- शोभापुर के सामने का है मामला, सिंचाई विभाग के अस्थाई पुल पर निर्माण की नहीं ली गई अनुमति
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: सिंचाई विभाग के राजवाहे पर बिना अनुमति के बिल्डर ने अस्थाई पुल बना दिया। सिंचाई विभाग के रजवाहे पर किसी तरह का भी छेड़छाड़ की जाती है तो उससे पहले उस पर काम करने के लिए अनुमति ली जाती है, ऐसा नियम हैं। यहां तो बिल्डर ने अनमुति भी नहीं ली और अस्थाई पुल बना दिया।
इससे भारी ट्रकों का भी आवागमन आरंभ कर दिया। मिट्टी की ढुलाई यहां की जा रही हैं। ये खनन कर मिट्टी कहां से रात के अंधेरे में लाई जा रही हैं, यह बड़ा सवाल हैं। क्या बिल्डर ने खनन करने की अनुमति ली हैं या फिर अवैध तरीके से खनन कराकर मिट्टी की ढुलाई कराई जा रही हैं। 200 बीघा जमीन में ये कॉलोनी शोभापुर के ठीक सामने संस्कृति मंडप के बराबर में विकसित की जा रही हैं।
शोभापुर के ठीक सामने हाइवे पर बिल्डर ने अवैध कॉलोनी विकसित करने के लिए रजवाहे पर अस्थाई पुल बना दिया। इसकी किसी तरह की अनुमति नहीं ली गई। बावजूद इसके सिंचाई विभाग की पटरी को भी घेर लिया है। साइट आॅफिस बनाकर बिल्डर ने प्लाटिंग की शुरूआत भी कर दी।
इसका किसी तरह का मानचित्र स्वीकृत नहीं है, लेकिन मौके पर बैठे बिल्डर ने लोगों को जाल में फंसाने के लिए मानचित्र स्वीकृत होने की बात कह रहे हैं। एमडीए से इसकी जानकारी ली गई तो बताया गया कि इस कॉलोनी का कोई मानचित्र एमडीए में दाखिल नहीं हैं। मानचित्र स्वीकृत होने के बाद ही इस कॉलोनी में काम कराया जा सकता था, पहले ही कैसे काम कराया जा रहा हैं, यह बड़ा सवाल हैं।
साइट आॅफिस पर प्लाटों की बिक्री आरंभ कर दी है। इसको लेकर मेरठ विकास प्राधिकरण के इंजीनियर गंभीर नहीं दिख रहे हैं। गुरुवार को भी दिनभर प्लाटों की दीवार भरने का काम चलता रहा। जहां पर सड़क बनाई जा रही है, वहां मिट्टी डालकर दोनों तरफ दीवार लगाई जा रही है। इसको भी मेरठ विकास प्राधिकरण ने नहीं रोका।
आखिर मेरठ विकास प्राधिकरण के इंजीनियर शुरुआत में ही अवैध कालोनियों पर कार्रवाई क्यों नहीं कर रहे हैं। यह बड़ा सवाल है। बाद में मेरठ विकास प्राधिकरण की मेन पावर भी लगती है और मशीनरी का भी प्रयोग होता है। अभी तक प्राधिकरण ने कार्रवाई क्यों नहीं की ?
सिर्फ नोटिस भेजकर ही खानापूर्ति की जा रही है। इसके बाद भी बिल्डर को पूरा मौका कॉलोनी बेचने का एमडीए द्वारा दिया जाता रहा हैं। यही वजह है कि शहर में व्यापक स्तर पर अवैध कालोनियों की बाढ़ आ गई है, जिस पर प्राधिकरण कोई कार्रवाई नहीं कर रहा हैं।