूडी की हैं।
काट रहे हैं कन्नी
टोल ठेके को लेकर सुनाई दे रही सुगबुगाहट पर कैंट बोर्ड का कोई सदस्य आॅन रिकार्ड बात करने को तैयार नहीं हैं। जबकि उपाध्यक्ष से तमाम कोशिशों के बाद भी संपर्क नहीं हो पा रहा है। कैंट बोर्ड प्रशासन का कहना है कि बोर्ड बैठक में ही सदस्यों के रूख के बाद तस्वीर साफ हो सकेगी। जबकि कैंट विधायक सत्यप्रकाश अग्रवाल पहले ही कह चुके हैं कि तीन प्वाइंटों पर टोल वसूली किए जाने पर उनका विरोध कायम है।