- पूरे महीने मेरठ के बाशिंदों ने ली स्वच्छ हवा
जनवाणी संवाददाता |
मोदीपुरम: सावन के महीने में हो रही बारिश के कारण शहर का प्रदूषण बारिश में धुल गया है। शहर प्रदूषण से साफ एवं स्वच्छ हो गया है। अगर मौसम विभाग के आंकड़ों पर नजर डाली जाए तो उससे साफ जग जाहिर हो रहा है कि जुलाई के इस पूरे महीने में मेरठ के बाशिंदों ने पहली बार स्वच्छ हवा ली है। बढ़ता प्रदूषण इस शहर के बाशिंदों को जहां परेशान कर रहा था। वहीं, बीमारी की और भी ले जा रहा था, लेकिन पहली बार शहर में प्रदूषण बिल्कुल साफ और स्वच्छ हो गया है।
प्रदूषण विभाग द्वारा जारी किए गए आंकड़ों को देखा जाए तो इस समय मेरठ में प्रदूषण का स्तर 47 चल रहा है। यह स्तर अब तक का सबसे कम है। सामान्य स्तर पर शहर का प्रदूषण स्तर लगभग 100 के आसपास होना चाहिए, लेकिन इस समय शहर में प्रदूषण बेहद अच्छा और साफ है। उसका मुख्य कारण सावन के महीने में बारिश का होना है। क्योंकि बारिश में प्रदूषण के डस्ट धुल जाते हैं।
जो आसमान में जमा रहते हैं, लेकिन उनके धुलते ही प्रदूषण का स्तर कम हो जाता है। अगर वेस्ट यूपी के आसपास के जनपदों में भी देखा जाए तो वहां भी प्रदूषण का स्तर कम हुआ है। हालांकि बागपत के बाद मेरठ का दूसरा नंबर है। जो प्रदूषण में बेहद कम है। ऐसे में अब यहां के नागरिकों की भी जिम्मेदारी है कि अब इस घटते प्रदूषण की रोकथाम के लिए खुद भी जिम्मेदारियों का निर्वाह करना होगा।
क्योंकि जुलाई के महीने में सावन का महीना होने के कारण बारिश हो रही है। जिससे प्रदूषण कम हो रहा है, लेकिन जब सावन का महीना समाप्त हो जाए तो प्रदूषण में बढ़ोतरी होना निश्चित है। ऐसे में नागरिकों को इस प्रदूषण की रोकथाम के लिए आगे आना होगा।
फूहड डीजे से बढ़ा शहर का ध्वनि प्रदूषण
कांवड़ यात्रा के दौरान डीजे की धुन पर शिवभक्तों द्वारा जमकर नृत्य किया गया है। डीजे की धुन के चलते इस बार ध्वनि प्रदूषण में इजाफा हुआ है। ध्वनि प्रदूषण के कारण पहली बार पल्लवपुरम ने इस बार सबसे अधिक प्रदूषण होने का रिकॉर्ड भी अपने नाम कर लिया है।
प्रदूषण विभाग द्वारा शहर के तीन स्थानों का ध्वनि प्रदूषण चेक किया। जिसके चलते ध्वनि प्रदूषण बढ़ा हुआ निकला है। क्योंकि यह प्रदूषण खतरनाक स्थिति में पहुंच गया है। इसके पहुंचने के कारण लोगों को परेशानी हुई है। यह बढ़ता प्रदूषण मानव के जीवन पर बेहद गहरा प्रभाव डालता है। स्वास्थय पर भी इसका असर देखने को मिलता है।
हार्ट के मरीजों के लिए खतरनाक डीजे की धुन
इस बार कांवड़ यात्रा के दौरान डीजे की धुन बजने के कारण ध्वनि प्रदूषण बढ़ा है। ऐसे में हार्ट के मरीजों को परेशानी हुई है। जबकि कान के मरीजों को भी परेशानी होती दिखाई दी है। कांवड़ यात्रा के दौरान फूहड डीजों से गाड़ियों के शीशे भी टूट गए हैं। हार्ट के मरीज बेहद परेशानी से जूझते हुए नजर आए। जिनके लिए बेहद खतरनाक है।
इन शहरों में प्रदूषण का स्तर
मेरठ 47
बागपत 43
गाजियाबाद 77
मुजफ्फरनगर 86
नोएडा 65
शामली 80
सहारनपुर 55
मेरठ में प्रदूषण का स्तर
गंगानगर 34
पल्लवपुरम 43
जयभीमनगर 61
शहर में ध्वनि प्रदूषण स्तर
पल्लवपुरम 86.4 डेसी बल
बेगमपुल 78 डेसी बल
दौराला 81 डेसी बल
बारिश के बाद उमस कर रही परेशान
मोदीपुरम: सावन के महीने में बारिश का दौर लगातार चल रहा है, लेकिन उसके बाद उमस का प्रकोप भी कम नहीं हो रहा है। बारिश बंद होने के बाद मौसम में उमस का दौर बढ़ जाता है और गर्मी का अहसास होने लगता है। पसीने और चिपचिपी वाली गर्मी के पड़ने से लोगों को परेशानी खड़ी हो जाती है। गुरुवार को भी सुबह बारिश हुई इसके बाद उमस का प्रकोप बढ़ गया। फिर शाम में बारिश हुई। जिसके बाद लोगों ने गर्मी से राहत महसूस की है।
राजकीय मौसम वैधशाला पर दिन का अधिकतम तापमान 33.9 डिग्री एवं न्यूनतम तापमान 23.7 डिग्री सेल्सियस दर्ज किया गया। अधिकतम आर्द्रता 92 एवं न्यूनतम आर्द्रता 64 प्रतिशत दर्ज की गई। हवा का रुख साफ रहा, लेकिन बारिश दिन में 00.6 मिमी और शाम में 01.2 मिमी दर्ज की गई। मौसम वैज्ञानिक डा. यूपी शाही का कहना है कि तीन अगस्त तक बारिश का दौर रहेगा। उमस भरी गर्मी का प्रकोप भी झेलना पड़ेगा।