- मेरठ कॉलेज की एनसीसी 70 बटालियन में प्रवेश लेने के लिए छात्राओं की संख्या में इजाफा
- अनुशासन और संयम सीखने के लिए किया एनसीसी का चयन
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: बेटियां आज हर क्षेत्र में आगे बढ़कर अपने माता-पिता का नाम रोशन कर रही। इतना ही नहीं अब बेटियों का सपना है कि आर्मी में भर्ती होकर भी वह दुश्मन को मुंहतोड़ जवाब दे सके। इसकी बानगी मेरठ कॉलेज की एनसीसी 70 बटालियन में प्रवेश परीक्षा में देखने को मिली।
जिसमें एनसीसी प्रवेश परीक्षा में भाग ले रही यूजी प्रथम वर्ष की छात्राओं से जब जनवाणी टीम ने बात की तो बेटियों ने कहा कि आर्मी में जाकर देश की सेवा करना उनका सपना है। जिसे पूरा करने के लिए वह एनसीसी में प्रवेश लेना चाहती हैं। क्योंकि एनसीसी में अनुशासन सिखाया जाता है और सेना का अनुशासन विश्व में जाना जाता है।
इसलिए वह प्रथम चरण को सीखने के लिए एनसीसी में भाग लेना चाहती। जिससे वह भविष्य के लिए अपने आपको तैयार कर सकें। मेरठ कॉलेज की एनसीसी 70 बटालियन में अनुशासन का पाठ सीख चुके। विभिन्न कैडेट्स आज आर्मी में विभिन्न पदों पर दायित्व संभाल रहे।
इतना ही नहीं विभिन्न परेड में भी कैडेट्स भाग लेकर मेरठ कॉलेज का नाम रोशन कर रहे हैं। एनसीसी में प्रवेश के लिए पहले छात्र-छात्राओं को प्रवेश परीक्षा से गुजरना होता है। जिसके पश्चात ही उनका एनसीसी के लिए चयन होता है। इसलिए कॉलेज में एनसीसी प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया गया।
जिसमें बड़ी संख्या में छात्र-छात्राओं ने भाग लिया। मेरठ कॉलेज एनसीसी की छात्र-छात्राएं चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में आयोजित दीक्षांत समारोह में राज्यपाल की स्वागत परेड किस्सा साथ विभिन्न गतिविधियों में भी साथ रहते हैं।
एनसीसी प्रवेश परीक्षा में शामिल होने आई छात्राओं ने ये कहा…
मनीषा शर्मा ने कहा कि एनसीसी में यूनिटी एवं संयम का बेहतर तालमेल सिखाया जाता है। जिससे भविष्य में बहुत कुछ सीखने को मिलता है। इसलिए उन्होंने एनसीसी का चयन किया। उनका सपना सेना में जाने का है।
शिवानी ने कहा कि एनसीसी में अनुशासन और एकता का बेहतरीन अध्ययन कराया जाता है। जिससे भविष्य को संवारने में काफी मदद मिलती है। साथ ही एनसीसी के सर्टिफिकेट से विभिन्न सरकारी नौकरियों में भी फायदा होता है। इसलिए एनसीसी लेकर आगे चलकर सेना में भर्ती होकर मां भारती की सेवा करना चाहती हैं।
शिवानी शर्मा ने कहा कि किसी भी विभाग में जाने से पहले अनुशासन होना चाहिए। जोकि हमें एनसीसी में सीखने को मिलता है, उन्होंने बताया कि वह दिल्ली पुलिस की भी तैयारी कर रही है। इसलिए एनसीसी में प्रवेश चाहती है। जिससे कि पहले से ही सभी परिस्थितियों के बारे में जानने का मौका मिल सके।
सोनिया ठाकुर ने कहा कि विद्यार्थी जीवन से ही किस प्रकार अपने आप को अनुशासित बनाए रखकर अपनी फिटनेस को ध्यान में रखते हुए आगे बढ़ सकते हैं, उसको सीखने का सबसे सशक्त मायम एनसीसी है। इसलिए उन्होंने एनसीसी प्रवेश परीक्षा में सम्मिलित हुई जिससे उनको एनसीसी मिल सके और वह सेना में भर्ती हो सके।
विदुषी ने कहा कि उनके दादाजी भी आर्मी में है। उनका भी सपना आर्मी में भर्ती होकर देश की सेवा करने का हैं। जिसके लिए उन्होंने एनसीसी का चयन किया। जिससे वह शुरू से ही अपने आपको हर परिस्थिति के लिए तैयार कर सकें।
नेहा सोम ने कहा कि बर्डर पर जाकर दुश्मनों को मुंहतोड़ जवाब देना चाहती। जिसके लिए उन्हें सेना में भर्ती होना, लेकिन किस प्रकार अपने आपको संयम और अनुशासन में डाला जाए उसके लिए उन्होंने एनसीसी को लेना उचित समझा। इसलिए वह एनसीसी में प्रवेश लेना चाहती हैं।
एनसीसी बटालियन 70 कैप्टन डा. अवोश कुमार ने बताया कि मेरठ कलेज से एनसीसी कैडेट के रूप में अनुशासन और संयम का पाठ सीखने के पश्चात वह विभिन्न पदों पर आज अपना दायित्व संभाल रहे हैं। उन्होंने कहा कि इसके लिए ही एनसीसी प्रवेश परीक्षा का आयोजन किया गया है। जो छात्र-छात्राएं प्रवेश परीक्षा में सफल होंगे। उनकी मेरिट बनाई जाएगी। इसके पश्चात उनका प्रवेश होगा। प्रवेश परीक्षा के लिए शासन की सभी गाइडलाइन ओं का पालन किया गया है। उन्होंने कहा कि अनुशासन और संयम का एनसीसी एक सशक्त कायम है। मेरठ कॉलेज एनसीसी की छात्र-छात्राएं चौधरी चरण सिंह विश्वविद्यालय में आयोजित दीक्षांत समारोह में राज्यपाल के स्वागत परेड में हिस्सा लेकर विभिन्न गतिविधियों में भी साथ रहते हैं।