नमस्कार, दैनिक जनवाणी डॉटकॉम वेबसाइट पर आपका हार्दिक अभिनंदन और स्वागत है। तिब्बत की धरती आज भयानक भूकंप (Tibet Earthquake) से दहल गई है। इस भूकंप में बड़ा नुकसान तिब्बत को उठाना पड़ा है। न्यूज एजेंसी एएफपी ने चीनी मीडिया शिन्हुआ के हवाले से बताया कि आज मंगलवार को नेपाली सीमा के पास तिब्बत में 7.1 तीव्रता के भूकंप से धरती कांप गई। इस घटना में 95 लोगों की मौत हो गई है और 53 लोग घायल हो गए। आज मंगलवार की सुबह भूकंप के झटके भारत तक महसूस किए गए हैं। बिहार, असम और पश्चिम बंगाल समेत देश के कई हिस्सों में तेज झटके महसूस किए गए।
जानकारी के मुताबिक भूकंप का केंद्र 28.5 डिग्री उत्तरी अक्षांश और 87.45 डिग्री पूर्वी देशांतर पर था। चीन भूकंप नेटवर्क केंद्र द्वारा जारी एक रिपोर्ट के अनुसार, भूकंप 10 किलोमीटर की गहराई पर आया है। नेपाल उस क्षेत्र में बसा है, जहां भारतीय और यूरेशियन टेक्टोनिक प्लेट टकराती हैं, जिससे हिमालय बनता है और अक्सर भूकंप आते रहते हैं। साल 2015 में नेपाल में आए 7.8 तीव्रता का भूकंप आया था, जिसमें करीब 9,000 लोग मारे गए थे और 22,000 से ज़्यादा लोग घायल हो गए थे। इसमें पांच लाख से ज्यादा घर तबाह हो गए थे।
नेशनल सेंटर फॉर सीस्मोलॉजी (NCS) के मुताबिक, भूकंप सुबह 6:35 बजे महसूस किया गया था। NCS के डेटा के मुताबिक, भूकंप के तुरंत बाद इस क्षेत्र में दो और भूकंप आए।
दूसरे भूकंप की तीव्रता 4.7 थी, जो सुबह 7 बजकर 2 मिनट पर आया, जो कि 10 किलोमीटर की गहराई पर था। वहीं तीसरा भूकंप 4.9 तीव्रता का था, जो सुबह 7 बजकर 7 मिनट पर आया, जो कि 30 किलोमीटर की गहराई पर था।
बिहार, बंगाल में भी कांपी धरती
तिब्बत में आए भूकंप का असर भारत तक देखा गया। बिहार, पश्चिम बंगाल, असम की धरती बुरी तरह से कांप गई। डर के मारे लोग घरों से बाहर निकल आए। बिहार में लोग अपने घरों और अपार्टमेंट से बाहर देखे गए। भूकंप के कारण किसी तरह के जानमाल के नुकसान की खबर यहां पर नहीं है।
कांपी धरती, ढहीं इमारतें
तिब्बत में आए भूकंप में कई इमारतें ढह गई हैं। सरकारी मीडिया ने बताया कि पड़ोसी नेपाल की राजधानी काठमांडू और भारत के कुछ हिस्सों में भी भूकंप के झटके महसूस किए गए थे। चीन के स्टेट ब्रॉडकास्टर की तरफ से जारी वीडियो में भूकंप के बाद नष्ट हुए घरों, दीवारों के टूटने और खंडहरों में बिखरे मलबे को दिखाया गया है।
चीन भूकंप नेटवर्क केंद्र (CENC) के मुताबिक, नेपाल की सीमा के पास डिंगरी काउंटी में सुबह 9:05 बजे (0105 GMT) 6.8 तीव्रता का भूकंप आया। अमेरिकी भूवैज्ञानिक सर्वेक्षण के मुताबिक, भूकंप की तीव्रता 7.1 थी।
भूकंप आने की ये है वजह
पृथ्वी के अंदर सात प्लेट्स मौजूद हैं, जो लगातार घूमती रहती हैं। जिस भी जगह पर ये प्लेट्स ज्यादा टकराती हैं, वह जोन फॉल्ट लाइन कहा जाता है। जब ये प्लेट्स बार-बार टकराती हैं तो इनके कोने मुड़ते हैं। ज्यादा दबाव बनने पर ये प्लेट्स टूटने लगती हैं। नीचे दबी एनर्जी बाहर आने का रास्ता ढूंढती है और डिस्टर्बेंस के बाद भूकंप आता है।
भूकंप की कितनी तीव्रता खतरनाक
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0 से 1.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप सिर्फ सीज्मोग्राफ से पता चलता है।
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2 से 2.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर हल्का हिलती है।
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3 से 3.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर ऐसा लगता है कि कोई भारी वाहन नजदीक से गुजरा।
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4 से 4.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर दीवारों पर कांच की खिड़कियां टूट सकती हैं।
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5 से 5.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर फर्नीचर हिल-डुल सकता है।
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6 से 6.9 रिक्टर स्केल पर भूकंप आने पर इमारतों की नींव और ऊपरी मंजिलों को नुकसान पहुंच सकता है।
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