- एसआईटी टीम ने कई उपनिबंधक कर्मचारियों पर जताया शक
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: शहर में 100 करोड़ रुपये से ज्यादा का हुआ स्टांप घोटाला दिन पर दिन तूल पकड़ता जा ही जा रहा है। पुलिस की एसआईटी टीम अभी तक यह पता नहीं लगा पाई है कि यह स्टांप पेपर कहां से आए। जबकि स्टांप पेपरों से सबसे ज्यादा बैनामे उपनिबंधक कार्यालय द्वितीय और चतुर्थ में हुए। इसके साथ 25-25 हजार के स्टांप पेपर उप निबंधक प्रथम और तृतीय में खपाए गए।
एसआईटी की जांच में सामने आया कि अगर उपनिबंधक कार्यालय के अधिकारी चाहते तो फर्जी स्टांप पेपर बैनामा करने से पहले पकड़ लेते, लेकिन किसी भी उपनिबंधक प्रभारी ने स्टांप पेपरों की जांच करना गंवारा नहीं किया। इसके बाद फर्जी स्टांप से दिन पर दिन बैनामे होते रहे। एसआईटी टीम का कहना है कि मेरठ में हुए 7.30 करोड़ रुपये के स्टांप घोटाले के तार उपनिबंधक कार्यालय से जुड़े हुए हैं। पिछले तीन साल में तैनात कुछ अधिकारी और कर्मचारी विशाल वर्मा के साथ फर्जी स्टांप पेपर के बैनामे करने में मिले हुए थे।
जिसके चलते लगातार 7.30 करोड़ रुपये के फर्जी स्टांप से बैनामे कर दिए गए सभी कर्मचारियों का डाटा खगाला जा रहा है। जिससे यह पता चल जाए कौन अधिकारी इस घोटाले में शामिल था। एसपी क्राइम अवनीश कुमार का कहना है कि विशाल वर्मा की तलाश की जा रही है। जल्दी ही पकड़ लिया जाएगा। मेरठ में करीब ढाई हजार लोग ऐसे हैं, जिन्होंने अपने मकान के बैनामे कराए हैं और उनके स्टांप पेपर जांच में फर्जी पाए गए हैं। उनको रुपये जमा करने का नोटिस भेजा गया है। 450 लोगों ने ब्याज के साथ स्टांप पेपर के रुपये जमा कर दिए हैं।
एसएसपी के निर्देश में सिविल लाइन पुलिस और एसआईटी टीम ने विशाल वर्मा के दोस्त स्टांप वेंडर के घर पर मोहनपुरी स्थित घर पर दबिश डाली, लेकिन स्टांप वेंडर घर पर नहीं मिला। पुलिस उसके रिश्तेदार को हिरासत में लेकर आ गई। दो दिन पहले ही विशाल वर्मा के दोस्त का 55 लाख रुपये के लेन-देन को लेकर आॅडियो वायरल हुआ था। वह आॅडियो स्टांप वेंडर का बताया जा रहा है। पुलिस का कहना है कि स्टाफ वेंडर को पता है कि विशाल वर्मा कहां पर छुपा हुआ है।
विशाल वर्मा के बैंक खाते पुलिस ने किए सीज
एसआईटी टीम ने विशाल वर्मा की गिरफ्तारी के लिए कई स्थानों पर ताबड़तोड़ दबिश डाली। इसके साथ उसके दो बैंक खातों को सीज कर दिया। पुलिस का कहना है कि अब वह अपने बैंक से लेन-देन नहीं कर सकता उसके और अन्य खातों का पता लगाया जा रहा है।
होगी कुर्की की कार्रवाई
पुलिस का कहना है कि अगर विशाल वर्मा जल्दी गिरफ्तार नहीं हुआ तो उसके मकान की कुर्की की कार्रवाई शुरू करवा दी जाएगी और उसके मकान में रखा सारा सामान को जब्त कर लिया जाएगा।
व्यापारियों को मिली धमकी
एसपी आफिस पर प्रदर्शन करने गए मेरठ मंडल व्यापार संघ के पदाधिकारी को कुछ लोगों ने धमकी दी। एसपी का कहना है कि धमकी देने वालों की फुटेज निकलवाई जा रही है उसके बाद कार्रवाई की जाएगी।
उपनिबंधक कार्यालय में तैनात रिटायर्ड कर्मचारियों को हटाया
मेरठ: कचहरी परिसर स्थित उपनिबंधक कार्यालय में तैनात रिटायर कर्मचारियों की तैनाती का मामला जनवाणी समाचार पत्र में छपते ही अधिकारियों में खलबली मच गई। दिन निकलते ही एआईजी स्टांप ने दोनों रिटायर्ड कर्मचारियों से कार्यालय में रखी अलमारी की चॉबी और फाइलों को कब्जे में लेकर दोनों कर्मचारियों की नियुक्ति पर रोक लगा दी। एआईजी स्टांप ज्ञानेंद्र कुमार का कहना है कि रिटायर्ड कर्मचारी राजेंद्र सिंह त्यागी और तोताराम को कार्यालय से हटा दिया गया है।
बताया गया कि मेरठ में उपनिबंधक कार्यालय में 7.30 करोड़ रुपये का स्टांप घोटाला सामने आया है। जिसमें 950 लोगों के खिलाफ मुकदमा दर्ज कराया जा चुका है। इस मामले की जांच एसएसपी की एसआईटी टीम मामले की जांच कर रही है। मेरठ व्यापार मंडल ने डीएम दीपक मीणा को सूचना दी कि कचहरी परिसर स्थित रजिस्टर कार्यालय में तैनात दो कर्मचारी राजेंद्र त्यागी और तोताराम पिछले दो साल पहले रिटायर्ड हो चुके हैं और अपनी सेटिंग लगाकर इस कार्यालय में मलाईदर सीट पर बैठे हुए हैं और इसके साथ में लोगों की बेनामी कर रहे हैं।
पूरा मामला जनवाणी समाचार पत्र के मंगलवार के अंक में प्रकाशित होते ही स्टांप विभाग अधिकारियों में खलबली मच गई। दिन निकलते ही एआईजी स्टांप ज्ञानेंद्र कुमार ने कार्यालय में आकर दोनों कर्मचारियों की नियुक्ति की फाइलें खंगाली। जिसमें पाया गया कि दोनों रिटायर्ड कर्मचारी बिना किसी परमिशन के पिछले दो साल से रजिस्ट्री आॅफिस में काम कर रहे हैं। एआईजी स्टांप ज्ञानेंद्र कुमार ने दोनों कर्मचारी से अलमारी की चॉबी और फाइल लेकर दोनों को कार्यालय से हटा दिया गया।
एआईजी स्टांप ज्ञानेंद्र कुमार का कहना है कि रिटायर्ड कर्मचारी राजेंद्र त्यागी और तोताराम को कार्यालय से हटा दिया गया है। उन्होंने कहा कि रजिस्ट्री कार्यालय में किसी भारी व्यक्ति की तनाती नहीं की जाएगी। वह किसकी परमिशन से पिछले दो साल से काम कर रहे थे। इस मामले की जांच बिठा दी है और उनके द्वारा किए गए बैनामों की भी जांच की जा रही है।
जल्द गिरफ्तार हो भगोड़ा विशाल वर्मा
स्टांप घोटाले में वांटेड चल रहे 25 हजारी विशाल वर्मा की गिरफ्तारी की मांग को लेकर मेरठ व्यापार मंडल के अध्यक्ष जीतू नागपाल और शैंकी वर्मा एसएसपी से मिले। उन्होंने एसएसपी डा. विपिन ताडा को एक शिकायती पत्र देते हुए मांग की। विशाल वर्मा की जल्द से जल्द गिरफ्तारी की जाए, एसएसपी ने आश्वासन दिया कि उसकी गिरफ्तारी के लिए चार टीमें लगी हुई है। जल्दी उसकी गिरफ्तारी कर ली जाएगी।