Friday, January 3, 2025
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UPI Frauds: आप भी करते हैं यूपीआई पेमेंट का इस्तेमाल? कहीं हो ना जाए स्कैम,ऐसे करें बचाव

नमस्कार,दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक स्वागत और अभिनंदन है। देश में आजकल जहां डिजिटल का दौर चलन पर है। उसी तरह से स्कैम भी बढ़ रहे हैं। इसमें सबसे ज्यादा आजकल ऑनलाइन लेनदेन कर रहे हैं। जिससे लोगों के साथ स्कैम के मामले भी तेजी से बढ़ रहे हैं। तो अगर आप यूपीआई यानि यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस का इस्तेमाल करते हैं तो यह आर्टिकल आपके लिए है। इससे आपको यूपीआई फ्रॉड के बारे में पता चल सकेगा। तो चलिए साथ ही आगे जानिए किस तरह से यूपीआई फ्रॉड से खुद को सुरक्षित रखा जा सकता है।

लेते हैं स्क्रीनशॉट का सहारा

इन दिनों साइबर अपराधी लोगों को ठगने के लिए यूपीआई की मदद ले रहे हैं। साइबर अपराधी लोगों को अपने जाल में फंसाने के लिए एक फर्जी स्क्रीनशॉट तैयार करते हैं और फिर उन्हें लोगों के पास भेजते हैं। स्क्रीनशॉट को इस तरह से तैयार किया जाता है कि इससे ऐसा लगे कि आपके बैंक खाते में गलती से पैसे ट्रांसफर हो गए हैं। इसके बाद साइबर धोखेबाज लोगों से अपने पैसे देने की मांग करते हैं और इस प्रक्रिया में उनके उनकी पर्सनल और बैंकिंग जानकारी हासिल कर लेते हैं।

दोस्त बनाकर करते हैं फ्रॉड

यूपीआई फ्रॉड करने के लिए साइबर अपराधी लोगों को एक दोस्त बनकर एक फर्जी आपात स्थिति के बारे में बताते हैं। इसके बाद उनसे पैसों की मांग करते हैं, इस स्थिति में अधिकतर लोग अपराधियों की बातों में आ जाते हैं और उनके जाल में फंसकर पैसे देने के लिए तैयार हो जाते हैं।

फर्जी क्यूआर कोड

साइबर धोखेबाज लोगों को ठगने के लिए नकली यूपीआई क्यूआर कोड का इस्तेमाल करते हैं। फर्जी क्यूआर कोड के जरिए वह लोगों की लॉगइन और बैकिंग जानकारी चुरा लेते हैं। इसके बाद उनके बैंक खातों को खाली भी किया जा सकता है।

एप्स के जरिए फ्रॉड

अक्सर ऐसे मामले देखे गए हैं, जहां पर साइबर धोखेबाज लोगों को अपनी बातों में फंसाकर उनके डिवाइस में एक संदिग्ध मोबाइल एप इंस्टाल करवा देते हैं। इसके बाद वो एप धीरे-धीरे लोगों के फोन की जानकारी चुराते हैं और सीधे तौर पर हैकर्स के सारी डिटेल पहुंच जाती है। ऐसे में साइबर अपराधी यूपीआई संबंधित जानकारी भी ले लेते हैं और फ्रॉड को अंजाम देते हैं।

यूपीआई रिक्वेस्ट

साइबर धोखेबाज कई मामलों में लोगों के पास फर्जी यूपीआई रिक्वेस्ट भेजते हैं। इसके लिए वो एक फर्जी मैसेज तैयार करते हैं। मैसेज में ऐसा दिखाया जाता है कि लोगों को किसी तरह की पेमेंट करनी है। इसके बाद उनसे लेनदेन करवाया जाता है और ठगी की जाती है।

ऐसे कर सकते हैं बचाव

  • साइबर धोखेबाजी से बचने के लिए जरूरी है कि आपको आजकल क्या हो रहा है, इस बारे में अच्छी और सही जानकारी हो।
  • अगर कोई अनजान नंबर से फोन कॉल करें या मैसेज करें कि आपको किसी तरह की पेमेंट करनी है तो उस पर भरोसा न करें।
  • मैसेज और सोशल मीडिया के किसी भी प्लेटफॉर्म के जरिए आने वाले किसी भी स्क्रीनशॉट पर यकीन न करें। ये स्कैम हो सकता है।
  • अगर कोई आपता स्थिति का बहाना बनाकर पैसों की मांग करता है तो उससे सावधान रहें।
    क्यूआर कोड के जरिए ऑनलाइन पेमेंट करने से पहले उसे अच्छे से वेरिफाई करें।
  • फोन कॉल, मैसेज या फिर सोशल मीडिया किसी भी तरीके से किसी के साथ भी अपनी पर्सनल और बैकिंग जानकारी साझा न करें।
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