- ऐतिहासिक गांधी आश्रम की बिल्डिंग को क्षति पहुंचाने का है मामला
जनवाणी संवाददाता |
मेरठ: गांधी आश्रम की प्राचीन बिल्डिंग को क्षति पहुंचाकर कब्जे के प्रयास का मामला अब हाई कोर्ट पहुंच गया है। समाजसेवी लोकेश खुराना ने गांधी आश्रम को लेकर जनहित याचिका दायर की है, जिसमें गृह मंत्रालय, डीएम, मेरठ खादी ग्राम उद्योग और रेणुका आशियाना कंपनी को पार्टी बनाया गया हैं। अब इस मामले में नए वर्ष के प्रथम सप्ताह में मुख्य न्यायधीश की बेंच में सुनवाई होगी। क्योंकि जनवरी 2022 में हाईकोर्ट खुलेगा।
गांधी आश्रम की जमीन की तथाकथित तरीके से लीज रेणुका आशियाना कंपनी को गांधी आश्रम समिति की तरफ से की गई थी। इस लीज को डिप्टी रजिस्ट्रार अरविंद कुमार ने गलत ठहराते हुए निरस्त कर दिया था। इसका एक पत्र डिप्टी रजिस्ट्रार व आयोग के डायरेक्टर राजेश कुमार ने भी जारी किया था। यही नहीं, डिप्टी डायरेक्टर की तरफ से एक पत्र खादी ग्रामोद्योग आयोग के डायरेक्टर राजेश कुमार श्रीवास्तव को भेजा गया था, जिसमें स्पष्ट लिखा है कि इस मामले की जांच कर एफआईआर दर्ज कराई जाए तथा जो ऐतिहासिक गांधी आश्रम की धरोहर स्वरूप बिल्डिंग है उसे नष्ट करने से रोका जाए।
इसके बाद ही प्रशासन हरकत में आया और डीएम के आदेश पर एसीएम सिविल लाइन ने मौके पर पहुंचकर चल रही तोड़फोड़ को रुकवा दिया था। तब से गांधी आश्रम की ऐतिहासिक बिल्डिंग को तोड़ने की प्रक्रिया तो बंद है, लेकिन अभी तक थाने में प्रशासन या फिर आयोग की तरफ से ऐतिहासिक गांधी आश्रम की बिल्डिंग को क्षति पहुंचाने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज नहीं कराई। अब लोगों को उम्मीद जगी है कि गांधी आश्रम को लेकर हाईकोर्ट में जो जनहित याचिका दायर की गई है इसमें निश्चित रूप से न्याय मिलेगा तथा गांधी आश्रम की सम्पत्ति को क्षति पहुंचाने वालों के खिलाफ कानूनी कार्रवाई हो सकती है।