जनवाणी ब्यूरो |
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट मेडिकल प्रवेश परीक्षा के आयोजन में अनियमितताओं और कदाचार का आरोप लगाने वाली 40 से अधिक याचिकाओं पर सुनवाई हुई। शीर्ष अदालत ने कहा कि पेपर लीक हुआ है, इसमें कोई विवाद नहीं है। कोर्ट ने फैसला सुरक्षित रखा है।
भारत के मुख्य न्यायाधीश (सीजेआई) डीवाई की अध्यक्षता वाली पीठ चंद्रचूड़ ने सोमवार को भारतीय प्रौद्योगिकी संस्थान-दिल्ली के निदेशक से अपने तीन बेहतरीन प्रोफेसरों को परीक्षा के भौतिकी के पेपर में एक पेचीदा और “अस्पष्ट” प्रश्न को 24 घंटे के भीतर हल करने और वापस रिपोर्ट करने के लिए कहा। उनके उत्तर का प्रभाव चार लाख से अधिक अभ्यर्थियों के कुल अंकों पर पड़ेगा, जिनमें 44 छात्र भी शामिल हैं जिन्होंने परीक्षा में उत्तम अंक प्राप्त किए हैं।
दोबारा परीक्षा कराने और रिजल्ट रद्द करने की मांग वाली याचिका खारिज
सुप्रीम कोर्ट ने दोबारा परीक्षा कराने और रिजल्ट रद्द करने की मांग वाली सभी याचिकाओं को खारिज कर दिया है।
दोबारा परीक्षा की मांग वाली याचिका खारिज
रिकॉर्ड पर उपलब्ध आंकड़े प्रश्नपत्र के व्यवस्थित लीक होने का संकेत नहीं देते, जिससे परीक्षा की पवित्रता में व्यवधान उत्पन्न होने का संकेत मिलता हो। सुप्रीम कोर्ट ने NEET UG दोबारा परीक्षा कराने और रिजल्ट रद्द करने की मांग वाली याचिकाओं को खारिज कर दिया है।
परीक्षा के परिणाम दूषित थे इस बात का कोई सबूत नहीं
मुख्य न्यायाधीश ने कहा कि वर्तमान स्थिति में, रिकॉर्ड में ऐसी कोई सामग्री नहीं है जो यह दर्शा सके कि परीक्षा के परिणाम दूषित थे या परीक्षा के संचालन में कोई प्रणालीगत उल्लंघन हुआ था।
पटना और हजारीबाग में हुआ है पेपर लीक
सीजेआई ने कहा, पटना और हजारीबाग में लीक होने पर कोई विवाद नहीं है। सीबीआई के खुलासे से पता चलता है कि जांच अभी भी पूरी नहीं हुई है, लेकिन पटना और हजारीबाग के अभ्यर्थी लीक से लाभान्वित हुए प्रतीत होते हैं।
23 लाख से अधिक छात्रों के करियर का सवाल
आदेश सुनाते हुए CJI ने कहा कि याचिकाकर्ताओं द्वारा उठाया गया मुख्य मुद्दा यह है कि दोबारा परीक्षा का आदेश दिया जाना चाहिए क्योंकि पेपर लीक हुआ था और परीक्षा के संचालन में प्रणालीगत कमियां थीं। वर्तमान जैसे मामले में, यह जरूरी है कि इस विवाद को तत्काल निश्चितता और अंतिमता प्रदान की जाए, क्योंकि इससे 23 लाख से अधिक छात्रों का करियर प्रभावित होता है।
नीट मामले पर फैसला सुरक्षित
40 से अधिक याचिकाओं पर चल रही सुनवाई पूरी हो गई है। शीर्ष कोर्ट ने आज भी मामले पर फैसला सुरक्षित रखा है। सुनवाई के दौरान सीजेआई ने कहा कि यह सच है कि पेपर लीक हुआ है, इसपर कोई विवाद नहीं है।
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