अपने देश की तमाम खूबियों में से एक हैं यहां के पर्व-त्योहार। आपने नोटिस भी किया होगा कि दूसरे देशों के लोग भी विशेष रूप से हमारे देश के पर्व त्योहारों का आनंद लेने के लिए भारी संख्या में जुटते रहते हैं। सिर्फ उत्सव मनाना या अच्छे व्यंजनों का स्वाद ले लेना ही पर्व-त्योहारों का मकसद नहीं होता है। आप याद कीजिए अपने बचपन को जब घर के बड़े-बुजुर्ग आपको कहानियों या कुछ उदाहरणों के माध्यमं से सभी त्योहारों की विशेषता के बारे में अच्छे से समझाया करते थे। मैं अगर अपनी बात करूं तो मेरे दादा जी का कहना था कि प्रत्येक पर्व त्योहार हमें सकारात्मक और सामाजिक संदेश देते हैं।
दीपावली का मतलब सिर्फ आतिशबाजी और दीप जलाना ही नहीं होता है बल्कि ये हमें बहुत अच्छे संदेश भी देते हैं। आप अपने बच्चे को बता सकते हैं की दीप जलाने का मकसद क्या है या फिर दीवाली के अवसर पर घरों की साफ-सफाई क्यों की जाती है। इस त्योहार से जुड़ी अच्छी बातों को अगर आप अपने बच्चे को बताते हैं तो उनको हमारी संस्कृति और परंपरा के भी बारे में विस्तार से जानने का मौका मिल सकेगा।
त्योहारों के महत्व के बारे में बताएं
सबसे पहले जरूरी है कि आप अपने बच्चे को हर त्योहार के बारे में बताएं। क्योंकि दिवाली को सबसे बड़ा त्योहार माना जाता है, ऐसे में जरूरी है कि आप बच्चे को इसका महत्व, उन्हें बताएं कि दिवाली क्यों मनाते हैं, इससे जुड़ी कहानियां बताएं, ताकि वह इस उल्लास को महसूस कर सकें। इसके बारे में विस्तार से बताएं। ऐसे तो दीपावली से जुड़ी अनेक कथाएं हैं। मान्यताओं के मुताबिक रावण वध करने के पश्चात भगवान राम 14 वर्ष के वनवास की अवधि को समाप्त करते हुए इस दिन ही अयोध्या वापस लौटे थे। भगवान राम के अयोध्या से वापस लौटने के बाद अयोध्यवासियों ने उस दिन दीपावली का आयोजन किया था। इस तरह की अनेक प्रचलित कथाओं के बारे में अपने बच्चे को जरूर बता दें।
साफ-सफाई के महत्व के बारे में बताएं
हमारे पूर्वजों ने जो कुछ भी रीति-रिवाज बनाया उसके पीछे कहीं ना कहीं कुछ विशेष तर्क हुआ करते थे। वर्षा ऋतु के बाद शरद ऋतु यानी सर्दी के मौसम का आगाज होता है। जैसा की आप जानते हैं कि बारिश के मौसम में हर तरफ पानी, जल-जमाव और घरों के अंदर भी कीड़े-मकोड़ों की बहुतायत हो जाती है। तो दीपावली के अवसर पर हम अपने घर को अच्छे से साफ-सफाई करते हैं। आप इसी बहाने अपने बच्चे को स्वच्छता के महत्व के बारे में भी बता सकते हैं और आपका बच्चा भी उत्साहित होकर इन कामों में आपकी मदद कर सकता है। दिवाली पर जब आप अपने घर की सफाई में जुटें, तो इसमें बच्चे की भी मदद लें, लेकिन ध्यान रखे ये मदद उसे सफाई का महत्व सिखाने व उत्साहित करने के लिए है। आप उस पर उतना बोझ न डाल दें, जो वह उठा न पाए। जब वह आपके साथ मिलकर घर की सफाई करेगा, तो खुद को बहुत खुश महसूस करेगा। मैंने नोटिस किया है कि बहुत सारे लोग अपने घरों की तो अच्छे से सफाई कर लेते हैं लेकिन अपने घर का कचड़ा बाहर छोड़ देते हैं। अब इस कचड़े की वजह से सड़क पर गुजरने वाले लोगों और पड़ोसियों को बहुत कठिनाइयों का सामना करना होता है। इसलिए ये बहुत जरूरी है की दीपावली के मौके पर आपने जो कचड़ा साफ किया है उसको कूड़ेदान में जरूर छोड़ आएं और हमें अपने घर का कचड़ा क्यों नहीं सड़कों पर या घर के बाहर छोड़ना चाहिए इसके बारे में भी आप अपने बच्चे को जरूर बता दें। अपने बच्चे को देश का एक अच्छा और समझदार नागरिक बनाने का प्रशिक्षण पैरेंट्स ही दे सकते हैं।
सामाजिक मेल-मिलाप
डिजिटल युग में आलम ये है कि लोग एक ही छत के नीचे रहकर भी आपस में सीधे बातचीत ना कर मोबाइल पर मैसेज कर संवाद स्थापित करते हैं। बच्चे के सर्वांगीण विकास में ये बहुत जरूरी है कि वह सामाजिक रिश्तों और दायित्यों को अच्छे से समझ सके और इसमें पर्व-त्योहारों की महत्वपूर्ण भूमिका हो सकती है। बच्चों में मेल-मिलाप की भावना जीवित रखने के लिए दिवाली सबसे बेहतर त्योहार हो सकता है। आप भी अपने बच्चे को इसके बारे में बताएं। उन्हें दिवाली पर पड़ोसी, रिश्तेदार व दोस्तों के यहां अपने साथ जरूर ले जाएं, ताकि वह भी ये सब सीखें। वैसे भी बच्चों को घर से बाहर जाने में खुशी ही मिलती है।
घर को सजाना
दिवाली पर घर को सजाने का महत्व भी बताएं। दिवाली पर कई तरह की खूबसूरत लड़ियां मिलती हैं। उन्हें खरीदकर लाएं और बच्चों को उन्हें अलग-अलग स्टाइल में सजाने को कहें। इसके अलावा उन्हें रंगोली बनाने को दें, मिट्टी के बर्तन को सजाने को दें। इन सबको करते हुए बच्चा न सिर्फ उत्साहित होगा, बल्कि उसमें क्रिएटिविटी भी आएगी।
पटाखों का इस्तेमाल सावधानी के साथ करने की ट्रेनिंग दें
पटाखों को लेकर बच्चों में बहुत क्रेज देखने को मिलता है। लेकिन पटाखों का इस्तेमाल करते समय विशेष सावधानियां बरतने की भी जरूरत होती है। तेज आवाज वाले पटाखों से परहेज करें। कई बार असावधानी के चलते पटाखों से बच्चे जल जाते हैं तो बेहतर है कि हम इसको लेकर हमेशा अलर्ट रहें। घर में फर्स्ट एड बॉक्स जरूर रखें।
-प्रसून पंकज
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