- रविवार 24 अक्टूबर को मनाया जाएगा करवा चौथ
- इस साल रोहिणी नक्षत्र में होगा चांद का पूजन
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: करवाचौथ के दिन सुहागिन महिलाएं पति की लंबी उम्र की कामना के लिए निर्जला व्रत रखती हैं। रात में चांद देखने के बाद व्रत खोला जाता है। कार्तिक मास के कृष्ण पक्ष की चतुर्थी को यह व्रत रखा जाता है। इस साल चतुर्थी 24 अक्टूबर दिन रविवार को पड़ रही है। खास बात ये है कि पांच साल बाद करवाचौथ पर शुभ योग बन रहा है। करवा चौथ पर रोहिणी नक्षत्र में पूजन होगा, तो वहीं रविवार का दिन होने की वजह से सूर्य देव का व्रती महिलाओं को आशीर्वाद प्राप्त होगा।
ज्योतिषाचार्य आलोक शर्मा ने बताया कि पांच साल बाद करवाचौथ रविवार को पड़ रही है। आठ अक्टूबर 2017 को रविवार के दिन ये व्रत रखा गया था। इस साल 24 अक्टूबर 2021 को भी रविवार का दिन है। रविवार का दिन सूर्य देव को समर्पित है। सूर्यदेव के आरोग्य और दीर्घायु का आशीर्वाद प्रदान करते हैं। इस दिन महिलाएं सूर्य देव का पूजन कर पति की दीर्घायु की कामना करें। शुभ मुहूर्त में पूजन करने से व्रती महिलाओं की हर इच्छा पूरी होगी।
शास्त्रों के अनुसार सौभाग्यवती महिलाएं अखंड सौभाग्य एवं अपने पति की दीर्घायु, उत्तम स्वास्थ्य और समृद्धि के लिए यह व्रत करती हैं। इस दिन कार्तिक कृष्ण पक्ष की चतुर्थी प्रात: काल सूर्योदय से अगली प्रात 5:45 बजे तक रहेगी। चतुर्थी को रोहिणी नक्षत्र का भी योग बन रहा है। रोहिणी नक्षत्र के दिन करवा चौथ का होना भी बहुत शुभ माना गया है। यह महिलाओं के सौभाग्य की वृद्धि करता है।
इस दिन वृषभ के चंद्रमा जो उनकी अपनी उच्च राशि है उसमें पूरे दिन विराजमान रहेंगे। इस कारण करवाचौथ का व्रत धाता एवं सर्वार्थ सिद्धि योग, वृषभ राशि उच्च का चंद्रमा और रोहिणी नक्षत्र में मनाया जाएगा। पर्व पर सौभाग्यवती महिलाएं एकत्र होकर किसी बुजुर्ग महिला से कहानी सुनती हैं और आपस में करवा बदलती हैं। ऐसा माना जाता है कि करवा बदलने से पारिवारिक महिला सदस्य देवरानी-जेठानी, सास-बहू में पे्रेम की वृद्धि होती है।
पूजन का शुभ मुहूर्त
24 अक्टूबर को रविवार होने से प्रात: 11:36 बजे से 12:24 बजे तक विशेष मुहूर्तराज अभिजित मुहूर्त होता है। इसमें करवाचौथ व्रत की पूजा करने का कई गुना फल मिलता है। उसके पश्चात स्थिर लग्न (कुंभ लग्न) 14:21 से 15:49 तक रहेगा। यह करवाचौथ की कहानी सुनने एवं पूजन करने के लिए श्रेष्ठ है।
रात्रि 8:09 बजे चंद्रमा उदय होंगे। इसी समय में सर्वश्रेष्ठ बात यह है कि उस समय भी वृषभ लग्न रहेगा और 18:50 से 20:46 बजे तक रहेगा। चंद्रमा भी वृषभ लग्न में रहेंगे। ऐसे शुभ संयोग में सौभाग्यवती महिलाएं चंद्रमा को देखकर अर्घ्य देंगी और अपने पति के दर्शन कर व्रत खोलेंगी। सौभाग्यशाली महिलाओं के लिए इस वर्ष का यह पर्व अखंड सुहाग के लिए बहुत ही उत्तम रहेगा।