जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: रामायण में बताए गए राम सेतु की खोज पर आधारित अक्षय कुमार की फिल्म ‘राम सेतु’ थिएटर्स में पहुंच चुकी है। इस फिल्म में अक्षय के साथ जैकलीन फर्नांडिस, नुशरत भरूचा और सत्यदेव भी महत्वपूर्ण भूमिकाओं में हैं। ‘राम सेतु’ का ट्रेलर तो लोगों को एक्साइटिंग लग रहा था, लेकिन क्या फिल्म भी दर्शकों के मन को लुभायेगी?
‘रामायण’ में लंका पर चढ़ाई करने के लिए भगवान राम की सेना द्वारा समुद्र पर ‘राम सेतु’ बनाने की कथा बहुत दिलचस्प है। भारत और श्रीलंका के बीच आज तो ऐसा कोई पुल नहीं है, लेकिन मैप पर जो एक महीन सी रेखा दोनों देशों को जोड़ती दिखती है, माना जाता है कि यही ‘राम सेतु’ के अवशेष हैं। भारतीय जनमानस में ये राम सेतु एक फैसिनेशन रहा है और इसके साथ धार्मिक आस्था भी जुड़ी है। राम सेतु एक बड़ी बहस का भी हिस्सा रहा है।
जहां तथ्यों के आधार पर एक पक्ष राम सेतु को प्राकृतिक निर्माण मानता है, वहीं दूसरा पक्ष इसे प्रभु श्रीराम का बनाया हुआ मानता है। अक्षय कुमार की फिल्म ‘राम सेतु’ इसी माइथोलॉजिकल पुल को केंद्र में रखकर बुनी गई है। ‘राम सेतु’ के ट्रेलर ने जनता में अच्छा माहौल बनाया था और अब फिल्म भी थिएटर्स में पहुंच चुकी है।
‘राम सेतु’ की कहानी अफगानिस्तान से शुरू होती है जहां तालिबान के हमले में बामियान के बुद्ध की प्रतिमा क्षतिग्रस्त हो चुकी है। इंडिया के मशहूर आर्कियोलॉजिस्ट डॉक्टर आर्यन अपनी टीम के साथ इस ऐतिहासिक साईट को रिस्टोर करने पहुंचे हैं। इस पूरे सीक्वेंस से फिल्म ये बैकग्राउंड सेट करती है कि आर्यन नास्तिक है, धर्म में यकीन नहीं करता लेकिन संस्कृति के अवशेषों से उसे प्रेम है इसलिए आर्कियोलॉजिस्ट है और वो पूरी तरह तथ्य मानता है।