- सहारनपुर में कांग्रेस और भाजपा दोनों ने नहीं घोषित किए उम्मीदवार
- पश्चिम की कुछ सीटों पर बदले जा सकते हैं उम्मीदवार
जनवाणी संवाददाता |
सहारनपुर: ऐसा शायद पहली दफा है जब नामांकन और मतदान तथा मतगणना की तारीख घोषित हो गई किंतु प्रमुख दलों के तमाम उम्मीदवारों का नाम अधर में है। भाजपा की तीसरी लिस्ट आनी बाकी है तो कांग्रेस ने राज्य के अपने कोटे की 17 सीटों पर सन्नाटे की चादर डाल रखी है।
बता दें कि सत्तानशीं भाजपा ने सबसे बड़े राज्य यूपी में अभी तक 51 नामों का ऐलान किया है। इनमें सहयोगी दलों की पांच सीटें भी हैं, जिसमें रालोद, सुभासपा, अपना दल एस जैसे सहयोगियों के उम्मीदवार भी हैं। भाजपा अभी तक भी 24 सीटों पर प्रत्याशी नहीं घोषित किए हैं। माना जा रहा था कि 18 मार्च तक इनके नामों की घोषणा हो जाएगी। लेकिन, 20 मार्च की शाम तक भी असमंजस बरकरार है। जिन सीटों पर मशक्कत हो रही है उनमें पश्चिम की मुरादाबाद, गाजियाबाद, अलीगढ़, मेरठ,बदायूं, पीलीभीत और सहारनपुर भी है। सूत्रों का कहना है इन सीटों पर प्रत्याशी बदले जा सकते हैं। लेकिन, सहारनपुर सीट पर लगभग सहमति बन चुकी है और पूर्व सांसद राघव लखन पाल शर्मा को टिकट दिए जाने की पूरी उम्मीद है।
राजनीति के लालबुझक्कड़ों का कहना है कि भाजपा गाजियाबाद, मेरठ, मुरादाबाद, पीलीभीत, इलाहाबाद, बरेलीऔर बदायूं जैसी सीटों पर बदलाव करने के मूड में है। ऐसे मेें रीता बहुगुणा जोशी, संतोष गंगवार, संघमित्रा मौर्य. वरुण गांधी जैसे दिग्गज नेताओं को किनारे किया जा सकता है। उधर, अखिलेश यादव ने कांग्रेस के लिए 17 सीटें दी हैं,जिनमें सहारनपुर भी है। सहारनपुर में कहा जा रहा है कि इमरान मसूद कांग्रेस के उम्मीदवार होंगे लेकिन, पूर्व एमएलसी गजे सिंह, जिलाध्यक्ष मुजफ्फर अली गुर्जर भी लाइन में लगे हैं।
बहरहाल, चुनावी जंग तभी दिलचस्प मोड़ पर पहुंचेगी जब भाजपा और सपा-कांग्रेस गठबंधन के उम्मीदवारों के नामों की घोषणा हो जाएगी। अगर गहराई में जाएं तो पाएंगे कि बसपा सुप्रीमो ने भाजपा के वोट बैंक में सेंध लगा दी है। मुजफ्फरनगर की बात करे्ं तो यहां से माया ने दारा प्रजापति को उतार दिया है। इसी सीट पर डेढ़ लाख के करीब प्रजापति मतदाताा हैं तो करीब तीन लाख दलित मतदाता हैं। इसमें यदि मुस्लिमों को भी प्लस किया जाए तो भाजपा के लिए यहां बड़ी चुनौती होगी। इसी तरह मेरठ-हापुड़ सीट पर बसपा ने देवव्रत त्यागी को उतार कर भाजपा के पारंपरिक वोटबैंक यानि कि त्या्गी समाज में सेंध लगाने की कोशिश की है। बागपत में भी बसपा ने गुर्जर बिरादरी का प्रत्याशी उतार दिया है। कुल मिलाकर भाजपा को माया ने सांसत में डाल दिया है तो कांग्रेस को भी कुछ सूझ नहीं रहा है। सहारनपुर की बात करें तो यहां बसपा ने अपेक्षाकृत अन्य सीटों के कमजोर कंडीडेट पर दांव चला है। फिलवक्त, तस्वीर धुंधली है। साफ होने में एक-दो दिन का वक्त और लगेगा।
किसी ने भी नहीं किया नामांकन
बुधवार को कलक्ट्रेट में पुलिस प्रशासन ने सारी व्यवस्थाएं कीथीं। नामांकन कक्ष बना दिए गए हैं। लेकिन, किसी प्रत्याशी ने नामांकन नहीं किया। चूंकि कांग्रेस और भाजपा के प्रत्याशी घोषित नहीं हुए हैं , लिहाजा इन दलों का कूच नहीं हुआ। किसी निर्दलीय ने भी नामांकन नहीं किया।