जनवाणी ब्यूरो |
मेरठ: अलीपुर मोरना गांव में वन विभाग द्वारा भूमि खाली करने से नाराज किसान जगबीर ने शुक्रवार को तहसील प्रांगण में अपने ऊपर पेट्रोल छिड़क कर आग लगाकर आत्मदाह का प्रयास किया था। जिसमें वह 70 प्रतिशत जल चुका था।
किसान की आत्महत्या की खबर से शासन प्रशासन के अधिकारियों में हड़कंप मच गया था। किसान को मेरठ के प्राइवेट हॉस्पिटल में भर्ती कराया गया है जहां पर उसकी हालत अभी नाजुक बताई जा रही है।
इस बात से गांव में आक्रोश है सैकड़ों की संख्या में ग्रामीण तहसील पहुंचकर घेराव कर न्याय मांग रहे थे, जिसकी सूचना प्रशासनिक अधिकारियों को लगी। सूचना मिलते ही एसडीएम अखिलेश यादव थाना प्रभारी विजय बहादुर गांव में पहुंचे, जहां उन्होंने ग्रामीणों से इस विषय पर बातचीत की।
वहीं गांव में तनाव की स्थिति देखते हुए भारी संख्या में पुलिस फोर्स तैनात है। बताया जा रहा है कि किसान की हालत नाजुक बनी हुई है। दोपहर बाद मंत्री दिनेश खटीक भी अलीपुर मोरना पहुंचे और ग्रामीणों से बातचीत की। इस दौरान मौके पर भारी संख्या में लोग मौजूद रहे।
इस मामले में एसडीएम अखिलेश यादव ने ग्रामीणों को हर संभव मदद का आश्वासन दिया। साथ कहा कि इस मामले में निष्पक्षता से पूरी जांच कराई जाएगी। वहीं सैकड़ों ग्रामीण तहसील जाने की जिद पर अड़े हुए थे। एसडीएम अखिलेश यादव और थाना प्रभारी विजय बहादुर ग्रामीणों से बातचीत कर उन्हें समझाने का प्रयास कर रहे हैं।
वहीं, किसान जगबीर के आत्मदाह के प्रयास के मामले में डीएम दीपक मीणा ने जांच बैठा दी है। एडीएम प्रशासन अमित कुमार और एसपी देहात कमलेश बहादुर जांच करेंगे। डीएम ने 48 घंटे में रिपोर्ट मांगी है।
डीएम ने कहा कि अगर कोई दोषी मिला तो सख्त एक्शन होगा। उन्होंने कहा कि पहली प्राथमिकता पीड़ित के बेहतर इलाज की है। डीएम ने कहा कि वन विभाग की जमीन पर अतिक्रमण की शिकायत थी, जिससे अतिक्रमण हटाया गया था। किसान जगबीर जमीन की दोबारा से पैमाइश की एप्लीकेशन लेकर पहुंचे थे, लेकिन जांच और कार्रवाई से पहले ही आत्मदाह कर लिया। जांच में किसी की लापरवाही मिली तो सख्त एक्शन होगा।
सीएचसी के चिकित्सक डॉक्टर अनिल शर्मा ने बताया कि किसान 70 फीसदी जल गया है। उसे मेरठ के लिए रेफर किया गया है। वहीं ग्रामीणों ने वन विभाग पर किसान की फसल को जबरन जोतने का आरोप लगाया गया है।