- दो लाख तीन हजार के नकली नोट बरामद
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: एसटीएफ ने मेडिकल क्षेत्र हनुमान विहार से तीन आरोपियों को नकली करेंसी तैयार करने के आरोप में गिरफ्तार किया है। टीम को नकली करेंसी तैयार करने वालों के पास से दो लाख तीन हजार 600 रुपये की नकली करेंसी बरामद हुई हैं। वहीं मौके से एक एचपी प्रिंटर, एक स्टील स्केल, स्टील ब्लेड कटर व तीन मोबाइल फोन अन्य उपकरण बरामद किये।
एसटीएफ को दिल्ली एनसीआर क्षेत्र में भारतीय जाली नोट की सप्लाई करने की सूचना प्राप्त हो रही थी। एसटीएफ नोएडा के अपर पुलिस अधीक्षक राजकुमार मिश्रा के पर्यवेक्षण तथा इंस्पेक्टर राकेश कुमार एसटीएफ नोएडा के नेतृत्व में अभिसूचना की कार्रवाई प्रारम्भ कर एक टीम गठित की गई। एसटीएफ को मुखबिर द्वारा सूचना मिली कि मेडिकल क्षेत्र के भड़ाना डेरी वाली गली हनुमान विहार के एक मकान में कुछ लोग नकली नोट तैयार कर उन्हें विभिन्न क्षेत्रों में चलाने की तैयारी में हैं।
एसटीएफ टीम गुरुवार दोपहर दो बजकर 35 मिनट पर मेडिकल पुलिस को साथ लेकर एक मकान में छापा मारते हुए तीन लोगों को गिरफ्तार कर लिया। टीम ने मौके से दो लाख तीन हजार छह सौ रुपये नकली करेंसी बरामद की। वहीं मकान के अंदर से तीन अदल मोबाइल, एक एचपी प्रिंटर, स्टील स्केल, स्टील ब्लेड कटर, कैंची, लाल, पीली, काली, नीली स्याही की डिब्बी, दो रंगीन टेप, एक पारदर्शी टेप भी बरामद की गई।
एसटीएफ टीम के अनुसार जाली करेंसी तैयार करने वाले तीन लोगों के नाम पप्पू तुल्हेड़ी पुत्र फूल सिंह निवासी तुल्हेड़ी, मीरापुर मुजफ्फरनगर उम्र 35 वर्ष, देशपाल उर्फ पप्पू पुत्र ठाट सिंह निवासी मुल्हेड़ा थाना सरधना, ऋषि कुमार पुत्र भागमल निवासी ग्राम बढ़ला कैथवाड़ी थाना मुंडाली हैं।
नकली नोट बनाने वाला मास्टर माइंड छठी पास निकला
एसटीएफ को जाली करेंसी तैयार करने वालों के कब्जे से दो लाख तीन हजार छह सौ रुपये बरामद हुए हैं। जिनमें एक लाख 32 हजार रुपये के पांच सौ रुपये के नोट व दो सौ रुपये के 265 नोट और सौ रुपये के 143 नकली नोट मिले हैं। एसटीएफ ने बताया कि पप्पू तुल्हेड़ी कक्षा छह पास है। वह पहली बार दौराला थाने से चोरी के आरोप में जेल गया था। इसके बाद वह 10 वर्षों से अपराध की घटनाएं करता रहा।
कई बार जेल जाने पर उसकी मुलाकात जेल में बंद धनपाल निवासी ग्राम खाता थाना फलावदा व देशपाल ग्राम मुल्हेड़ा सरधना से हुई। जेल से छूटने के बाद धनपाल ने पप्पू की मुलाकात अपने गांव के रहने वाले कलुआ पुत्र श्योराज से कराई। कलुआ का पूर्व में फोटो स्टूडियो था। इसके बाद पप्पू तुल्हेड़ी व देशपाल व कलुआ तीनों मिलकर पिछले छह महीने से नकली नोट तैयार कर रहे थे। ये तीनों 35 प्रतिशत कमीशन पर जाली नोटों को बाजारों में बेचने का काम कर रहे थे। पप्पू तुल्हेड़ी पर जिले में 15 अपराधिक मुकदमे दर्ज हैं। देशपाल पर चार मुकदमे दर्ज हैं।
छठी पास हिस्ट्रीशीटर प्रिंटर से तैयार करता था नकली नोट
मुजफ्फरनगर जिला मीरापुर गांव तुल्हेडी निवासी पप्पू अनपढ़ के बराबर है। सिर्फ छठी पास करने वाला पप्पू तुल्हेड़ी नकली नोटों को अपने दो अन्य साथियों की मदद से प्रिंटर पर तैयार करता था। दस साल से अपराध की दुनिया में उतरने वाले पप्पू ने सोचा कि चोरी लूट डकैती से अच्छा है कि क्यों न नकली नोट बनाये जाये। उसके लिए न तो ज्यादा सामान की जरुरत है। न ही उसमें ज्यादा जोखिम। पप्पू ने अपने साथियों देशपाल और कलुआ की मदद से 500 रुपये के ऐसे नोट तैयार किये जो बिल्कुल हूबहू असली में प्रतीत होते हैं।
ऐसे ही उसने दो सौ का नोट और सौ का नोट तैयार कर उन्हें बाजारों में 35 प्रतिशत कमीशन पर चलाना शुरु कर दिया। एसटीएफ ने जानकारी दी कि बरामद नकली नोटों में तार नहीं है। असली नोटों की अपेक्षा कागज में भी भिन्न है, लेकिन हाथ में देखने पर असली प्रतीत होते हैं। तीनों लोगों से एसटीएफ पूछताछ करने में जुटी है कि अब तक उन्होंने बाजार में कितने नकली नोटों की खेप उतारी है।