- बड़ी पावरलूम इकाइयों पर पड़गा विपरीत प्रभाव यूनिटों में निर्मित सामान की दरों में आएगा उछाल
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: एक ओर प्रदेश सरकार ने हथकरघा उद्योग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने बुधवार को कैबिनेट की बैठक में बुनकरों के लिए मुख्यमंत्री हैंडलूम एवं पावरलूम उद्योग विकास योजना को मंजूरी दी है। दूसरी ओर फ्लैट रेट पर बिजली देने की योजना को पांच किलोवाट तक के कनेक्शन तक सीमित कर दिया है। सरकार के इस निर्णय से को लेकर पावरलूम उद्योग से जुड़े लोगों ने असहमति जताई है। उनका कहना है कि इससे छोटे बुनकरों को भले ही लाभ हो, लेकिन बड़ी इकाइयों पर विपरीत असर पड़ेगा। जिससे पावरलूम यूनिटों में बनने वाले सामान की दरों में वृद्धि होगी।
पावरलूम वस्त्र उद्योग एसोसिएशन के अध्यक्ष नवीन अरोरा और महामंत्री अंकुर अरोरा ने कहा कि हालांकि हथकरघा उद्योग को बढ़ावा देने के उद्देश्य से प्रदेश सरकार ने बुधवार को कैबिनेट की बैठक में बुनकरों के लिए मुख्यमंत्री हैंडलूम एवं पावरलूम उद्योग विकास योजना को मंजूरी दी है। जिसमें यूनिट लगाने के लिए कई आकर्षक योजनाओं को लॉन्च किया गया है। जिनसे बेरोजगारों को निश्चित रूप से लाभ मिलेगा। लेकिन इनमें एक अड़चन यही है कि जो यूनिट वर्तमान में चल रही हैं, उनके हितों के लिए कोई प्रयास नहीं हुआ है। उल्टे मध्यम और बड़ी पावरलूम इकाइयों को फ्लैट रेट योजना से पूरी तरह बाहर कर दिया गया है।
इसका पावरलूम उद्योग पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ेगा। खंदक के प्रमुख व्यवसायी नीलकमल रस्तोगी का कहना है कि जो योजनाएं लाई गई हैं, उनका छोटे उद्योग लगाने वाले ताने बाने करने वाले मजदूरों के लिए ही इनका लाभ होगा। सिर्फ पावरलूम मशीनें ही नहीं, इनसे जुड़े बहुत से काम होते हैं। सरकार को इन सबके लिए विचार करना चाहिए। एक कपड़ा उद्योग से सिर्फ बुनकर ही नहीं, विभिन्न श्रमिकों से लेकर व्यापारी तक जुड़े होते हैं। व्यापारी पंकज बंसल के अनुसार जो नई योजनाएं बुनकरों के लिए लाई गई हैं, उनसे व्यापार को घाटा होगा। कपड़े की कीमत में वृद्धि होगी। जो अपने हाथ से पावरलूम चलाएगा, वही लाभ ले पाएगा।
दूसरे प्रदेश के मुकाबले व्यापारी और निर्माता टिक नहीं पाएंगे। इन योजनाओं का लाभ बनारस के साड़ी उद्योग, अम्बेडकर नगर, मऊ और गोरखपुर के बुनकरों को अधिक मिलेगा। मेरठ और आसपास कपड़ा उद्योग से जुड़े श्रमिकों और व्यापारियों के हिस्से इसमें से कुछ खास आने वाला नहीं है। इन व्यापारी नेताओं और बुनकरों का कहना है कि अभी तक फ्लैट रेट से बुनकरों को 150 रुपये प्रति लूम की दर से बिजली मिलती रही है। इसमें कुछ फैक्ट्रियों में 50 से अधिक तक लूम लगी हुई हैं। जिन्हें फ्लैट रेट स्कीम का लाभ मिलता रहा है। लेकिन नई योजना में पांच किलो वाट तक की सीमा रखे जाने के कारण केवल घरों में लगने वाली छोटी इकाइयों को ही लाभ मिल सकेगा।
नई फ्लैट रेट योजना का यह होगा स्वरूप
बुनकर संगठनों की फ्लैट रेट पर बिजली देने की मांग को मानते हुए प्रदेश सरकार ने आर्थिक रूप से कमजोर बुनकरों के लिए अटल बिहारी वाजपेयी पावरलूम बुनकर विद्युत फ्लैट रेट योजना शुरू की है, जो एक अप्रैल-2023 से लागू मानी जाएगी।
इस योजना के अंतर्गत पांच किलोवाट तक के विद्युत कनेक्शन वाले पावरलूम बुनकरों को फ्लैट रेट यानि मासिक के आधार पर बिजली दी जाएगी। इसमें शर्त यह रखी गई है कि कनेक्शन धारक को अपने पावरलूम के लिए सभी सहयोगी उपकरण व आवश्यक बत्ती-पंखे इसी पांच किलोवाट भार तक सीमित करने होंगे। कैबिनेट की बैठक में पास की गई इस योजना से सरकार पर प्रति वर्ष लगभग 400 करोड़ का अतिरिक्त भार पड़ने का अनुमान लगाया गया है।
ये है योगी सरकार की नई योजनाएं
एमएसएमई व खादी ग्रामोद्योग हथकरघा विभाग की ओर से लाए गए प्रस्ताव में हथकरघा और पावरलूम की खरीद पर 80 से 60 प्रतिशत का अनुदान दिया जाएगा। इस योजना का लाभ अपनी भूमि होने के बावजूद दूसरों के यहां जाकर बुनाई करने वाले बुनकरों को अधिक मिलेगा। हथकरघा बुनकर को एक पिटलूम अनुमानित मूल्य 25 हजार रुपये के लिए 80 प्रतिशत या 20 हजार रुपये जो भी कम हो, राज्य सरकार से अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा।
हथकरघा बुनकर को एक फ्रेमलूम (जैकार्ड सह उपकरणों सहित) अनुमानित मूल्य 40 हजार रुपये पर 75 प्रतिशत अथवा 30 हजार रुपये जो भी कम हो, राज्य सरकार की ओर से अनुदान दिया जाएगा। उपरोक्त दोनों योजनाओं में अधिकतम दो हथकरघा के लिए अनुदान मिल सकेगा। वहीं पावरलूम योजना के तहत तीन श्रेणियां बनाई गई हैं। जिसमें नए पावरलूम, सेमी आटोमैटिक पावरलूम व आटोमैटिक पावरलूम क्रय की सुविधा प्रदान की जाएगी।
एक नए पावरलूम का अनुमानित बाजार मूल्य 1.25 लाख रुपये है। इसके लिए प्रति पावरलूम 75 हजार रुपये अथवा 60 प्रतिशत जो भी कम हो, राज्य सरकार अनुदान उपलब्ध कराएगी। एक सेमी आटोमैटिक पावरलूम का अनुमानित बाजार मूल्य 1.50 लाख रुपये है। सेमी आटोमैटिक पावरलूम क्रय करने के लिए प्रति पावरलूम 90 हजार रुपये अथवा 60 प्रतिशत जो भी कम हो, राज्य सरकार से अनुदान मिल सकेगा। एक आटोमैटिक पावरलूम, शटललेस लूम, रैपियर लूम का अनुमानित बाजार मूल्य पांच लाख रुपये प्रति पावरलूम है।
पावरलूम बुनकरों को आटोमैटिक पावरलूम, शटललेस लूम, रैपियर लूम क्रय करने के लिए प्रति पावरलूम पांच लाख रुपये अथवा 60 प्रतिशत जो भी कम हो, राज्य सरकार के माध्यम से अनुदान उपलब्ध कराया जाएगा। इसमें एक सुविधा यह भी दी गई है कि यदि बुनकर अपना अंश लगाने में सक्षम नहीं है, तो वह 40 प्रतिशत धनराशि के लिए दो लाख रुपये बैंक से ऋण ले सकता है।