- पांच घंटे सड़क जाम, रातभर पड़ा रहा शव
- मुआवजे और नौकरी की मांग पर अड़े परिजन
- सपा, रालोद विधायक व जिला पंचायत सदस्य भी जाम में हुए शामिल
जनवाणी संवाददाता |
रोहटा: शनिवार की देर रात ड्यूटी करके बाइक से वापस लौट रहे बाइक सवार बैंक कर्मी की आवारा गोवंश की चपेट में आकर मौके पर दर्दनाक मौत हो गई। हादसे को लेकर नए साल की पौ फटते ही हादसे को लेकर गुस्साए ग्रामीणों ने मेरठ-बड़ौत रोड पर पांच घंटे तक जाम लगाए रखा।
उत्तेजित ग्रामीणों की मांग थी कि मृतक के परिजनों को सरकारी नौकरी और 20 लाख रुपये का मुआवजा दिया जाए। लगभग पांच घंटे तक चले जाम को लेकर मौके पर जिले के आलाधिकारी सपा व लोकदल विधायक सहित भाकियू कार्यकर्ता भी जाम में शामिल रहे। जहां पांच घंटे तक चले लंबे जाम में के बाद प्रशासन के आश्वासन पर जाम खुला।
कंकरखेड़ा थाना क्षेत्र के गांव झिंझोखर निवासी भूपेंद्र सिंह पुत्र राहुल (26) पुत्र भूपेंद्र मेरठ के बंधन बैंक में बतौर सेल्समैन नौकरी करता था। घटनाक्रम के मुताबिक शनिवार देर रात राहुल बाइक से वापस गांव को लौट रहा था। बताया गया कि जब वह गांव के संपर्क मार्ग पर पहुंचा तभी की बाइक के सामने अचानक खेत से निकल गोवंश की चपेट में आकर बाइक सवार राहुल की घंटों तक तड़प कर दर्दनाक मौत हो गई।
गोवंश की टक्कर की मौत का नए साल की सुबह ग्रामीणों को पता लगा तो वे उत्तेजित हो गए और शव को सड़क पर रखकर मेरठ-बड़ौत मार्ग पर जाम लगा दिया। आक्रोशित ग्रामीण पूठ पुलिस चौकी इंचार्ज की मृतक पर की गई टिप्पणी पर भड़क गए और उसे दौड़ा लिया। बमुश्किल थाना प्रभारी रामकुमार कुंतल ने बीच बचाव कराया। इस दौरान जाम लगा रहे आक्रोशित ग्रामीणों को काफी समझाने का प्रयास किया,
लेकिन माने ग्रामीण नहीं माने और अधिकारियों को मौके पर बुलाकर चौकी इंचार्ज के खिलाफ कार्रवाई करने, मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी 20 लाख रुपये मुआवजा दिलाने की मांग पर अड़ गए। कुछ देर बाद सपा नेता जिला पंचायत सदस्य सम्राट मालिक मौके पर पहुंचे। ओर मृतक के परिवार को 20 लाख रुपये व पूठ चौकी इंचार्ज को तत्काल निलंबित करने की मांग करने लगे।
कुछ देर बाद सीओ सरधना आरपी शाही भी भारी पुलिस बल के साथ मौके पर पहुंचे ओर आक्रोशित ग्रामीणों को शांत कर शव को पोस्टमार्टम को भिजवाने का प्रयास किया, लेकिन ग्रामीण डीएम, एसएसपी को मौके पर बुलाने की मांग पर पड़ गए। हालांकि बाद में सूचना पाकर मौके पर सिवालखास के रालोद विधायक गुलाम, मोहम्मद सरधना के सपा विधायक अतुल प्रधान व रालोद नेता राजकुमार सांगवान व भाकियू कार्यकर्ता भी मौके पर पहुंच गए।
उन्होंने मृतक के परिवार को 20 लाख का मुआवजा और मृतक की पत्नी को सरकारी नौकरी व गोवंश को पकड़ने की मांग को लेकर मृतक के परिजनों के साथ बैठ गए। इस दौरान सूचना पाकर एडीएम प्रशासन रामेश्वर प्रसाद व तहसीलदार सदर भी सूचना पाकर मौके पर पहुंचे और सुबह आठ बजे से लेकर लगे जाम को खुलवाने का प्रयास किया। कई दौर की वार्ता के बाद प्रशासन से विधायक व ग्रामीण बातचीत करने के लिए तैयार हो
जिसके बाद एडीएम प्रशासन रामेश्वर प्रसाद के आश्वासन पर पीड़ित के परिवार को मुआवजा दिलाने की मांग और बैंक में मृतक की पत्नी को नौकरी के अवसर पर ग्रामीण में दोपहर दो बजे के करीब जाकर जाम खोला। जाम के दौरान सड़क के दोनों ओर वाहनों की काफी लंबी कतारें लग गई और मौके पर कई बार हंगामा खड़ा हो गया।
इसे लेकर बार-बार पुलिस-प्रशासन के हाथ पैर फूलते रहे। मौके पर कई थानों की पुलिस पहुंच पहुंच गई। एडीएम प्रशासन से वार्ता के बाद ग्रामीणों ने जाम खोला। जिसके बाद पुलिस ने शव का पंचनामा भरकर पोस्टमार्टम के लिए भेज दिया। हादसे को लेकर मृतक के मौके पर पहुंचे परिजनों में रोना-धोना मचा रहा।
जाम में ये लोग रहे शामिल
राहुल की हादसे में हुई मौत को लेकर मेरठ-बड़ौत रोड पर जाम लगाने वालों में सबसे पहले जिला पंचायत सदस्य सम्राट मलिक पहुंचे उसके बाद विधायक गुलाम मोहम्मद, सपा विधायक अतुल प्रधान, रालोद नेता राजकुमार सांगवान, रालोद नेता रणबीर दहिया, अर्जुन ढिंढाला, अनुराग चौधरी, सपा जिला अध्यक्ष राजपाल सिंह महबूब सोलाना, भाकियू नेता राजकुमार करनावल सहित अन्य भाकियू कार्यकर्ता जाम में शामिल रहे।
चौकी इंचार्ज की टिप्पणी से बिगड़ा मामला
बताया गया है कि हादसे के बाद मृतक राहुल घंटों तक सड़क पर पड़ा तड़पता। इस बाबत वहां से गुजरे ग्रामीणों ने पूठ पुलिस चौकी इंचार्ज को इस हादसे की सूचना दी। ग्रामीणों का आरोप है कि चौकी इंचार्ज मौके पर नहीं पहुंचे और शनिवार सुबह मौके पर घंटे बाद पहुंचे तो उन्होंने मृतक पर टिप्पणी कर दी कि गोवंश से आए दिन हादसे में लोग मरते रहते हैं। इसमें पुलिस का क्या कसूर है और ना पुलिस का गोवंश को पकड़ने का काम है।
इसी टिप्पणी को लेकर ग्रामीणों में उत्तेजना फैल गई और उन्होंने पूठ पुलिस चौकी इंचार्ज विजेंद्र के खिलाफ मोर्चा खोलते हुए दौड़ा लिया। इस दौरान थाना प्रभारी रामकुमार कुंतल के प्रयास से मामला संभाला, लेकिन ग्रामीण उनके निलंबन की मांग पर अड़ गए और रोड जाम रखा। उनकी टिप्पणी को लेकर पांच घंटे तक रोड जाम रहा और यह बवाल हुआ।
आठ दिन पहले भी गोवंश से हुई थी ग्रामीण की मौत
नए साल के कल सुबह ग्रामीणों द्वारा उत्तेजित होकर रोड जाम यूं ही नहीं किया गया। ग्रामीणों में गोवंश आए दिन मर रहे लोगों को लेकर उत्तेजना भरी हुई थी। बताया गया कि आठ दिन पहले भी इसी गांव के छुवारआ द्वारा नामक एक व्यक्ति की सड़क पर जाते वक्त आवारा गोवंश की टक्कर से मौत हो गई थी।
जिसकी आज रविवार की अलसुबह नए साल के दिन पहले तेहरवीं थी। ग्रामीणों का कहना था कि नए साल के पहले दिन नए साल के जश्न के बजाय उन्हें सरकार की विडंबना के चलते तेहरवीं मनानी पड़ी। इसको लेकर ग्रामीणों में काफी गुस्सा भरा हुआ था जिसके बाद यह हंगामा बवाल किया गया।
गोवंश को पकड़ने को चार दिन पहले ही हुई थी ब्लॉक में तालाबंदी
सड़कों पर मौत बनकर घूम रहे आवारा गोवंश पशुओं को पकड़ने की मांग को लेकर चार दिन पहले ही मेरठ मंडल के मानव अधिकार एवं न्याय सुरक्षा प्रहरी के अध्यक्ष ओंकार शर्मा ने ब्लॉक में तालाबंदी करके आवारा पशुओं को पकड़ने की मांग की थी। इसको लेकर एक सप्ताह के अंदर दो ग्रामीणों की मौत को लेकर इस संगठन के काफी लोग भी जाम में पहुंचे
और उन्हें प्रशासन पर लापरवाही और हीला हवाली का आरोप लगाते हुए हमारा गोवंश को फिर पकड़ने की मांग की। इस दौरान संगठन के लोगों ने प्रशासन पर इस मामले में सख्त कार्रवाई कर आवारा गोवंश को पकड़ने की मांग को लेकर कहा कि यदि एक सप्ताह के भीतर कार्रवाई नहीं हुई तो जिलाधिकारी कार्यालय पर धरना दिया जाएगा।