Sunday, January 19, 2025
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राशन कार्ड बनवाने के लिए पूर्ति विभाग को श्रमिकों की तलाश

  • मेरठ के दो लाख श्रमिकों का नहीं चल रहा कुछ पता पोर्टल से डाटा लेकर ली जा रही जानकारी

जनवाणी संवाददाता |

मेरठ: श्रमिकों के राशन कार्ड बनावाने के लिए पूर्ति विभाग इन दिनों काफी परेशान है। विभाग के पास श्रमिकों का डेटा तो है, लेकिन उन्हें तलाशने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। अभी तक दो लाख श्रमिक ऐसे हैं, जिनतक पहुंच पाना पूर्ति विभाग के लिए सिर दर्द हो गया है। ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकृत श्रमिकों का डाटा तो विभाग के अधिकारी के पास है, लेकिन उनसे संपर्क नहीं हो पा रहा है। कुछ श्रमिक ऐसे पाए गए हैं, जो इसके लिए पात्र ही नहीं है।

कोरोना काल में पंजीकरण कराने वाले श्रमिक अब तलाशने के बाद भी नहीं मिल पा रहे हैं। मेरठ में करीब 11 लाख लोगों ने ई-श्रम पोर्टल पर पंजीकरण करा रखा है। इनमें से बड़ी संख्या में ऐसे लोग है, जो श्रमिक की श्रेणी में आते ही नहीं है। इनमें बड़े बिजनेसमैन, सरकारी नौकरी और मल्टीलेवल कंपनियों में काम कर रहे है। इन्होंने कोरोना काल में खुद से ही पोर्टल पर अपना पंजीकरण कर रहा है। जिसके बाद अब करीब दो लाख श्रमिक ऐसे है, जिनतक जिला पूर्ति विभाग नहीं पहुंच पा रहा है। पूर्ति इंस्पेक्टर, राशन कोटेदार गांव-गांव घूमकर श्रम विभाग में पंजीकृत राशनकार्ड बनवाने के इच्छुक श्रमिकों की तलाश कर रहा है।

जिलापूर्ति अधिकारी विनय सिंह ने पूर्ति इंस्पेक्टर और राशन कोटेदारों को सभी पात्रों के राशन कार्ड बनाए जाने के निर्देश दिए हैं। उन्होंने बताया कि कोरोना काल में देशभर से मेरठ निवासी श्रमिक अपने-अपने घर वापस आ गए थे। इस दौरान 11 लाख के करीब लोगों ने काम के लिए ई-श्रम पोर्टल पर अपना पंजीकरण कराया था। इनमें कुछ ऐसे लोगों ने भी अपना पंजीकरण खुद से ही कल लिया था, जो इसके पात्र भी नहीं थे। उस समय सरकार ने राशन कार्ड बनाने की प्रक्रिया को दरकिनार करते हुए उनके राशन कार्ड त्वरित बना दिए थे। अब सरकार ने बचे हुए पंजीकृत श्रमिकों के राशन कार्ड बनाने के निर्देश दिए हैं।

उनका कहना है कि नौ लाख लोगों की डिटेल्स और पात्र व अपात्रता का पता लगाया जा चुका है, लेकिन अभी भी दो लाख श्रमिक ऐसे हैं, जिनकी डिटेल्स निकालने में दिक्कतों का सामना करना पड़ रहा है। जिला पूर्ति अधिकारी विनय सिंह ने बताया कि श्रमिकों को कॉल करके उनसे बात की जा रही है। इनमें बहुत लोग ऐसे सामने आ रहे हैं, जिनका खुद का बड़ा व्यापार है। कई सरकारी नौकरी वाले है, तो कई ऐसे है, जिनकी मानदेय लाखों रुपये के हिसाब से आता है। यह लोग पात्रता की श्रेणी से बाहर है। जिनके नाम के सामने अपात्र लिखकर पोर्टल पर अपडेट किया जा रहा है। फिलहाल जिले में 5.52 लाख से अधिक राशन कार्ड है, जिनमें 25 लाख यूनिट है।

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